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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक गत 19-21 मार्च को कोयम्बटूर में संपन्न हुई। उद्घाटन सत्र में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी जोशी की गरिमामय उपस्थिति रही। सभा में संघ सहित 40 विविध संगठनों के 1400 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 11 क्षेत्रों, 42 प्रांतों के कार्यकर्ता, संघ प्रेरित विविध संगठनों के चयनित राष्ट्रीय पदाधिकारी तथा देशभर में शाखाओं से निर्वाचित प्रतिनिधि बैठक में सम्मिलित हुए। उद्घाटन सत्र में गत वर्ष के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध व्यक्तियों के दिवंगत होने पर गहरी संवेदना व्यक्त की गई और ईश्वर से प्रार्थना की गई कि उन्हें सद्गति प्राप्त हो।
अ़भा़ प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन सत्र के पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री वी़ भागैय्या ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देशभर में संघ की शाखाओं में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। पिछले दस वषोंर् में संघ कार्य निरंतर बढ़ा है। वर्तमान में देश में विभिन्न स्थानों पर 57,233 शाखाएं, 14,896 साप्ताहिक मिलन, और 8,226 मासिक मंडलियां चल रही हैं। देशभर की 19121 सेवा बस्तियों में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा सेवा कार्य किये जा रहे हैं। संघ कार्य के विस्तार के साथ दृढ़ीकरण भी हो रहा है। पिछले वर्ष देश भर में आयोजित प्राथमिक शिक्षा वगोंर् में 1 लाख युवाओं ने भाग लिया, 20 दिवसीय प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग में 17500 शिक्षार्थियों ने भाग लिया, द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग में 4130 तथा तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग में 973 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। प्रतिनिधि सभा की बैठक में पारित होने वाले प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि बंगाल में कलियाचक और धूलागढ़ में हिन्दुओं पर हिंसक हमले के साथ ही हिंसा, लूट, हत्या, और मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपने चरम पर है। प्रदेश की सरकारी मशीनरी और पुलिस हिन्दु तथा हिन्दू त्योहारों पर हो रहे हमलों को लेकर मूक दर्शक बनी हुई है। बैठक में समाज को जाग्रत करने और सरकार से आग्रह करने के लिये पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज की स्थिति पर संघ द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया।
(प्रतिनिधि सभा पर विस्तृत सामग्री देखें अगले अंक में)
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