इजरायल की नाक में दम करने वाले फिलिस्तीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘हमास’ ने भारतीय कारोबारी के खाते में सेंध लगा दी है। दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी एक कारोबारी के खाते से वर्ष 2019 में करीब 30.85 रुपये कीमत की क्रिप्टोकरेंसी को उसके मोबाइल वॉलेट से उड़ा लिया गया। लोकल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
बाद में इसकी छानबीन स्पेशल सेल के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएससी) यूनिट को सौंप दी गई। कुछ ही दिनों की जांच के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कारोबारी के खाते से तीन अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर हुई। हैक कर चोरी किए की गई क्रिप्टोकरेंसी की कीमत फिलहाल चार करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। जिन वॉलेट में रकम ट्रांसफर हुई है उसे हमास की मिलिट्री विंग अल-कस्साम ब्रिगेड इस्तेमाल कर रहा है। इस खुलासे के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि पश्चिम विहार के एक कारोबारी ने पुलिस से शिकायत की थी कि किसी ने उसके मोबाइल वॉलेट से क्रिप्टोकरेंसी (6.2 बिटक्वाइन, 9.79 एथैरम और 2.44 बिटक्वाइन कैश) उड़ा ली थी। इसकी भारतीय रुपयों में कीमत करीब 30,85,845 (30.85 लाख) थी। अज्ञात शख्स ने उसके मोबाइल को हैक कर वारदात को अंजाम दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2019 में पश्चिम विहार थाने में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच लोकल पुलिस से लेकर आईएफएसओ यूनिट को सौंप दी। मामले की जांच को आगे बढ़ाया गया तो पुलिस के होश उड़ गए। क्रिप्टोकरेंसी विभिन्न माध्यमों से होते हुए फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के मिलिट्री विंग अल-कस्साम ब्रिगेड के खाते में पहुंची थी। जिस वॉलेट में करंसी पहुंची थी उस पर इजरायल की 'नेशनल ब्यूरो फॉर काउंटर टेरर फाइनेंसिंग' ने प्रतिबंध लगाया हुआ था। जिस वॉलेट में रकम पहुंची थी उसका संबंध आतंकी 'मोहम्मद नासिर इब्राहिम अब्दुल्लाह' से था।
पुलिस के मुताबिक कई निजी क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से होते हुए पैसा इस संगठन के वॉलेट में पहुंचता था। बाद में इस पैसे का इस्तेमाल इजरायल से लड़ाई व दूसरी आतंकी घटनाओं के लिए किया जाता था। इसके अलावा बाकी जिन दो खातों में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर हुई थी उनका संबंध मिस्र के गीजा निवासी अहमद मरजूक था। इसके अलावा एक अन्य वॉलेट जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पहुंची उसका संबंध रामल्लाह, फिलिस्तीन निवासी अहमद क्यू एच सफी से है। इन सभी के वॉलेट में रकम अलग-अलग खातों से होते हुए पहुंची। दूसरी ओर जांच के दौरान यह भी पता चला कि क्रिप्टोकरेंसी को यूके की एक प्रसिद्ध सट्टे की साइट और बच्चों की पोर्न साइट से होते हुए यहां भेजा गया था। इजरायल को हमास के धन जुटाने के बारे में पत चला तो उसने कई वॉलेट की जानकारी भारत समेत कई देशों से साझा की थी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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