पाकिस्तान में अनकही सेंसरशिप जैसी लागू है। देश के वरिष्ठ पत्रकारों और उनकी कही बातों, लेखों पर बारीक नजर रखी जा रही है। कम से कम वहां सामने आ रहे घटनाक्रमों से तो यही मालूम देता है। कल ही वहां के एक वरिष्ठ पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने एक टीवी कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर एक ऐसी टिप्पणी कर दी थी कि वो सत्ता चलाने वालों के गले नहीं उतरी। नतीजा यह हुआ कि उसे हिरासत में ले लिया गया।
हुआ यूं कि पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार मोहसिन बेग ने एक टीवी बहस में हिस्सा लेते हुए मजाकिया अंदाज में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की एक किताब के अंश की तरफ इशारा किया था। बस, इससे चिढ़कर इमरान के करीबी माने जाने वाले मंत्री मुराद सईद की शिकायत पर बेग को अज्ञात धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
केन्द्रीय मंत्री मुराद सईद की शिकायत पर वरिष्ठ पत्रकार आलोचक मोहसिन बेग के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। सईद ने बेग पर उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से गलत शब्दों का प्रयोग करने और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप मढ़े थे। इसके बाद जांच एजेंसी ने मोहसिन बेग को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद में उनके घर पर धावा बोल दिया। बेग के विरुद्ध दर्ज की गई रिपोर्ट में यह साफ नहीं बताया गया है कि दंड संहिता की कौन सी धाराओं के तहत उन्हें पकड़ा गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने कैबिनेट के 10 मंत्रियों को 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन' का प्रमाण पत्र दिया था। इन मंत्रियों में संचार व डाक सेवा मंत्री मुराद सईद भी शामिल थे। उन्हें सबसे शानदार प्रदर्शन करने के नाते विशेष रूप से सम्मानित किया गया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस निर्णय पर पाकिस्तान के एक टीवी चैनल ने बहस का एक कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में एंकर ने सवाल पूछा था कि मुराद सईद को सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाला क्यों माना गया? इस प्रश्न के जवाब में मोहसिन बेग ने हल्के—फुल्के अंदाज में प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की एक किताब को उद्धत कर दिया और इसके साथ ही अपनी बात रखी।
दरअसल इस किताब में इमरान खान की बीवी रहीं रेहम खान ने मुराद सईद व इमरान खान के बीच संबंधों का उल्लेख किया है। बेग ने उसकी याद दिलाते हुए अपने जवाब में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। बस, उनके खिलाफ कार्रवाई हो गई। उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन पर अज्ञात धाराएं लगा दी गईं। बता दें कि सरकार के विरुद्ध टिप्पणियों के मामले में बेग दूसरे व्यक्ति हैं जिन्हें गत एक हफ्ते के दौरान कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
फेडरल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी ने 16 फरवरी को केन्द्रीय मंत्री मुराद सईद की शिकायत पर वरिष्ठ पत्रकार आलोचक मोहसिन बेग के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। सईद ने बेग पर उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से गलत शब्दों का प्रयोग करने और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप मढ़े थे। इसके बाद जांच एजेंसी ने मोहसिन बेग को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद में उनके घर पर धावा बोल दिया। बेग के विरुद्ध दर्ज की गई रिपोर्ट में यह साफ नहीं बताया गया है कि दंड संहिता की कौन सी धाराओं के तहत उन्हें पकड़ा गया है।
जांच एजेंसी का कहना है कि पत्रकार ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए अपने बेटे के साथ मिलकर अधिकारियों पर गोलियां चलाईं। इस गोलीबारी में एक अधिकारी जख्मी भी हो गया। इसके बाद पुलिस को बुलवाकर बेग को गिरफ्तार कर लिया गया। मोहसिन बेग को पूछताछ के लिए मारगल्ला पुलिसथाने ले जाया गया।
इतना ही नहीं, पुलिस ने मोहसिन बेग के विरुद्ध आतंकवाद निरोधी अधिनियम के अंतर्गत भी केस दर्ज किया है। उन पर आरोप लगाया है कि बेग ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया। जबकि बेग के बेटे का कहना है कि जांच एजेंसी के अधिकारी सादे कपड़ों में घर आए थे और बस उनके पिता को पकड़ लिया। शुरू में लगा जैसे वे कोई बदमाश थे, क्योंकि उन्होंने हवा में गोलियां चलाईं। फिर बाद में उन्होंने अपनी पहचान जाहिर की। जब उनसे गिरफ्तारी का वारंट दिखाने को कहा गया तो उन्होंने वह नहीं दिखाया क्योंकि उनके पास कोई वारंट ही नहीं था।
इधर मोहसिन बेग के परिवार ने उनकी गैरकानूनी हिरासत के विरुद्ध अपील की। इस पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने सुनवाई के बाद बेग को अदालत में पेश करने के लिए एक जमानती नियुक्त किया है।
वरिष्ठ पत्रकार मोहसिन बेग की गिरफ्तारी पर सियासत भी गर्मा गई है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बेग की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा है कि इससे साफ है कि इमरान खान अपनी आलोचना से डरते हैं। उन्होंने बेग की फौरन रिहाई की मांग की है।
टिप्पणियाँ