सिख गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे वो आज भी वैसे ही हैं : प्रधानमंत्री
May 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सिख गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे वो आज भी वैसे ही हैं : प्रधानमंत्री

by WEB DESK
Dec 25, 2021, 06:21 pm IST
in भारत, गुजरात
श्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

श्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
पीएम ने कहा कि 2019 में हमारी सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण का काम पूरा किया, सिख समुदाय के बलिदान का गवाह है जलियांवाला बाग

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की एकता और अखंडता में सिख गुरुओं के योगदान का स्मरण करते हुए शनिवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि कोई भी देश की एकता को नुकसान न पहुंचा सके। प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों पंजाब के गुरुद्वारों में बेअदबी के दो मामलों का जिक्र किये बिना कहा, “हमारे गुरु जिन खतरों से देश को आगाह करते थे, वो आज भी वैसे ही हैं। इसलिए हमें सतर्क भी रहना है और देश की सुरक्षा भी करनी है।” प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के कच्छ में स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित गुरु नानक देव के गुरुपुरब समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कोई हमारे सपनों पर, देश की एकजुटता पर आंच न ला सके
प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव की शिक्षाओं को चरितार्थ करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी का दायित्व है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में कोई हमारे सपनों पर, देश की एकजुटता पर आंच न ला सके। हमारे गुरु जिन सपनों के लिए जिये, जिन सपनों के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया, उनकी पूर्ति के लिए हम सभी एकजुट होकर चलें। प्रधानमंत्री ने गुरुवारा लखपत साहिब के अतीत में व्यापार केंद्र और दूसरे देशों में जाने के मार्ग के रूप में स्थापित होने का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है और इसने अनेक झंझावातों को झेला है। प्रधानमंत्री ने गुरुद्वारा लखपत से साथ जुड़ी अपनी यादों को साझा करते हुए कहा, “2001 के भूकम्प के बाद मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। मुझे याद है, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस स्थान के मौलिक गौरव को संरक्षित किया। प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरुवाणी अंकित की गई। इस प्रोजेक्ट को तब यूनेस्को ने सम्मानित भी किया था।” उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गुरुद्वारे की मरम्मत का काम अविलम्ब शुरू करना सुनिश्चित किया था।

अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाई
प्रधानमंत्री ने सिखों की आस्था और सुविधा के लिए उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया। उन्होंने हाल ही में अफगानिस्तान से ससम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने के संबंध में कहा कि गुरु कृपा का इससे बड़ा अनुभव किसी के लिए और क्या हो सकता है? प्रधानमंत्री ने अपनी अमेरिका यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं। इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है। खालसा पंथ को गुजरात से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गुजरात के लिए हमेशा गौरव की बात रहा है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पंज प्यारों में से चौथे गुरसिख, भाई मोकहम सिंह जी गुजरात के ही थे। देवभूमि द्वारका में उनकी स्मृति में गुरुद्वारा बेट द्वारका भाई मोहकम सिंह का निर्माण हुआ है।

आज देश का मंत्र है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।
प्रधानमंत्री ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में सिख गुरुओं के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी और उनके बाद हमारे अलग-अलग गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित रखा ही, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया। उन्होंने कहा, “हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है।” प्रधानमंत्री ने मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर की वीरता और बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा, “औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है।” इसी तरह, दशम गुरु, गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है। देश की आजादी की लड़ाई में सिखों के योगदान के संबंध में उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के संघर्ष के दौरान सिख समुदाय द्वारा किए गए बलिदान का गवाह है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से कोहिमा तक, पूरा देश एक साथ सपने देख रहा है, एक साथ उनकी सिद्धि के लिए प्रयास कर रहा है। आज देश का मंत्र है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत। आज देश का लक्ष्य है- एक नए समर्थ भारत का पुनरोदय। आज देश की नीति है- हर गरीब की सेवा, हर वंचित को प्राथमिकता।

प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 97वीं जयंती पर नमन करते हुए कहा कि अटल जी का कच्छ से विशेष स्नेह था। भूकंप के बाद यहां हुए विकास कार्यों में अटल जी और उनकी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही थी। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुजरात की सिख संगत गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरु नानक देव जी का गुरुपुरब मनाती है। गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान लखपत में ठहरे थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जैसे खड़ाऊं और पालकी सहित पांडुलिपियां और गुरुमुखी लिपि।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

शिक्षा के साथ संस्कार से होगा मानव का समग्र विकास : सुरेश सोनी

अली खान महमूदाबाद

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भेजा गया जेल

भारतीय ज्ञान परंपरा में मास और ऋतुचक्र : हमारी संस्कृति, हमारी पहचान

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया

मैक्रों से अलग से बैठक की यूनुस की मंशा पर फिरा पानी, France के राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का वक्त

नई दिल्ली : SSB ने 27 उग्रवादी किए ढेर, 184 घुसपैठिए भी गिरफ्तार

क्या ट्रांस-टोडलर्स हो सकते हैं? कितना घातक है यह शब्द?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

शिक्षा के साथ संस्कार से होगा मानव का समग्र विकास : सुरेश सोनी

अली खान महमूदाबाद

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भेजा गया जेल

भारतीय ज्ञान परंपरा में मास और ऋतुचक्र : हमारी संस्कृति, हमारी पहचान

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया

मैक्रों से अलग से बैठक की यूनुस की मंशा पर फिरा पानी, France के राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का वक्त

नई दिल्ली : SSB ने 27 उग्रवादी किए ढेर, 184 घुसपैठिए भी गिरफ्तार

क्या ट्रांस-टोडलर्स हो सकते हैं? कितना घातक है यह शब्द?

1-2 बार नहीं 100 बार पकड़ा गया पाकिस्तान : BSF ने 3 घुसपैठिए किए ढेर, घातक हथियार बरामद

भारतीय नौसेना के समुद्री बेड़े में शामिल किये जाएंगे ‘प्राचीन सिले हुए जहाज’

गढ़चिरौली : 36 लाख रुपये की इनामी 5 नक्सली महिलाएं गिरफ्तार, घातक हथियार बरामद

Dr. Jayant Narlikar का निधन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुःख

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies