लखनऊ ब्यूरो
अब किसानों को कागज की पर्ची की जगह उनके मोबाइल फोन पर पर्ची एसएमएस के रूप में मिलने लगी है. ऑनलाइन पोर्टल 'caneup.in' एवं 'E-Ganna' ऐप के माध्यम से सर्वे, कैलेंडर, पर्ची और भुगतान सम्बन्धी सूचना प्रदेश के गन्ना किसानों को समय पर उपलब्ध हो रही है. एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ई.आर.पी.) से पर्ची निर्गमन के कार्य में पूरी पारदर्शिता लाई गई है.
उत्तर प्रदेश के लगभग 45 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता कृषकों को समय से एसएमएस गन्ना पर्ची उपलब्ध कराई गई. इससे पहले कागज की गन्ना पर्ची किसानों को दी जा रही थी. इससे पहले की सरकारों ने कभी इन व्यवस्थाओं को लागू करने के बारे में नहीं सोचा था. योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 167 सहकारी गन्ना समितियों के वित्तीय लेन-देन, कृषि निवेशों का वितरण, किसानों को ऋण एवं अनुदान वितरण एवं गन्ना मूल्य भुगतान आदि को पारदर्शी बनाया गया. प्रदेश के 44.40 लाख कृषकों ने 'E-Ganna' ऐप डाउनलोड किया, 16.48 करोड़ बार कृषकों ने www.caneup.in वेबसाइट पर अपनी सूचना को देखा.
16 करोड़ की 33 सम्पत्तियां कब्जों से मुक्त कराई गईं
राज्य सरकार ने गन्ना समितियों की सम्पत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने एवं उन्हें सुरक्षित करने का भी विशेष अभियान चलाया है. गत साढ़े 4 वर्ष में गन्ना समितियों की सभी 968 सम्पत्तियों को चिन्हित कर उनकी जियो-मैपिंग कराई गई. इन सम्पत्तियों में से 65 अतिक्रमित सम्पत्तियां भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज हुईं, इनमें से लगभग 16 करोड़ रुपये की 33 सम्पत्तियां कब्जे से मुक्त कराई जा चुकी हैं.
टिप्पणियाँ