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हिंसा के शिकार लोगों ने सुनाई पीड़ा, मानवाधिकार आयोग ने कहा—बंगाल में लोग बोलने तक से डर रहे

by WEB DESK
Jul 8, 2021, 04:31 pm IST
in भारत, पश्चिम बंगाल
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने गत बुधवार को लगातार दूसरे दिन हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने आयोग के सदस्यों के सामने अपना दुखड़ा सुनाया। आयोग के सदस्य ने कहा कि हिंसा का शिकार हुए लोग बोलने तक से डर रहे हैं।

बता दें कि आयोग की टीम में शामिल सदस्यों ने मालदा और और नदिया जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए सदस्य आतिफ रशीद ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे पास शिकायत की थी, उनके घर जाकर हमने जानकारियां एकत्र की हैं। यहां के लोग बुरी तरह भयभीत हैं और कुछ भी बोलने से डर रहे हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि जाने के बाद वह फिर उन्हे निशाना बनाएंगे।

पीड़ितों का कहना है पुलिस उनकी कोई भी मदद नहीं करती। अत्याचार पर वह मूकदर्शक बनी रहती है। अराजक तत्व किसी को भी नहीं छोड़ते। इन लोगों ने महिलाओं पर भी अत्याचार ढहाए हैं।

उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आयोग की जांच अवधि 13 जुलाई तक बढ़ा दी है। इसके बाद टीम ने एक दिन पहले मुर्शिदाबाद जिले का दौरा किया था और हिंसा प्रभावित लोगों की पीड़ा को जाना।

Public is scared of Police. Their fault is they voted for BJP. Why police torture for voting? Police is threatening victims not to file complaint: Atif Rasheed, National Commission for Minorities vice-chairman & member of NHRC team on post-poll violence, speaks to Murshidabad SP. pic.twitter.com/kpSOL1EcWi

— ANI (@ANI) July 8, 2021

 

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