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‘पतंजलि’ को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव-बालकृष्ण की माफी की मंजूर, अवमानना केस से किया बंद

कोर्ट ने दोनों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कोर्ट कड़ी सजा देगा।

by Kuldeep Singh
Aug 13, 2024, 02:30 pm IST
in भारत
Supreme court gives relief to Baba Ramdevs Patanjali
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‘भ्रामक विज्ञापन’ के मामले में पतंजलि आयुर्वेद और योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने उनकी माफी को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ केस को बंद कर दिया है।

हालांकि, कोर्ट ने दोनों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कोर्ट कड़ी सजा देगा।

इसे भी पढ़ें: बंगाल में पहले भी गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं सिविक वॉलंटियर, आखिर क्यों हैं इतने बेखौफ 

पतंजलि के खिलाफ किए गए केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की दो जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों में अनुचित और भ्रामक जानकारी दी गई है, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद ने रक्तचाप, मधुमेह और अस्थमा जैसी बीमारियों के इलाज का दावा किया गया है।

IMA का दावा था कि ऐसी बीमारियों के इलाज का विज्ञापन पूरी तरह से गलत है। इसके साथ ही आईएमए ने अपनी याचिका में कोवि़ड वैक्सिनेशन और एलोपैथी की बदनामी का आरोप लगाया था। इसी मामले पर सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि वे भविष्य में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।

इसे भी पढ़ें: असम सरकार प्रसार भारती के साथ मिलकर लाचित बरफुकन पर बनाएगी 52 एपिसोड की डॉक्युमेंट्री

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि मामला कुछ यूं है कि 17 अगस्त 2022 को ये मामला शुरू हुआ था, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें आरोप लगाया था कि पतंजलि ने एलोपैथी को बेअसर बताते हुए कुछ बीमारियों के इलाज का दावा किया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाइयों के बाद पतंजलि ने वर्ष 2023 में आश्वासन दिया था कि वह ऐसे विज्ञापनों से दूर रहेगा। इसके बाद फरवरी 2024 में भ्रामक विज्ञापन को लेकर कंपनी और उसके एमडी को अवमानना का नोटिस जारी किया था। मार्च 2024 में अवमानना के नोटिस का जबाव नहीं मिलने पर कोर्ट ने पतंजलि के एमडी और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था।

Topics: Supreme Courtसुप्रीम कोर्टबाबा रामदेवBaba Ramdevपतंजलि भ्रामक विज्ञापन केसबालकृष्णPatanjali misleading advertisement caseBalkrishna
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