विशेष संवाददाता
पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गयी है। हिंदुत्व को कोसने के लिए राजनीतिक दलों ने कट्टरवादी बयान देने शुरू कर दिए हैं। मुस्लिमों को इस बात के लिए डराया जा रहा है कि बीजेपी आ गई तो फिर से हिंदू गर्दी शुरू हो जाएगी। उत्तराखंड में कांग्रेस ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बहाने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को हवा देनी शुरू कर दी है, मुस्लिम वोट बैंक को रिझाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने यूपी से लगी विधानसभाओ में उनके क्षेत्रों में अपने मुस्लिम नेताओं को आगे कर बीजेपी को कोसने का अभियान तेज़ किया है।
पश्चिम यूपी में मेरठ में सपा प्रत्याशी रफीक अंसारी ने अपने भाषण में हिंदुत्व के खिलाफ जहर उगला। रफीक अंसारी कहते हैं कि पिछले पांच सालों में थानों से बीजेपी ने हिन्दू गर्दी को अंजाम देते हुए अपना राज कायम किया। रफीक अंसारी जगह-जगह अपने भाषणों में हिंदुत्व को ही कोस रहे हैं और इस बात का डर मुस्लिम में बैठाया जा रहा है कि बीजेपी की योगी सरकार आयी तो हमारे लोग जेलों में ही सड़ेंगे। रफीक अंसारी की आईटी टीम उनके भाषणों को खूब वायरल कर रही है। रामपुर में आज़म खान के बेटे अब्दुल आज़म जगह-जगह ये बयान दे रहे हैं कि योगी की पुलिस ने हमें आतंकी मानकर आज़म खान और उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया। अब्दुल आज़म जगह-जगह अपनी जनसभाओं में रो रोकर हिंदुत्व को कोस रहे हैं, उनके भाषणों के वीडियो वायरल किये जा रहे हैं।
हिंदुत्व को कोसने में मुस्लिम मौलानाओं के भाषणों के वीडियो भी वायरल करवाये जा रहे हैं। देवबंद में मदरसों से जारी इन वीडियो और ऑडियो में इस बात का प्रचार करवाया जा रहा है कि योगी सरकार में मुस्लिमों पर क्या-क्या और कैसे कैसे अत्याचार हुए। इन प्रचार को साझा करवाने के लिए बड़े स्तर पर आईटी सेल की टीमों को लगाया गया है। बताया जाता है इसकी फंडिंग भी मदरसों से राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के माध्यम से हो रही है। मेरठ के सोतीगंज कबाड़ माफिया के खिलाफ जिस तरह से पुलिस ने सख्ती की इसके खिलाफ भी मुस्लिम वोटरों में जहर उगला जा रहा है। इसी तरह बरेली में भी ड्रग माफिया के पक्ष में प्रचार किये जा रहे हैं और ये बताने की कोशिश की जा रही है कि हज किये मुस्लिमो के खिलाफ पुलिस की सोची समझी साजिश योगी सरकार की चल रही है। उल्लेखनीय है कि मेरठ में कबाड़ माफिया में हाजी गल्ला, हाजी इकबाल आदि के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर लगाया था।
ज्ञात हुआ है लव जिहाद और कन्वर्जन के मामलों में जेल भेजे गए मौलाना कलीम सिद्दीकी के मदरसे की प्रचार टीम भी योगी सरकार के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रही है। मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने कन्वर्जन मामले में जेल भेजा था और इनको विदेशों से मिलने वाली फंडिंग को प्रतिबंधित किया था। मेरठ, मुजफ्फरनगर, रामपुर देवबंद, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर शामली कैराना आदि शहरों में मुस्लिम कट्टरपंथी नेताओं के बयान वीडियो और ऑडियो के जरिये सोशल मीडिया पर वायरल करवाये जा रहे हैं। कुछ बयान तो ऐसे हैं, जिनको सुनकर रोंगटे खड़े हो रहे हैं। इनकी शब्दावली ऐसी है मानो चुनाव प्रचार न होकर मुस्लिम जिहाद के लिए लोगों को उकसाया जा रहा है। एक वीडियो ऐसा भी जारी हुआ है जिसमे देवबंद के एक मौलाना कह रहे हैं कि देश में कहीं भी यूपी का मुसलमान नौकरी कर रहा है या काम कर रहा है वो छुट्टी लेकर वोट डालने आये ताकि हिंदुओ को हराया जा सके।
समाजवादी पार्टी और लोकदल ने पश्चिम यूपी में ऐसे कई जिले हैं, जहां केवल मुस्लिमों को ही टिकट दिए हैं जैसे इनमें मुरादाबाद प्रमुख है, जहां छह की छह सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। सपा, लोकदल के मुस्लिम नेता खुलेआम हिंदुत्व पर जहर उगल रहे हैं। यही वज़ह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कैराना और कई स्थानों में जो गर्मी दिख रही है वो 10 मार्च के बाद ठंडी हो जाएगी। बीजेपी के नेता और मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा है कि सपा के मुस्लिम नेता अपने युवाओं को भड़काकर उन्हें आगे कर रहे हैं फिर उनके द्वारा आरोप लगाया जाएगा कि मुस्लिमों का उत्पीड़न हो रहा है।
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