खाद्यान्न की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए उसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू हो गई है। सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के जरिए बरेली मंडल में खाद्यान्न ढोने वाले सभी गाड़ियों पर जीपीएस लगा दिया गया है। जीपीएस के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए एफसीआई के गोदामों से लेकर कोटेदारों की दुकानों तक पहुंचने तक ट्रैकिंग होगी। इससे बरेली मंडल में 5.87 करोड़ की एक साल में राजस्व की बचत होगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चलाए जा रहे सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के तहत बरेली मंडल में करीब 20839 मीट्रिक टन गेहूं और 31258 मीट्रिक टन चावल हर माह गरीबों को बांटा जाता है। पहले एफसीआई के गोदामों से गरीबों का खाद्यान्न जिलों के गोदामों तक पहुंचता था। इसके बाद ब्लॉक के गोदामों में जाता था। ब्लॉक गोदामों से राशन की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। इसकी वजह से कालाबाजारी होती थी। बार-बार ट्रांसपोर्ट बदलने की वजह से लाखों रुपए का खर्च आता था। योगी सरकार के सिंगल स्टेज डोर स्टेज डिलीवरी सिस्टम लागू होने की वजह से सरकार को अकेले बरेली मंडल में ही हर साल करीब 5. 87 करोड़ के राजस्व की बचत होगी। बरेली मंडल की राशन की दुकानों तक गरीबों का गेहूं चावल पहुंचाने के लिए 328 ट्रक लगाये गये हैं। सभी ट्रकों में जीपीएस लगा दिया गया है। इनकी ट्रैकिंग इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए की जा रही है। बरेली मंडल में खाद्यान्न की कालाबाजारी करने वाले 18 माफिया के खिलाफ एक साल में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
जिला आपूर्ति निरीक्षक, नीरज सिंह ने बताया कि खाद्यान्न वितरण में लगे सभी ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा दिया गया है। जिससे कि ऑनलाइन उनकी मॉनिटरिंग की जा सके। सभी वाहनों को कंट्रोल कमांड सेंटर से जोड़ा जा रहा है। सरकारी राशन की दुकानों को मुख्य मार्ग पर शिफ्ट किया जा रहा है। गलियों और घनी आबादी के बीच की दुकानों पर गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं। इससे दिक्कत होती है। मुख्य मार्ग पर कोटेदारों की दुकानें शिफ्ट न होने पर उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
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