नई दिल्ली । भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी किए गए ताज़ा निष्कर्षों के अनुसार, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी विस्तृत रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन के साथ साझा किया था। इस खुलासे के बाद भारी हलचल मच गई है।
SEBI की जांच से पता चला है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट की एडवांस कॉपी रिपोर्ट के प्रकाशित होने से करीब दो महीने पहले मार्क किंग्डन को भेजी थी। रिपोर्ट में अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था, जिसने अदाणी के शेयरों में भारी बिकवाली को प्रेरित किया।
SEBI के अनुसार, इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले हिंडनबर्ग और किंग्डन ने संभावित शेयर बाजार में गिरावट का लाभ उठाने के लिए योजना बनाई थी। इस योजना के तहत, किंग्डन ने अडानी समूह के शेयरों पर शॉर्ट पोजीशन ली, जिससे उन्हें भारी मुनाफा हुआ। SEBI ने इस घटना को बाजार में हेरफेर और इनसाइडर ट्रेडिंग के एक गंभीर मामले के रूप में देखा है।
इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ और बाजार में भारी उतार-चढ़ाव आया। अडानी समूह ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि वे सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाएंगे और SEBI की जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे।
हिंडनबर्ग रिसर्च और मार्क किंग्डन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। वहीं SEBI ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की गहन जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस घटना ने निवेशकों के बीच सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।
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