ईरान में पिछले कुछ दिनों से स्कूली छात्राओं पर हो रहे रासायनिक हमले की खबरों से दुनिया हैरान है। वहां के कई मंत्री इस पर अपनी सफाई देकर सरकार की इसमें किसी तरह की भूमिका होने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन लोगों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुस्साए अभिभावक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो अनेक स्कूलों के दरवाजों पर आंसू बहा रहे हैं। सैकड़ों छात्राओं का अस्पताल में इलाज चल रहा है। अभी तक किसी व्यक्ति या गुट ने इस हमले में अपनी भूमिका स्वीकार नहीं की है। लेकिन अब सरकार की तरफ से ‘जांच’ की उम्मीद बंधी है, क्योंकि ईरान के सुप्रीम लीडर ने कल इस प्रकरण पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे ‘अक्षम्य’ अपराध करार दिया है।
शिया देश के सुप्रीम शिया नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि ये ऐसा अपराध है जिसके लिए अपराधी को माफ नहीं किया जा सकता। खामेनेई ने छात्राओं पर हो रहे रासायनिक हमले को घोर अपराध की संज्ञा दी है। कल एक कार्यक्रम में उन्होंने इस विषय पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी।
ईरान के न्यायपालिका प्रमुख गुलाम हुसैन मोहसेनी ने अपनी तरफ से कहा है कि इस जैसा अपराध करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्दी ही अदालत सुनवाई शुरू करेगी।
उधर इस रासायनिक हमले से आहत छात्राओं का अस्पतालों में पहुंचना जारी है। कइयों की हालत बहुत ज्यादा खराब है। वे पूरे शरीर में सुन्नपन, बेचैनी और गफलत की शिकायत कर रही हैं। कुछ स्कूली शिक्षिकाओं का भी कहना है कि उस रसायन की गंध से रह—रहकर बेहोशी छा रही है। अभिभावक अलग अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
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स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि छात्राओं को रासायनिक जहर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सांस की नली में जहरीले रसायन से हालत बिगड़ने के कई मामले देखने में आए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पीने के पानी में रसायन मिलाया जा रहा है। इस पानी को पीने की वजह से से छात्राओं को सांस की दिक्कतें पेश आ रही हैं। इससे शरीर में भयंकर दर्द और गफलत जैसी हो रही है।
सुप्रीम नेता खामेनेई ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि इस तरह का अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इन अपराधियों के कारण समाज और माता-पिताओं में डर बैठ गया है।
अपने इसी वक्तव्य में उन्होंने ईरान की गुप्तचर एजेंसी और पुलिस विभाग को हुक्म दिया कि वे अपराधियों की जल्दी से जल्दी पहचान कर उन्हें दंडित करवाएं। इस बीच ईरान के स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि छात्राओं को रासायनिक जहर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सांस की नली में जहरीले रसायन से हालत बिगड़ने के कई मामले देखने में आए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पीने के पानी में रसायन मिलाया जा रहा है। इस पानी को पीने की वजह से से छात्राओं को सांस की दिक्कतें पेश आ रही हैं। इससे शरीर में भयंकर दर्द और गफलत जैसी हो रही है।
हालांकि समाचार यह भी है कि अपनी बेटियों की बदहाली देखकर गुस्साए माता—पिताओं से पुलिस बर्बरता से पेश आ रही है। वायरल हुए एक वीडियो में एक छात्रा की मां के सरकार विरोधी नारे लगाने पर पुलिस वाले उसके बाल खींचते और उसे पुलिस की गाड़ी की तरफ धकेलते हुए दिख रहे हैं। पुलिस वालों ने सादा कपड़े पहने हुए हैं।
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