देश में वैक्सीन को लेकर लगातार जारी राजनीति और फिजूल की टीका-टिप्पणी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विपक्षी दलों के नेताओं और राज्य सरकारों को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अथक प्रयासों के चलते देश में टीकाकरण अभियान ने गति पकड़ी है। अभी तक 34 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। लेकिन लोग अभी भी वैक्सीन का रोना रो रहे हैं तो यह राज्य सरकारों की गलती है। साथ ही, ऐसे नेताओं से अनुरोध किया कि वे राज्य की योजना बनाने में अपनी ऊर्जा लगाएं, लोगों में भय फैलाने में नहीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को राहुल गांधी के ट्वीट पर भी बरसे। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ‘जुलाई आ गया, वैक्सीन नहीं आई!’ इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘जुलाई भी आ गया और वैक्सीन भी! वैसे अगर आप झूठ की वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे हैं तो उसकी कोई जरूरत नहीं। कांग्रेस की जड़ में ‘झूठ’ है। कल ही, मैंने जुलाई महीने के लिए टीके की उपलब्धता पर तथ्य रखे।
राहुल गांधी जी की समस्या क्या है? क्या वह पढ़ते नहीं? क्या वे समझते नहीं? अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है!! कांग्रेस अपने नेतृत्व ओवरहाल के बारे में सोचना चाहिए!’’
इससे पहले गुरुवार को वैक्सीन पर बेवजह हंगामा खड़ा करने वाले नेताओं पर बरसते हुए केंद्रीय मंत्री ने कई ट्वीट किए थे। किसी का नाम लिए उन्होंने लिखा था, ‘‘मैं सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के संबंध में विभिन्न नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयान देख रहा हूं। भारत सरकार द्वारा 75 प्रतिशत टीके मुफ्त उपलब्ध कराने के बाद टीकाकरण की गति तेज हो गई है और जून में 11.50 करोड़ लोगों को टीके लगाए गए। इन आंकड़ों से लोग इन नेताओं की मंशाओं का पता लगा सकते हैं।’’
उन नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे कोरोना महामारी के बीच अपनी बेशर्म राजनीति से बाज आएं। उन्होंने कहा कि जुलाई के लिए वैक्सीन आपूर्ति के बारे में राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया गया है। यह जानकारी राज्यों के साथ 15 दिन पहले साझा की गई थी। साथ ही दिनवार आपूर्ति के बारे में भी जानकारी दी गई थी। जुलाई में कुल 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसी के साथ निजी अस्पतालों की आपूर्ति भी पूरी हो जाएगी। उन्होंने लिखा, ‘‘यदि राज्यों में समस्याएं हैं, तो यह दर्शाता है कि उन्हें अपने टीकाकरण अभियान की बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है। अंतरराज्यीय योजना और राशन राज्यों की जिम्मेदारी है।’’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘‘अगर इन नेताओं को इन तथ्यों की जानकारी है, फिर ऐसे बयान दे रहे हैं, तो मैं इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं। यदि वे नहीं जानते हैं, तो उन्हें शासन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। फिर से राज्य के नेताओं से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे योजना बनाने में ज्यादा ऊर्जा लगाएं, भय पैदा करने में नहीं।’’
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