झारखंड के भाषा आंदोलनकारी बताएं कि उर्दू कब से राज्य की क्षेत्रीय भाषा हो गई!
Tuesday, May 24, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

झारखंड के भाषा आंदोलनकारी बताएं कि उर्दू कब से राज्य की क्षेत्रीय भाषा हो गई!

रितेश कश्यप by रितेश कश्यप
Feb 4, 2022, 11:53 pm IST
in भारत, बिहार
आंदोलनकारियों ने भाजपा नेता रविंद्र राय की गाड़ी को इस तरह घेर कर उन पर हमला किया

आंदोलनकारियों ने भाजपा नेता रविंद्र राय की गाड़ी को इस तरह घेर कर उन पर हमला किया

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
एक बार फिर से झारखंड में भाषा के नाम पर आंदोलन हो रहा है। आंदोलनकारी क्षेत्रीय भाषा के नाम पर मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथिली का विरोध तो कर रहे हैं, लेकिन उर्दू के नाम पर चुप हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आंदोलनकारी बताएं कि कब से उर्दू झारखंड की क्षेत्रीय भाषा हो गई!

इन दिनों झारखंड में भाषा के नाम पर आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों की मांग है कि राज्य सरकार तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षा में केवल राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं को ही रखे। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष झारखंड सरकार ने भाषा नीति बनाई थी। इसमें 'खोरठा', 'कूर्माली', 'हो' 'संथाली' जैसी 12 क्षेत्रीय भाषाओं के साथ 'उर्दू', 'बांग्ला', 'उड़िया', 'मगही', 'भोजपुरी' जैसी भाषाएं भी शामिल हैं। अब आंदोलनकारियों का कहना है कि झारखंड में केवल और केवल यहीं की भाषाओं को जगह मिलनी चाहिए। इसलिए ये लोग मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथिली आदि का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि मगही, भोजपुरी, मैथिली झारखंड में पीढ़ियों से रहने वाले वे लोग बोलते हैं, जिनकी जड़ें बिहार में हैं। इसलिए लोग कहते हैं कि इन भाषाओं का विरोध बिहार की भाषा मानकर किया जा रहा है।
आश्चर्यजनक रूप से आंदोलनकारी उर्दू का विरोध नहीं कर रहे हैं, जबिक उर्दू क्षेत्रीय भाषा नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने उसे क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा है। ऐसा क्यों हो रहा है! इसके उत्तर में भाषा आंदोलन को समर्थन देने वाले और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता तथा पूर्व विधायक अमित महतो कहते हैं, ''झारखंड में मगही, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका के साथ-साथ उर्दू, बांग्ला, उड़िया भी नहीं होनी चाहिए।'' अमित महतो ने ऐसा तब कहा जब उनसे उर्दू पर सवाल किया गया। इससे पहले ये इस तरह की बात नहीं कहते थे।
जो लोग अभी सड़कों पर भाषा के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं, उनके बैनरों पर भी उर्दू की कोई चर्चा नहीं है और न ही वे उर्दू के विरोध मेें नारे लगा रहे हैं। इसलिए बहुत सारे लोग कहते हैं कि आंदोलनकारियों को भोजपुरी, मगही जैसी भाषाओं से तो नफरत है, लेकिन उर्दू से प्यार है। और यह देखा जाता है कि उर्दू से प्यार उन लोगों को होता है, जिन्हें वोट की राजनीति करनी होती है यानी नेता। इसलिए कहा जा रहा है कि इन भाषा आंदोलनकारियों के पीछे ऐसे ही नेता खड़े हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो वे लोग उर्दू का भी विरोध अवश्य करते हैं। हालांकि भाषा आंदोलन के कुछ समर्थक इस बात को सिरे से खारिज करते हैं। 'जय झारखंड' संगठन से जुड़े सहदेव महतो का कहना है कि झारखंड में जिस जिले के अंदर जो भाषा चलती है उसी भाषा को लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने पूरे झारखंड में उर्दू भाषा को लागू करने का पुरजोर विरोध किया। इसके साथ ही उनका कहना है कि बिहार से सटे झारखंड के जिन इलाकों में भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली बोली जाती है उन जिलों में इन भाषाओं को लागू किया जा सकता है। लेकिन पूरे राज्य में अगर इन भाषाओं को लागू किया जाएगा तो झारखंड की अपनी भाषा और संस्कृति का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। उल्लेखनीय है कि ठाकुर मूल रूप से मुजफ्फरपुर के हैं और इस कारण उनका भी झारख्रंड में विरोध हो रहा है। हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वालीं गीताश्री उरांव ने कहा है कि राजेश ठाकुर बिहारी यानी बाहरी हैं। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि झारखंड में बिहारी विरोध के नाम पर कौन—सी खिचड़ी पक रही है।
वहीं ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है, जो यह मानते हैं कि यह आंदोलन राज्य में भाजपा को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार कहते हैं, ''झारखंड सरकार चाहती है कि राज्य में भाजपा का उसी तरह विरोध हो, जैसे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में हो रहा है। यही कारण है कि प्रदर्शनकारी भाजपा के नेताओं पर हमले कर रहे हैं और भाजपा के बड़े नेताओं को खुलेआम गालियां दे रहे हैं।'' बता दें कि गत दिनों भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कोडरमा से सांसद रहे रविंद्र राय पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था। उन्हें अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। उनके अंगरक्षकों के साथ बदसलूकी की गई। देश में पिछले दिनों हुए कुछ आंदोलनों में यह देखा गया है कि ऐसी हरकतें वही तत्व करते हैं, जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद पर देखना नहीं चाहते हैं। इसलिए बहुत सारे लोग शंका व्यक्त कर रहे हैं कि इस झारखंड के इस भाषा आंदोलन के पीछे कहीं नक्सली और चर्च के लोग तो नहीं हैं!

रितेश कश्यप
Correspondent at Panchjanya | Website

दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।

 

  • रितेश कश्यप
    https://panchjanya.com/author/ritesh-kashyap/
    व्हीलचेयर पर पोप और दाएं वह बैनर, जिसमें चंगाई सभा की जानकारी दी गई है
    May 20, 2022, 09:00 am IST
    कोई पोप को भी चंगाई सभा में ले जाओ, जहां दिव्यांग भी 'चलने' लगते हैं
  • रितेश कश्यप
    https://panchjanya.com/author/ritesh-kashyap/
    झारखंड का एक सरकारी विद्यालय
    May 19, 2022, 02:30 pm IST
    झारखंड सरकार का फरमान, "राज्य के 35,000 विद्यालयों को हरे रंग में रंग दो''
  • रितेश कश्यप
    https://panchjanya.com/author/ritesh-kashyap/
    निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल
    May 19, 2022, 08:05 am IST
    जानिए निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के कुछ कारनामे
ShareTweetSendShareSend
Previous News

मुरादाबाद का गैंगस्टर नदीम फर्जी दस्तावेजों से जमानत लेकर फरार

Next News

पंजाब : प्रचार करने गए सिद्धू को लौटना पड़ा बैरंग, कार्यकर्ता ने नहीं खोला दरवाजा

संबंधित समाचार

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

उत्तर प्रदेश में एक साल के अंदर दर्ज हुए कुल 5032 ऑनलाइन एफआईआर, सीएम योगी ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश में एक साल के अंदर दर्ज हुए कुल 5032 ऑनलाइन एफआईआर, सीएम योगी ने दी जानकारी

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

उत्तर प्रदेश में एक साल के अंदर दर्ज हुए कुल 5032 ऑनलाइन एफआईआर, सीएम योगी ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश में एक साल के अंदर दर्ज हुए कुल 5032 ऑनलाइन एफआईआर, सीएम योगी ने दी जानकारी

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

यूपी के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर हर माह लगेगा रोजगार मेला

यूपी के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर हर माह लगेगा रोजगार मेला

इलाज के नाम पर हकीम “हमीदुल हक” ने किया नाबालिग से दुष्कर्म

इलाज के नाम पर हकीम “हमीदुल हक” ने किया नाबालिग से दुष्कर्म

आगरा : नालों और सीवरों के दो करोड़ लीटर गंदे पानी से मैली हो रहीं है यमुना जी

आगरा : नालों और सीवरों के दो करोड़ लीटर गंदे पानी से मैली हो रहीं है यमुना जी

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies