दुनिया में जिहादी गुटों को पोसने वाले के नाते बदनाम देश पाकिस्तान धूर्तता की सारी हदें पार कर रहा है। एक तरफ उसके सिर पर एफएटीएफ की काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा है। दूसरी तरफ रूस से कर्जा लेने जा रहे प्रधानमंत्री इमरान खान को अब भारत से कारोबार में 'फायदा' नजर आ रहा है। इस बारे में इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार का कहना है कि भारत के साथ कारोबार करना वक्त की जरूरत है और इसमें सभी का फायदा है।
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार पर पाकिस्तान ने ही जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने पर विरोध जताते हुए लगाम लगा दी थी। लेकिन अब उसे अपनी गलती का अहसास हो रहा है या और किसी वजह से पाकिस्तान फिर भारत का नाम रटने लगा है। पाई-पाई को मोहताज हो चुके इस इस्लामी देश के प्रधानमंत्री इमरान के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद ने कल एक कार्यक्रम में कहा कि वक्त की जरूरत है कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते कायम हों। रज्जाक के अनुसार, कारोबार बहाल होने से भारत और पाकिस्तान दोनों को फायदा होगा। जैसा पहले बताया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार का ऐसी 'भली सलाह' देता बयान इमरान के रूस दौरे की पूर्व संध्या पर आने के पीछे कई कारण छुपे हैं।
रज्जाक ने कारोबार, निवेश तथा उत्पादन विषय पर बोलते हुए भारत से कारोबारी रिश्तों पर पटरी पर लाने की दुहाई दी है। रज्जाक यह कहने में भी नहीं हिचकिचाए कि भारत से ज्यादा इस 'कारोबार से पाकिस्तान को खासतौर पर फायदा होता है। इसलिए इसे तुरंत शुरू करने की जरूरत है'।
इमरान के सलाहकार रज्जाक ने कारोबार, निवेश तथा उत्पादन विषय पर बोलते हुए भारत से कारोबारी रिश्तों पर पटरी पर लाने की दुहाई दी है। रज्जाक यह कहने में भी नहीं हिचकिचाए कि भारत से ज्यादा इस 'कारोबार से पाकिस्तान को खासतौर पर फायदा होता है। इसलिए इसे तुरंत शुरू करने की जरूरत है'।
दरअसल, इमरान खान कल यानी 23 फरवरी से दो दिन के लिए रूस जाएंगे। 23 साल बाद कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पहली बार रूस जाएगा। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को रूस द्वारा आधिकारिक तौर पर द्विपक्षीय हितों से जुड़ी चर्चा के लिए बुलाया गया है।
उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने भी इमरान खान के आगामी रूस दौरे की पुष्टि की है। यूक्रेन तथा रूस के बीच तनाव के हालात हैं और ऐसे वक्त पर इमरान की रूस यात्रा आर्थिक तथा व्यापार सहयोग बढ़ाने पर ही सीमित रहेगी, विशेषज्ञों को इसके आसार कम ही दिखते हैं। प्रत्यक्ष तौर पर बताया गया है कि ‘पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन परियोजना’ पर भी आगे बढ़ने को लेकर बात होगी। इसमें रूस की कम्पनी भारतीय सीमा के पास से पाकिस्तान में कराची से कसूर तक एक पाइपलाइन बिछाने वाली है।
बस यहीं पर वह खास बात है जिसकी वजह से इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार का वह बयान आया है। जरा समीकरण पर गौर करिए। रूस पाकिस्तान में गैस पाइपलाइन बिछा रहा है। यह गैस पाइपलाइन रूस और मध्य एशिया के देशों से पाकिस्तान होकर भारत तक जाती है। इस पाइपलाइन से पाकिस्तान अच्छी-खासी रकम बनाने की उम्मीद पाले है। इस उम्मीद ने उसे भारत की याद दिलाई है। उसके साथ कारोबारी रिश्ते पटरी पर लाकर वह शायद पाइपलाइन सही से बिछाना चाहता है। भारत ही नहीं, रज्जाक भारत के साथ-साथ मध्य एशियाई देशों के साथ भी कारोबार शुरू करने में पाकिस्तान के 'फायदे' गिना रहे हैं।
टिप्पणियाँ