कन्वर्जन के अभियुक्त मोहम्मद उमर गौतम, इरफान शेख, सलाउद्दीन शेख, कौसर आलम और फ़राज़ शाह के खिलाफ गंभीर आपराध के साक्ष्य मिले हैं. एटीएस ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अभियुक्तों के खिलाफ गंभीर अपराध की धाराओं को बढ़ाने की अनुमति मांगी है.
लखनऊ ब्यूरो
एटीएस ने विवेचना के दौरान यह पाया कि कन्वर्जन के साथ ही यह गैंग राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र रच रहा था. एटीएस, उमर गौतम, जहांगीर कासमी, राहुल भोला, मन्नू यादव, सलाउद्दीन और इरफान के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है. इस मुकदमे में अन्य अभियुक्तों , अर्सलान उर्फ भूप्रिय बंदो, कौसर आलम और फराज के खिलाफ विवेचना अभी जारी है.
बता दें कि जहांगीर और उमर गौतम ने एक हजार से अधिक कन्वर्जन कराया है. दिव्यांग छात्रों को भी निशाना बनाया गया. एटीएस ने विवेचना में पाया कि षड्यंत्र के अंतर्गत कन्वर्जन कराया जा रहा था. नोएडा सेक्टर- 117 में नोएडा डेफ सोसायटी के एक केंद्र में कन्वर्जन कराया जा रहा था. वहां पर प्रशिक्षण लेने आए दिव्यांग बच्चों को भी कन्वर्जन का निशाना बनाया गया. नोएडा के मूक बधिर विद्यालय में प्रशिक्षण लेने वाले छात्र आदित्य कुमार गुप्ता का कन्वर्जन कराया गया. कन्वर्जन के बाद उसे दक्षिण के राज्य में ले जाया गया.
काफी दिनों तक जब कोई खोज – खबर नहीं मिली तब उसके माता-पिता ने जनपद कानपुर नगर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कन्वर्जन के इस बड़े गिरोह के पकड़ में आने के बाद उत्तर प्रदेश की एटीएस ने आदित्य के माता- पिता से पूछताछ की तो पता लगा कि आदित्य से वीडियो काल के माध्यम से बात हुई थी. एटीएस को यह भी जानकारी मिली कि एक अन्य दिव्यांग मन्नू यादव का भी कन्वर्जन कराया गया है. उसके बाद बड़े पैमाने पर इस गैंग की जांच शुरू हुई थी.
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