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राम मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी आकांक्षा अब सच हो चुकी है : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने नए संसद भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद की उम्मीद जताई

by WEB DESK
Jan 31, 2024, 05:36 pm IST
in दिल्ली
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को नए संसद भवन में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण की सदियों पुरानी आकांक्षा अब सच हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र तेज गति से तभी आगे बढ़ सकता है, जब वह पुरानी चुनौतियों को परास्त करते हुए अपनी ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा भविष्य-निर्माण में लगाए।

राष्ट्रपति ने बजट सत्र से पहले दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि नए संसद भवन का निर्माण ‘अमृत काल’ की शुरुआत के दौरान किया गया है और इसमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सार है। नए संसद भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद की उम्मीद जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार, 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने की गारंटी के साथ आगे बढ़ रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह नया संसद भवन भारत की ध्येय-यात्रा को निरंतर ऊर्जा देता रहेगा, नई और स्वस्थ परंपराएं बनाएगा। वर्ष 2047 को देखने के लिए अनेक साथी तब इस सदन में नहीं होंगे। लेकिन हमारी विरासत ऐसी होनी चाहिए कि तब की पीढ़ी हमें याद करे।”

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने, तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून, पड़ोसी देशों से आए पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला सीएए कानून बनाने और पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन को लागू करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति भी हुई है।

राष्ट्रपति ने इस दौरान भारत की चंद्रमा पर लैंडिंग और एशियाई खेलों में प्रदर्शन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान भारत सबसे तेजी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना। भारत, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना। ऐतिहासिक जी-20 सम्मेलन की सफलता ने पूरे विश्व में भारत की भूमिका को सशक्त किया। भारत ने एशियाई खेलों में पहली बार 100 से अधिक मेडल जीते। भारत, दुनिया में सबसे तेजी से 5जी रोलआउट करने वाला देश बना।”

राष्ट्रपति ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत ने राष्ट्र-हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था। राममंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी। आज यह सच हो चुका है।” उन्होंने आगे कहा, सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं। इस वर्ष, 22 जनवरी को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है। सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। यह करोड़ों देशवासियों की इच्छा और आस्था का प्रश्न था, जिसका उत्तर देश ने पूरे सद्भाव के साथ खोजा है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को लेकर शंकाएं थीं। आज वे इतिहास हो चुकी हैं। उन्होंने तीन दशक बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) पारित होने के लिए संसद सदस्यों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि इससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है। यह वीमेन लेड डवलपमेंट के सरकार के संकल्प को मजबूत करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि विकसित भारत की भव्य इमारत चार मजबूत स्तंभों – युवा शक्ति, महिला शक्ति, किसान और गरीब- पर खड़ी होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के अनुसार, मेरी सरकार के एक दशक के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं। यह प्रत्येक गरीब में नया विश्वास जगाने वाली बात है। जब 25 करोड़ लोगों की गरीबी दूर हो सकती है तो उसकी भी गरीबी दूर हो सकती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संक्रमण काल में एक मजबूत सरकार होने का क्या मतलब होता है, ये हमने देखा है। बीते 3 वर्षों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में दरारें पड़ गई हैं। इस कठिन दौर में, मेरी सरकार ने भारत को विश्व-मित्र के रूप में स्थापित किया है। विश्व-मित्र की भूमिका के कारण ही आज हम ग्लोबल साउथ की आवाज बन पाए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार, भारत की युवाशक्ति की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नए कदम उठा रही है। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई और उसे तेजी से लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून जैसे विषयों की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में प्रारंभ कर दी गई है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: संयुक्त सत्रmeaningful dialogue on policiesjoint sessionaddress of President Draupadi Murmuराम मंदिरRam MandirPresidentराष्ट्रपतिPresident Draupadi Murmuराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूनीतियों पर सार्थक संवाद
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