इस दुखद घटना ने मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक समुदाय का व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। ऐसा हिंसक वातावरण बांग्लादेश में पांथिक अल्पसंख्यकों के सामने लगातार आने वाले खतरे को उजागर करता है, जहां भीड़ की हिंसा और राज्य की निष्क्रियता खतरनाक रूप से आम बात हो चली है। HRCBM अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने और उत्सव मंडल को, उसके आहत परिजन को न्याय दिलाने के साथ-साथ बांग्लादेश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न के व्यापक मुद्दे को गंभीरता से देखने का आग्रह करता है।
बांग्लादेश के खुलना शहर के 16 साल के हिंदू छात्र उत्सव मंडल को व्हाट्स एप मैसेज के माध्यम से छल में फंसा कर मार डाला गया। सोशल मीडिया मैसेज को लेकर उस पर मजहबी उन्मादियों ने ईशनिंदा का आरोप लगाने के बाद पुलिस और फौजियों की उपस्थिति में पीट—पीटकर मार डाला गया। इस दौरान इस्लामवादियों की भीड़ ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगाते रहे और पुलिस वाले मूकदर्शक बने उस हिन्दू किशोर की लोगों द्वारा उंगलियों से आंखें फोड़ने के दृश्य देखते रहे!
सुरक्षाकर्मियों की आंखों के सामने हुई उत्सव की लिंचिंग वीडियो में कैद हो गई, जिसमें उत्सव के बेजान शरीर को सेना के जवान घसीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद दो तरह की रिपोर्ट सामने आईं, जिसमें कुछ मीडिया समूहों का दावा था कि उत्सव मर चुका था, जबकि अन्य ने सेना के जवानों के हवाले से कहा कि वह उस वक्त जीवित था।
ऐसे विरोधाभासी बयानों के सामने आने पर सरकारी अधिकारियों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा होता है। देश के अल्पसंख्यकों में जहां इस घटना से दहशत व्याप्त है तो वहीं वे आक्रोशित भी हैं। लोगों को लग रहा है कि बांग्लादेश के सरकारी आधिकारी उत्सव की लिंचिंग को छुपाने के लिए बयानों में हेरफेर कर रहे हैं।
लेकिन वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि यह पूरी घटना सुरक्षाबलों की देखरेख में ही हुई, जिसमें उत्सव अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश करता दिख रहा है लेकिन मजहबी उन्मादियों की भीड़ उसे बोलने नहीं दे रही है। न तो पुलिस वाले, न ही सेना के जवान उन्मादी भीड़ को शांत करने के प्रयास करते दिख रहे हैं।
वहीं बैठा उत्सव का परिवार असमंजस में है और उसके चेहरे पर भय साफ देखा जा सकता है। भीड़ उनके बीच से उत्सव को कथित रूप से खींचते हुए ले गई और उसके साथ पशुता बरती गई।
इस घटना को बांग्लादेश की कट्टरपंथियों की देखरेख में चल रही अंतरिम सरकार ने तो नहीं, लेकिन बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के संगठन एचआरबीएम ने गंभीरता से लिया है। संगठन ने उत्सव की वर्तमान स्थिति और उसकी लिंचिंग से जुड़ी हिंसक घटना की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है। HRCBM ने यह मांग भी की है कि, यदि उत्सव सच में मारा जा चुका है, तो उसके शव को आवश्यक अंतिम संस्कार के लिए उसके परिवार को लौटाना चाहिए। संगठन उत्सव की हत्या की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी के महत्व पर जोर देता है।
इस दुखद घटना ने मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक समुदाय का व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। ऐसा हिंसक वातावरण बांग्लादेश में पांथिक अल्पसंख्यकों के सामने लगातार आने वाले खतरे को उजागर करता है, जहां भीड़ की हिंसा और राज्य की निष्क्रियता खतरनाक रूप से आम बात हो चली है। HRCBM अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने और उत्सव मंडल को, उसके आहत परिजन को न्याय दिलाने के साथ-साथ बांग्लादेश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न के व्यापक मुद्दे को गंभीरता से देखने का आग्रह करता है।
जैसा पहले बताया, 16 साल के छात्र उत्सव मंडल की लिंचिंग के वीडियो और रिपोर्ट लगातार प्रसारित हो रहे हैं। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हालांकि, बहुत से लोग मानते हैं कि बिना त्वरित और निर्णायक हस्तक्षेप के, उत्सव के लिए न्याय कभी नहीं मिल सकता। वैश्विक समुदाय को आगे की हिंसा को रोकने और कमज़ोर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। इस संबंध में अमेरिका के कुछ शहरों और संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय के सामने वहां रह रहे बांग्लादेश के हिन्दुओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
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