पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली भगवंत मान की सरकार ने यौन शोषण के आरोपों में घिरे अपने मंत्री लाल चंद कटारूचक को बचाने में अपनी सारी ताकत झोंक दी है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के आदेश पर एनसीएससी ने कटारूचक के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में उचित कार्रवाई करने हेतु पंजाब सरकार के अधिकारियों को तीसरा नोटिस जारी किया है।
पंजाब सरकार दो अग्रिम नोटिस के बावजूद राज्य सरकार कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने में विफल रही है या उनको भाव नहीं दिया गया। तीसरे नोटिस में अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और डीआईजी बॉर्डर रेंज अमृतसर को नोटिस जारी कर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से या दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पीड़ित का बयान तुरंत दर्ज करने, उसे सुरक्षा प्रदान करने और 12 जून तक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले दलित युवक की शिकायत पर सख्त नोटिस लेते हुए आयोग ने 5 मई को पंजाब सरकार के अधिकारियों को पहला नोटिस जारी कर तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने के लिए कहा और शिकायतकर्ता, जिसे मंत्री से धमकी भरे फोन आ रहे थे उसे सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आदेश दिए।
नोटिस के बाद राज्य सरकार ने 8 मई को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया, लेकिन एसआईटी ने आयोग के समक्ष अब तक कोई कार्रवाई रिपोर्ट पेश नहीं की। इसके बाद एनसीएससी ने 25 मई को पंजाब सरकार को दूसरा नोटिस जारी किया।
पीड़ित को न्याय और सुरक्षा प्रदान करने में पंजाब सरकार की देरी को देखते हुए एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा, बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद, पंजाब सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह पंजाब सरकार के अनुसूचित जाति के निवासियों को न्याय दिलाने के प्रति राज्य सरकार के उदासीन दृष्टिकोण को दर्शाता है।
अब पुन: राज्य सरकार को 12 जून तक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वीसी के माध्यम से या दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पीड़िता का बयान तुरंत दर्ज किया करें।
पीड़ित केशव कुमार ने एनएसएससी को बार-बार शिकायत कर धमकियों का हवाला देकर न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई है। काबिलेजिक्र है कि इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी को खूब फजीहत का सामना करना पड़ रहा है परंतु लगता है कि भगवंत मान लोकलाज के बिना लोकराज चला रहे हैं।
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