सेकुलर मीडिया और ‘फरिश्ते’ का सच
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सेकुलर मीडिया और ‘फरिश्ते’ का सच

by
Aug 21, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 21 Aug 2017 11:39:03

सामयिक मुद्दों पर मीडिया के रुख और रुखाई की परतें ख्ांगालता यह स्तंभ समर्पित है विश्व के पहले पत्रकार कहे जाने वाले देवर्षि नारद के नाम। मीडिया में वरिष्ठ पदों पर बैठे, भीतर तक की खबर रखने वाले पत्रकार इस स्तंभ के लिए अज्ञात रहकर योगदान करते हैं और इसके बदले उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाता।
छद्म सेकुलरवाद से पैदा होने वाली एक बीमारी अब फिल्मों से होते हुए मीडिया में भी पहुंच गई है

चौथा स्तम्भ/नारद

बॉलीवुड में ऐसी सैकड़ों फिल्में मिलेंगी, जिनमें मंदिर के पुजारी को लालची और दुष्ट, जबकि मस्जिद के मौलवी को ज्यादातर नेकदिल और सच्चा मुसलमान दिखाया जाता है। पुराने दौर से लेकर फिल्म ‘दंगल’ और ‘बेगम जान’ तक में यह चलन दिखता है। छद्म सेकुलरवाद से पैदा यह बीमारी अब फिल्मों से होते हुए मीडिया में भी पहुंच गई है। गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के लिए यह पीड़ा देने वाला समाचार था। लेकिन सेकुलर मीडिया के लिए यह मौका था एक ‘मुसलमान हीरो’ तलाशने का। घटना के कुछ घंटों के अंदर ही मीडिया ने उस डॉक्टर को ‘फरिश्ता’ घोषित कर दिया, जिस पर उन बच्चों और वार्ड की देखरेख की प्राथमिक जिम्मेदारी थी। इसी तरह अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के वक्त भी आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर मुसलमान ड्राइवर को फरिश्ता बना दिया था।
तमाम छोटे-बड़े अखबार, चैनल और वेबसाइट गोरखपुर के इस कथित फरिश्ते की तारीफों से पाट दिए गए। शुक्र है सोशल मीडिया के जरिये ‘फरिश्ते’ का असली चेहरा सामने आ गया। पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, कर्मचारियों से लेकर वहां इलाज करा चुके मरीजों ने मुख्यधारा मीडिया के फुलाए गुब्बारे की हवा निकाल दी। सैकड़ों लोगों ने फेसबुक और ट्विटर जैसे माध्यमों से बताया कि हादसे के असली दोषी कौन हैं। कई लोगों ने यह भी बताया कि जिसे ‘फरिश्ता’ बताया जा रहा है, वह आॅक्सीजन सिलेंडर चोरी करके अपने निजी अस्पताल में रखता है। जो काम पत्रकारों को करना चाहिए था, उसे आम लोगों ने किया। शुरुआती दो-तीन दिन मीडिया के ज्यादातर दावे असत्य या अर्धसत्य साबित हुए। ऐसे मामलों में मीडिया अगर ज्यादा तैयारी व जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करे तो उसकी भी विश्वसनीयता सुरक्षित रहेगी और सरकारों को जवाबदेही तय करना भी आसान होगा।
उधर, कई चैनलों पर राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को लेकर विवाद छाया रहा। देश की कथित प्रगतिशील राजनीति और मीडिया का मिला-जुला योगदान है कि अब ऐसे तमाम राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में बात करना भी विवादित विषय लगने लगा है। इसी का नतीजा है कि केरल में वामपंथी सरकार की इतनी हिम्मत हो जाती है कि वह एक स्कूल में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के झंडा फहराने पर पाबंदी लगा देती है। मीडिया ने इसे सामान्य घटना की तरह दिखाया और कहीं पर भी केरल सरकार और सीपीएम के संदिग्ध रवैये पर प्रश्न नहीं दिखा।
लगभग सभी चैनलों और अखबारों ने खबर दी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को मदरसों में वंदेमातरम् गाना और सबूत के तौर पर उसकी वीडियोग्राफी करवाना अनिवार्य घोषित किया है। इस ‘विवादित विषय’ पर न जाने कितने लेख लिखे गए, कितनी टीवी बहसें हुर्इं, लेकिन किसी पत्रकार ने उस सरकारी आदेश को एक बार ढंग से पढ़ने की जरूरत नहीं समझी, जिस पर हंगामा मचाया जा रहा है। दरअसल, यह आदेश 2015 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के तहत था जिसमें राज्य सरकार से सभी मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना और राष्ट्रीय गीत गाना सुनिश्चित करने को कहा गया था। पिछली सरकार के वक्त भी ऐसा आदेश जारी हुआ था। फर्क यह है कि अब भाजपा की सरकार है। मीडिया का बड़ा वर्ग एक ऐसे मानसिक उन्माद का शिकार है जो सामान्य सरकारी कामकाज को भी संदेह की दृष्टि से देखता है।
हम जब अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को ही विवादित मानने लगते हैं तो गलतियां होती हैं जो किसी भी संप्रभु देश में अक्षम्य मानी जाती हैं। सीएनएन न्यूज18 चैनल ने देश का गलत नक्शा सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया। हालांकि उसने गलती सुधार ली, लेकिन मीडिया में बार-बार होने वाली ऐसी गलतियां बड़े सवाल छोड़ जाती हैं। हैदराबाद विवि के छात्र रोहित वेमुला को लेकर गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट बीते दिनों आई। ज्यादातर अखबारों ने इसे अंदर के पन्नों पर छापा। कुछ अंग्रेजी चैनलों को छोड़ ज्यादातर ने इसकी अनदेखी की। यह रिपोर्ट इस बात पर मुहर लगाती है कि हिंदू समाज को जातियों में बांटने और सामाजिक वैमनस्य फैलाने के षड्यंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं। जिस खबर को मुख्यधारा मीडिया ने इतना तूल दिया, उसी की सच्चाई सामने आने पर मौन मीडिया की भूमिका पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। सवाल यह है कि क्या वे पत्रकार और समाचार संस्थान अपने दर्शकों से माफी मांगेंगे, जो एक छात्र की दुखद मृत्यु पर राजनीति की रोटियां सेंक रहे थे।
लव जिहाद मुद्दे पर भी मुख्यधारा मीडिया को बड़ा सबक मिला है। जिस समस्या को बरसों तक ‘हिंदुत्ववादी संगठनों का दुष्प्रचार’ कहकर खारिज किया जाता रहा, उसे केरल उच्च न्यायालय के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने भी माना है। अब मीडिया के संपादकों को यह बताना चाहिए कि क्या कारण था कि वे इतने साल तक हिंदू, सिख, ईसाई और जैन लड़कियों के खिलाफ चल रहे इस संगठित अपराध पर चुप रहे।    

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies