उत्तराखंड में धामी सरकार के कैबिनेट फैसले से सैकड़ों की संख्या में यहां रह रहे बंगाली हिंदुओं को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल सकेगा। ये बंगाली हिंदू 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थी बनकर यहां बसाए गए थे और उन्हें भूमि पट्टे देकर कच्चे मकान बनाए जाने की अनुमति दी गई थी। केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता अधिकारों में संशोधन किया था और पूरे देश में पड़ोसी देशों से आए हिंदुओं को देश की नागरिकता और अन्य अधिकार दिए जाने के लिए कानून बनाए थे।
उत्तराखंड सरकार ने यूपी की तरह अपने राज्य में रहने वाले बंगाली हिंदुओं के भूमि पट्टे को अब उन्हीं के नाम से मालिकाना हक देते हुए उनके नाम भूमि कर दिए जाने का निर्णय कैबिनेट में लिया है। इसमें सरकार अनुदान अधिनियम 1985 (अधिनियम संख्या 15 वर्ष 1895) में संशोधन करने का निर्णय लेते हुए बंगाली समुदाय को भूमि का अधिकार यानी मालिकाना हक दिए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट ने स्वीकार किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूर्वी पाकिस्तान से वहां के अत्याचारों की वजह से बेघर लोगों को भारत ने आश्रय दिया था और हमारी सरकार ने उन्हें उनकी काबिज जमीन का मालिक बना दिया है। अभी तक इस जमीन का मालिक राज्य सरकार हुआ करती थी।
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि राज्य की धामी सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला है, जिसकी कई सालों से प्रतीक्षा थी। श्री भट्ट ने कहा कि इससे सैकड़ों की संख्या में बंगाली हिंदू समाज के लोगों को घर के लिए जमीन मिल सकेगी।
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