बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों ने बारामूला में अंतर जिला नार्को-टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। भंडाफोड़ के दौरान पुलिस को हथियारों के अलावा करोड़ों रुपये की कीमत की हेरोइन भी बरामद हुई है। खबरों के अनुसार बारामूला पुलिस और सेना ने नार्को-टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इस दौरान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा दो सहयोगी गिरफ्तार हुए हैं और उनके पास हथियार और गोला बारूद के अलावा 1.5 करोड़ रुपये की हेरोइन बरामद हुई है। पुलिस के अनुसार UAP एक्ट, NDPS एक्ट और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत बारामूला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया है। पकड़े गए मददगार सीमा पार के हैंडलरों के संपर्क में थे।
आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होता पैसा
सुरक्षाबलों ने चेनाद क्रासिंग पर नाका चेकिंग के दौरान एक वाहन से जा रहे लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मददगारों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान निसार अहमद खान निवासी खहमो रफियाबाद, बारामूला और मोहम्मद रफीक खान निवासी तंगधार, कुपवाड़ा के रूप में की गई है। दरअसल सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि अंतर जिला नारको टेररिज्म के एक मॉड्यूल से जुड़े दो आतंकी मददगार हेरोइन व हथियारों के साथ एक वाहन से गुजरने वाले हैं। पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने चेनाद क्रासिंग से गुजरने वालों वाहनों की तलाशी शुरू कर दी। इस दौरान एक टिप्पर (जेके09बी-9787 ) पर दो व्यक्ति आते दिखाई दिए। जांच के लिए उनके वाहन को रोका गया। तलाशी के दौरान वाहन से 800 ग्राम हेरोइन बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान दोनों मददगारों ने स्वीकार किया कि वह लश्कर-ए-तैयबा के साथ काम कर रहे हैं और लश्कर के आकाओं के संपर्क में थे। उनके खुलासे पर स्टेपनी से एक एके 47 मैगजीन, एके 47 के 15 कारतूस व चीन में बना एक ग्रेनेड भी जब्त किया। पड़ताल में निकलकर सामने आया कि दोनों आतंकी मददगारों को उनके आकाओं ने नशीले पदार्थों को बेचने का काम सौंपा था। इससे मिलने वाली रकम का उपयोग घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाना था।
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