‘‘हर राम विरोधी को सत्ता से हटना पड़ा है’’- रज्जू भैया
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम संघ

‘‘हर राम विरोधी को सत्ता से हटना पड़ा है’’- रज्जू भैया

by WEB DESK
Jan 25, 2024, 02:33 pm IST
in संघ, साक्षात्कार
रज्जू भैया

रज्जू भैया

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अयोध्या में 6 दिसम्बर, 1992 को बाबरी ढांचा टूटा। इसके बाद 10 दिसम्बर को रा.स्व.संघ, विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध और उस समय की परिस्थितियों पर 11 दिसम्बर,1992 को दिल्ली स्थित संघ कार्यालय ‘केशव कुंज’ में संघ के तत्कालीन सह-सरकार्यवाह श्री रज्जू भैया से पाञ्चजन्य ने बातचीत की। उनका यह साक्षात्कार पाञ्चजन्य (20 दिसम्बर, 1992) में प्रकाशित हुआ था। उसका संपादित स्वरूप यहां पुन: प्रकाशित किया जा रहा है-

विश्व हिन्दू परिषद्, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा बजरंग दल के साथ-साथ दो मुस्लिम संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा है। इसके बारे में आपकी क्या टिप्पणी है?
यह बहुत ही घबराहट में की गई कार्रवाई है, यह कोई सोच-समझ कर बुद्धिमानी से लिया गया निर्णय नहीं है। मुसलमानों के दोनों संगठन तो बहुत छोटे संगठन हैं, एक केरल में तो दूसरा कश्मीर में सीमित है। परंतु विश्व हिन्दू परिषद् और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश में फैले हुए जबरदस्त संगठन हैं, जिनकी अनेक गतिविधियों से समाज बहुत प्रभावित है। अयोध्या में जो घटना हुई उसमें इन संगठनों का कितना हाथ है, उससे कितना संबंध है यह जाने बिना इन पर प्रतिबंध लगाना बहुत बड़ी अन्याय की बात है।

ऐसा क्यों हुआ कि आजादी के बाद अब तीसरी बार रा.स्व.संघ पर प्रतिबंध की घोषणा सरकार ने की? और तीनों बार ऐसा कांग्रेस शासन में ही हुआ?
मुझे लगता है कि पहले दो बार तो संघ की बढ़ती लोकप्रियता और संघ ने समाज में जो कार्य किया उससे हिन्दू समाज में उसके बढ़ते हुए असर से घबराकर प्रतिबंध लगाया होगा और इस बार ये जानते हुए कि अब संघ का असर और प्रभाव क्षेत्र बहुत बड़ा हो गया है। गलती से वामपंथी दलों और वीपी सिंह आदि के दबाव में आकर प्रतिबंध घोषित किया है, परंतु बहुत बड़ी भूल है यह।

संघ और विश्व हिन्दू परिषद पर दंगे भड़काने का जो आरोप लगाया जा रहा है, उसके बारे में आप क्या कहेंगे?
असल में आरोप तो सरकार पर लगाया जाना चाहिए। वह कोई ‘मस्जिद’ नहीं थी, वह तो एक बड़ा जर्जर ढांचा था जिसे वास्तव में विश्व हिन्दू परिषद को और राम जन्मभूमि न्यास को देने की चर्चा चल रही थी। उसको ‘मस्जिद’ कहने और उसके बारे में उनके द्वारा इस प्रकार के उद्गार निकलने के कारण दंगे भड़के हैं। हर राम विरोधी को सत्ता से हटना पड़ा है।

क्या ऐसे जर्जर ढांचे के ऊपर इतनी हिंसक प्रतिक्रिया होना न्यायोचित है?
यह प्रतिक्रिया तो इसलिए हुई, क्योंकि कुछ राजनीतिक लोगों ने इस घटना को बेहद तूल दिया। जैसे किसी ने कहा दिया कि यह गांधी जी की हत्या के बाद दूसरी सबसे बड़ी शर्मनाक साम्प्रदायिक घटना है। विडम्बना है कि इन नेताओं को कश्मीर में तोड़े गए सैकड़ों मंदिर एवं हजारों हिन्दुओं की हत्या, विशेष घटना नजर नहीं आती।

इस घटना पर देश के सेकुलर प्रचार माध्यम जिस ढंग से ‘शोक’ मना रहे हैं, उसके पीछे क्या कारण है?
बस और कुछ नहीं, उन लोगों का सोचने का जो एकतरफा ढंग है, उसी का यह फल है। हालांकि मैं भी मानता हूं कि यह ठीक नहीं हुआ, इससे विश्वसनीयता घटती है। परंतु यह भी देखना चाहिए कि कारसेवक भी इंसान हैं, उन्हें भी गुस्सा आ सकता है। यह कैसे हो सकता है कि एक ओर तो कुछ लोग मंदिर तोड़ते और लोगों को मारते घूमें और दूसरी ओर किसी को गुस्सा भी न आए।

Topics: Ram Janmabhoomi Trustराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघRashtriya Swayamsevak SanghBajrang DalAyodhyaVishwa Hindu Parishadअयोध्याबजरंग दलविश्व हिन्दू परिषद्राम जन्मभूमि न्यास
Share5TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री स्वांत रंजन

संस्कृति रक्षक अहिल्याबाई

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

नैनीताल दुष्कर्म केस पर हिन्दुओं में उबाल : विरोध प्रदर्शन कर की आरोपी को फांसी देने की मांग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान की गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुआ पुंछ का एक मकान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : बाज नहीं आना, नागरिक निशाना

दुश्मन कांप जाते हैं… : आदमपुर एयरबेस से दहाड़े PM मोदी, कहा- हमारी सेना न्यूक्लियर ब्लैकमेल की हवा निकाल देतीं हैं

CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 : 88.39% विद्यार्थी पास, लड़कियों ने मारी बाजी, ऐसे चेक करें स्कोरकार्ड

कुत्ते की मौत मारे गए लश्कर के आतंकी : शोपियां में सुरक्षाबलों ने 3 दहशतगर्दों को ठोंका, ऑपरेशन जारी…

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

PM Modi Adampur airbase visit

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को सराहा

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies