पानी की साझेदारी की जीवंत परंपरा है ‘खड़ीन’
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पानी की साझेदारी की जीवंत परंपरा है ‘खड़ीन’

विश्व जल दिवस (22 मार्च) पर विशेष: खुली जमीन पर घूमती पवन चक्कियों को पार करते हुए बड़ी बसावट वाले अन्दरूनी इलाके अगर जि़न्दा हैं तो अपनी पारम्परिक समझ के बूते ही। और पानी की साझेदारी की इस जीवन्त परम्परा का नाम है ‘खड़ीन’।

by WEB DESK
Mar 18, 2023, 07:55 pm IST
in भारत, राजस्थान
खड़ीन

खड़ीन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जैसलमेर के मूलसागर में और आसपास के गांवों में सरहद पार से आकर बसे शरणार्थियों ने अपनी दुश्वारियों के बीच परम्पराओं के सार-संभाल में कमी नहीं रखी। बनाराम की बस्ती के लोगों का काम सोलर चार्जर से चलता है। वे खुले में बने टांके में पांच सौ रुपये के टैंकर से पानी भरवाकर ही परिवार की प्यास बुझा पाते हैं जिसे हफ्ते में दो बार भरवाना ही पड़ता है। जीने के साथ ही अपने वजूद की छटपटाहट अगर कुछ कम हो पाई है तो इसलिए भी कि नागरिकता कानून में बदलाव के बाद लाइसेन्स, बैंक खाते और आधार की पहचान के कारण इनके लिए रोजी-रोटी कमाना थोड़ा आसान हो गया है। मगर पीने के पानी के बगैर तो किसी का गुजारा नहीं है जिससे रेगिस्तान की बड़ी आबादी अब भी जूझ रही है। खुली जमीन पर घूमती पवन चक्कियों को पार करते हुए बड़ी बसावट वाले अन्दरूनी इलाके अगर जि़न्दा हैं तो अपनी पारम्परिक समझ के बूते ही। और पानी की साझेदारी की इस जीवन्त परम्परा का नाम है ‘खड़ीन’।

खड़ीन जल संरचना

जैसलमेर में तब सुखद अहसास होता है जब जरा सी गहराई वाली बालू मिट्टी में भी मूंग, ग्वार और बाजरा नजर आता है। दूर तक फैले और फलते हुए खेत असल में साझेदारी के ’खड़ीन’ में खड़े हैं जिनमें बारिश का पानी जमा रहता है। ‘खेत तलाई’ या ‘फार्म पाण्ड’ और नहरी इलाके के खेतों में बनी ‘डिग्गियों’ से अलग ये संरचनाएं असल में ऐसी खुदी हुई तलाई हैं जिनमें पानी इकट्ठा होता है और किसान अपने-अपने हिस्से की जमीन इससे जोत कर उपज लेते हैं
‘गड़़सीसर’ तालाब और खेतों की प्यास

जैसलमेर का मान रखने वाला गड़सीसर तालाब शहर के बीचो-बीच है। युवा बताते हैं कि पश्चिमी जिलों में ऐसे सैकड़ों परंपरागत जल-स्रोत हैं जिनमें से केवल एकाध के सार-संभाल और उसके बूते फलते पर्यटन से बात नहीं बनने वाली। प्रशासन के अभियान चलते हैं जिनमें इन स्रोतों की मरम्मत होती है लेकिन हकीकत यह है कि इन परम्परागत स्रोतों की अनदेखी की वजह से ही देश के सबसे कम बारिश वाले इस इलाके में तोल-मोल कर बरसने वाला कई गैलन पानी हर साल बेकार चला जाता है। यानी पूरे साल की नमी के इन्तजाम से चूक जाते हैं। नमी कम तो कुएं भी सूखे और खेत भी रूठे-रूठे। बूंद-बूंद की कीमत समझने वाले पुराने लोगों के मुकाबले शहर में बसी नई पीढ़ी की बेफिक्री की एक वजह राजस्थान के पश्चिमी इलाके में नहरी पानी की आवक भी है। सरहदी इलाका होने से यहां सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद रहता है मगर उसकी जरूरतें भी टांकों को पानी के टैंकरों से भरे जाने पर ही पूरी हो पाती हैं। सेवण घास से भरे-पूरे रेगिस्तानी मैदान में मवेशियों के लिए तो कुदरत भरपूर उगाती है लेकिन खेती के लिए खासी मशक्कत करनी ही पड़ती है।

Topics: Water Conservationजैसलमेर समाचारworld water dayविश्व जल दिवसराजस्थान की खड़ीन परंपराजैसलमेर का मूलसागर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अस्तित्व खो चुकी मटुका नदी पुनर्जीवित : भदोही से वाराणसी तक हटे अवैध कब्जे, अब किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

जलागम योजनाओं को धरातल में उतारे : सीएम धामी

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व जल दिवस विशेष: भारतीय मनीषा के सबसे प्राचीन स्रोत में ‘जल’ ब्रह्मांड का पालनकर्ता है

Panchjanya Sabarmati Samvad Mulu bhai

पाञ्चजन्य साबरमती संवाद-3 में ‘पर्यावरण अनुकूल विकास’ पर बोले गुजरात के मंत्री-हम नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी राज्य

Sambhal DM Rajendra pensia Sanatan tirth

संभल में सनातन तीर्थों का पुनरोद्धार: 44 देव तीर्थ अतिक्रमण मुक्त, बोले DM राजेंद्र पेंसिया

नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

नदियों को जोड़ने का सपना धरातल पर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies