‘उल्टी मूर्तियों को ठीक करे एएसआई’
July 21, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

‘उल्टी मूर्तियों को ठीक करे एएसआई’

दिल्ली के साकेत न्यायालय में कुतुब मीनार से जुड़े एक मामले की सुनवाई हुई। इसमें अदालत ने एक ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे जिहादियों के चेहरे लटक गए

by WEB DESK
Apr 3, 2023, 05:51 pm IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत दिनों मार्च में दिल्ली के साकेत न्यायालय में कुतुब मीनार से जुड़े एक मामले की सुनवाई हुई। इसमें अदालत ने एक ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे जिहादियों के चेहरे लटक गए हैं। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि चूंकि कुतुब मीनार और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को 27 जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है इसलिए वहां हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिए।

इस पर न्यायालय ने कहा कि, चलो मान लिया कि कुतुब मीनार परिसर में पहले मंदिर थे और उनको तोड़कर ही कुतुब मीनार बनाया गया है, लेकिन अब आप किस आधार पर याचिका दायर कर रहे हैं कि वहां हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिले? न्यायाधीश महोदय ने यह भी पूछा कि क्या आप वर्तमान ढांचे को नष्ट करना चाहते हैं?

इस पर हरिशंकर जैन ने जवाब दिया कि हिंदू धर्म के अनुसार अगर एक बार किसी मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी जाती है तो वह सदैव मंदिर ही रहता है। भले ही मंदिर के ढांचे को ध्वस्त ही क्यों न कर दिया जाए? उन्होंने यह भी कहा कि वे यह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि जो वर्तमान ढांचा है, उसे नष्ट कर दिया जाए, लेकिन परिसर के अंदर हिंदुओं को पूजा- पाठ का अधिकार दिया जाना चाहिए।

मूर्तियों की अपमानजनक स्थिति में होने पर न्यायाधीश द्वारा चिंता जताना भी हिंदुओं की एक बड़ी सफलता है। कुतुब मीनार जैसे मामलों में अधिकांश हिंदुओं को कोई रुचि नहीं है। इसके बाद भी हरिशंकर जैन जिस जबरदस्त तरीके से इस मामले को उठा रहे हैं, उसी का परिणाम है कि साकेत न्यायालय के न्यायाधीश को उपरोक्त टिप्पणी करनी पड़ी है।

विष्णु ध्वज ही आज की कुतुब मीनार

अनेक प्रमाण मिलते हैं कि आज जहां कुतुब मीनार है, वहां गणित और ज्योतिषीय ज्ञान व गणना के लिए नक्षत्रशाला का निर्माण किया गया था, जिसे ‘मेरु स्तंभ’ या ‘ध्रुव स्तंभ’ या ‘विष्णु स्तंभ’ कहा जाता है। इसी स्थान के साथ में 27 हिंदू और जैन मंदिरों तथा भगवान विष्णु के मंदिर का निर्माण नक्षत्रों के अध्ययन के लिए नक्षत्र देवताओं के साथ हुआ था। यह ‘मेरु स्तंभ’ देवताओं को समर्पित था। ‘मेरु स्तंभ’ पर 12वीं शताब्दी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुरान की आयतें उत्कीर्ण करवा दीं। उसके बाद से इसे कुतुब मीनार कहा जाने लगा। बिहार विश्वविद्यालय के प्रो. डी. त्रिवेदी का दावा है कि विष्णु ध्वज ही आज की कुतुब मीनार है। इसका निर्माण सम्राट समुद्र गुप्त ने कराया था।

इस पर न्यायालय ने पूछा कि आखिर आपके पास इसका क्या आधार है कि मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी? इसके उत्तर में हरिशंकर जैन ने कहा कि आज भी परिसर में लौह स्तंभ मौजूद है और इस पर श्लोक लिखे हुए हैं, जिनमें यह बताया गया है कि लौह स्तंभ विष्णु स्तंभ की पताका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह काफी दुखद है कि परिसर में भगवान की मूर्तियां अपमानजनक स्थिति में लगी हुई हैं। इस पर अदालत ने कहा कि कम से कम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को मूर्तियों को ऐसी स्थिति में लाना चाहिए जिससे कि किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे।

मूर्तियों की अपमानजनक स्थिति में होने पर न्यायाधीश द्वारा चिंता जताना भी हिंदुओं की एक बड़ी सफलता है। कुतुब मीनार जैसे मामलों में अधिकांश हिंदुओं को कोई रुचि नहीं है। इसके बाद भी हरिशंकर जैन जिस जबरदस्त तरीके से इस मामले को उठा रहे हैं, उसी का परिणाम है कि साकेत न्यायालय के न्यायाधीश को उपरोक्त टिप्पणी करनी पड़ी है। अब यह देखना होगा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कब और कैसे मूर्तियों को ठीक स्थिति में लाता है।

Topics: कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिदहिंदू धर्मHinduismQutub Minar ComplexArchaeological Survey of Indiaहिंदुओं को पूजा का अधिकारQuwwat-ul-Islam MosqueRight of Hindus to worshipभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभागकुतुब मीनार परिसर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

‘हिंदुओं पर अश्लील टिप्पणी’ : हाई कोर्ट ने लगाई पूर्व मंत्री पोनमुडी की क्लास, कहा- कोई राजा है क्या

Puri Jgannath temple renovation

पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का मरम्मत कार्य पूर्ण, 100 वर्षों तक सुरक्षित रहेगी संरचना

भरतपुर जिले में बहज गांव (राजस्थान) में हुई खुदाई, जहां सरस्वती नदी के प्रमाण मिले हैं

सामने आई सरस्वती!

मुरुगा भक्त सम्मेलन में शामिल हुए भक्त

संगठित हिन्दू शक्ति का दर्शन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

विश्व हिंदू परिषद बैठक 2025 : हिंदू समाज को विखंडित करने वाली शक्तियों को देंगे करारा जवाब – आलोक कुमार

पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा से सर्च अभियान में 14 IED और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम 10 मई : ट्रंप के दावे को भारत और कसूरी ने किया खारिज

हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2025 : 4 करोड़ शिवभक्त और 8000 करोड़ का कारोबार, समझिए Kanwar Yatra का पूरा अर्थचक्र

पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार बदमाश

इस्लामिया ग्राउंड में देर रात मुठभेड़ : ठगी करने वाले मोबिन और कलीम गिरफ्तार, राहगीरों को ब्रेनवॉश कर लूटते थे आरोपी

प्रधानमंत्री मोदी की यूके और मालदीव यात्रा : 23 से 26 जुलाई की इन यात्राओं से मिलेगी रणनीतिक मजबूती

‘ऑपरेशन सिंदूर’ समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार सरकार : सर्वदलीय बैठक 2025 में रिजिजू

मौलाना छांगुर का सहयोगी राजेश गिरफ्तार : CJM कोर्ट में रहकर करता था मदद, महाराष्ट्र प्रोजेक्ट में हिस्सेदार थी पत्नी

पंजाब : पाकिस्तानी घुसपैठिया गिरफ्तार, BSF ने फिरोजपुर में दबोचा

अब मलेरिया की खैर नहीं! : ICMR ने तैयार किया ‘EdFalciVax’ स्वदेशी टीका, जल्द शुरू होगा निर्माण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies