अमेरिका की सैन्य चौकी पर चीनी हैकरों की नजर!
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

अमेरिका की सैन्य चौकी पर चीनी हैकरों की नजर!

चीन प्रायोजित हैकर सरकार, संचार, विनिर्माण, और आईटी संस्थानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें सबसे खास है अमेरिका तथा गुआम में मौजूद सैन्य चौकी। इन के अलावा भी कई संस्थानों पर हैकरों की नजर हो सकती है

by WEB DESK
May 27, 2023, 05:40 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चीन की अमेरिका विरोधी एक साजिश का खुलासा होने के बाद अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान सतर्क हो गया है। पता चला है कि चीन के हैकर प्रशांत इलाके में अमेरिकी संचार को बाधा पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। चीनी हैकरों की इस शरारत की न सिर्फ अमेरिका ने पुष्टि की है, बल्कि ब्रिटेन सहित कुछ दूसरे सहयोगी देशों ने भी इस हरकत को प्रमाणों पर परखा है। कयास लगाया जा रहा है कि हैकरों की इस हरकत के पीछे ताइवान के संबंध में चीन की कोई नई शरारत हो सकती है।

जानकारी के अनुसार, चीन चाहता है कि प्रशांत इलाके में कम्युनिकेशन में अड़चन डाली जाए, इसके लिए उसने हैकरों को काम पर जुटाया है। इस हरकत के जरिए पश्चिमी प्रशांत सागर में मौजूद अमेरिका तथा गुआम सैन्य चौकी के संचार और आईटी तंत्र को निशाना पर लेने की कोशिश का पता चला है। इस हैकिंग को सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने पकड़ा है, जिसकी पुष्टि अमेरिका, ब्रिटेन तथा कुछ अन्य सहयोगी देशों ने की है। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि चीनी हैकिंग समूह ‘वोल्ट टाइफून’ से जुड़े हैकर इस साजिश में जुटे हैं।

चीन प्रायोजित हैकर सरकार, संचार, विनिर्माण, और आईटी संस्थानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें सबसे खास है अमेरिका तथा गुआम में मौजूद सैन्य चौकी। इस पर हैकर हमला बोल भी चुके थे। इन के अलावा भी कई संस्थानों पर हैकरों की नजर हो सकती है, लेकिन वे कौन से हैं इसका पता लगाया जा रहा है। अमेरिका के नौसेना सचिव कार्लोस डेल का कहना है कि देश की नौसेना पर भी हैकरों की दखल का असर पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी हैकर संवेदनशील अमेरिकी तानेबाने तक पहुंच बनाने से पीछे नहीं हटेंगे।

आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि चीन की ओर से ऐसी कोशिशें पहले भी हुई हैं। दरअसल, अमेरिकी सैन्य चौकी की हैकिंग का सामने आना इस मायने में भी खास माना जा रहा है कि कहीं चीन ताइवान के विरुद्ध कोई सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा हो सकता है। ऐसी आशंका इसलिए क्योंकि यह कोई छुपी बात नहीं है कि ताइवान पर किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधि से पहले चीन ऐसी चाल चल सकता है।

आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि चीन की ओर से ऐसी कोशिशें पहले भी हुई हैं। दरअसल, अमेरिकी सैन्य चौकी की हैकिंग का सामने आना इस मायने में भी खास माना जा रहा है कि कहीं चीन ताइवान के विरुद्ध कोई सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा हो सकता है। ऐसी आशंका इसलिए क्योंकि यह कोई छुपी बात नहीं है कि ताइवान पर किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधि से पहले चीन ऐसी चाल चल सकता है। क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं देखने में आया है कि चीन की तरफ से ऐसी हैकिंग की कोशिश की गई हो। पहले भी चीन पर जासूसी का आरोप अमेरिका लगा ही चुका है।

उल्लेखनीय है कि चीन के हैंकर पहले कई मौकों पर इस तरह की हैकिंग करते देखे गए हैं। 2015 में पर्सनल मैनेजमेंट कार्यालय के डाटा में दखल दी गई थी। फिर 2017 में इक्वीफैक्स से जुड़ी हैकिंग देखने में आई थी।

इस मामले रप गूगल की सहायक कंपनी ‘मैंडिएंट इंटेलिजेंस’ का भी कहना है कि क्योंकि यह वर्तमान हैंकिंग चीन द्वारा ताइवान पर किसी तरह की सैन्य कार्रवाई से पूर्व की शरारत हो सकती है इसलिए अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों ने इस हैंकिंग की सार्वजनिक तौर पर पुष्टि की है।

Topics: britainmicrosoftBidenpacificattackguamigoogleChinaamericaarmyब्रिटेनxitaiwanhackerचीनhackingअमेरिकाcyber
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies