राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश दौरे से वापस आ गए हैं। वापस आते ही अपनी कथित भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर वो आज मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे हैं। ग्वालियर में भारत जोड़ो यात्रा निकालते हुए उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आज देश में पिछले 40 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। भारत में पाकिस्तान के मुकाबले भारत में दोगुनी बेरोजगारी है। उनका दावा है कि बांग्लादेश और भूटान में भी भारत से कम बेरोजगारी है।
#WATCH | Gwalior, Madhya Pradesh: During the Bharat Jodo Nyay Yatra, Congress MP Rahul Gandhi says, "Today, there is maximum unemployment in the country in the last 40 years. India has double the unemployment as compared to Pakistan. We have more unemployed youth than Bangladesh… pic.twitter.com/friZnVtHA0
— ANI (@ANI) March 3, 2024
राहुल गांधी के मुताबिक, हमारे यहां बेरोजगार युवा ज्यादा हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में 12% युवा बेरोजगार हैं, भारत में बेरोजगारों की संख्या 23 प्रतिशत है। इसके साथ ही बांग्लादेश और भूटान की स्थिति भी बेरोजगारी के मामले में भारत से अच्छी है। अपने भाषण में राहुल गांधी एक बचकाना तर्क देते हुए कहते हैं कि बेरोजगारी बढ़ने का कारण ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी और नोटबंदी लाकर छोटे, उद्योगों, व्यापारियों को खत्म कर दिया।
क्या है सच्चाई
बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दावा पूरी तरह से बचकाना है। उनके दावों से किसी भी तरह का कोई तर्क नहीं होता है ये खुद उन्होंने सिद्ध कर दिया है। कांग्रेस नेता के मुताबिक, भारत में बेरोजगारों की संख्या 23% प्रतिशत है। जबकि, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, फरवरी 2024 में देश में बेरोजगारी दर 8.1% थी। दिसंबर में 8.7% थी, जबकि उससे एक माह पहले ये दर 8.9 फीसदी थी। उससे भी पहले बेरोजगारी दर 9.4 फीसदी थी। यानि कि राहुल गांधी का तर्क बेतुका है। वो सरासर झूठ बोल रहे हैं। वहीं पाकिस्तान में यह दर जनवरी 2024 में यह 6.8 % थी। जो कि राहुल गांधी के दावों से पूरी तरह से अलग है।
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इनके इन दावों को लेकर सोशल मीडिया पर नेटिजन्स ने भी उन्हें लताड़ लगाई। इसी क्रम में विनोद शर्मा नाम के यूजर ने कहा, “ये आशाओं से भरे हुए हैं और वास्तविकता से बिल्कुल परे हैं। अपनी पार्टी को अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन की ओर ले जाने के बाद ईवीएम को दोष देंगे।”
राहुल गांधी के इस बयान पर निर्माल्यो बनर्जी नाम के यूजर ने कहा कि इन्हें भारत की जगह पाकिस्तान के बारे में और अधिक जानने की जरूरत है।
इसी तरह से एक अन्य यूजर ने राहुल गांधी को डाटा पर बात करने की सलाह देते हुए कहा कि कभी तो डाटा पर बात कीजिए, ना कोई सोर्स है न ही कोई सेंस है। ऐसा विपक्ष तो हर किसी को चाहिए।
वहीं अभिषेक नाम के यूजर ने यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए एक इंडीकेटर को पोस्ट किया और दावा किया, “ये फिर दोबारा से झूठ बोल रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में बेरोजगारी दर ज्यादातर यूपीए युग की तुलना में कम रही है और यह 24% नहीं, बल्कि 6-8% के आसपास है।”
इसके अलावा राहुल गांधी का ये आरोप भी बेतुका है कि केंद्र सरकार ने छोटे, मझोले उद्योगों को नोटबंदी, जीएसटी के जरिए खत्म कर दिया है। हकीकत ये है कि सरकार लगातार एमएसएमई सेक्टर को आगे बढ़ा रही है। इसका असर इस रूप में समझा जा सकता है कि भारत में एमएसएमई सेक्टर ने 1 जुलाई, 2020 से 1 अगस्त, 2023 के बीच 12.36 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया था।
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