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''अच्छी शिक्षा ही समाज को प्रकाशित करने का काम करती है और उसी के दम पर हम आगे बढ़ते चले जाते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पाठ्यक्रम में भारत की परंपरा और संस्कृति का अधिक से अधिक समावेश हो, ताकि हमारी पीढ़ी अपने देश और समाज से भलीभांति परिचित हो सके। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने पुरी स्थित गोवर्धन मठ में भगवती विमलाम्बा देवी प्रतिष्ठा महोत्सव के भव्य कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में उक्त विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि माता की प्रतिष्ठा होने के बाद हम सभी के लिए मां के दर्शन की प्रत्यक्ष उपलब्धि गौरव की बात है। प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित करते हुए पुरी शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत का आध्यात्मिक विकास होना चाहिए क्योंकि इसके विकास से ही मानव का विकास होता है। भौतिक विकास के बल पर हम बहुत कुछ तो पा सकते हैं लेकिन वह पाना कोई पाना है। मानव का जीवन हमें क्यों मिला? कभी हम विचार करते हैं, इस बात पर। शायद बहुत कम लोग होंगे जो इस बात पर विचार करते हैं। लेकिन सबके मूल में एक ही बात है कि अध्यात्म ही हमें जीवन जीने का रास्ता दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था सिर्फ धनोपार्जन करना सिखा रही है, लेकिन वह न तो जीवन जीने की कला सिखा रही है न ही जीवन का कैसे उत्कर्ष हो, ये बताती है। आज का युवा और समाज के अधिकतर लोग इसी अंधी दौड़ में लगे हुए हैं। इस सबकी बात करने पर उत्तर आता है यही तो विकास है। लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान और सामाजिक मूल्यों के बिनाहम न तो अपना जीवन सुधार सकते हैं और न समाज का कुछ लाभ कर सकते हैं। इसलिए समाज को अध्यात्म के रास्ते पर लाना और जीवन के मूल को समझाना जरूरी है। इस तीन दिवसीय महोत्सव में पुरी के राजा श्री गजपति, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच.डी.देवगौड़ा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
ल्ल पंचानन अग्रवाल
'सुधर रही है समाज में महिलाओं की स्थिति'
गत दिनों हरियाणा में शुरू होने वाले हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के पूर्व में हिपा संस्थान में एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। विषय था-महिलाओं को बढ़ावा कैसे मिले। इसमें प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं प्राध्यापकों ने महिलाओं की स्थिति पर मंथन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि कामकाजी महिलाओं की स्थिति पहले के मुकाबले मजबूत हुई है और घर से निकलकर परिवार, आर्थिक व राजनीतिक रूप से भी सुदृढ़ हो रही हैं। एक जमाना था जब औरतों के घर से निकलने पर पूरा परिवार घबराता था और असुरक्षा की भावना पनप उठती थी, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है। यही कारण है कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है।
हालांकि भारतीय महिलाओं ने अपनी संस्कृति की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना
सीखा है। उन्होंने कहा कि देश को जब-जब जरूरत पड़ी है, देश की बेटियों ने भी अपनी जान की बाजी लगाई है।
और हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। तो वहीं देवीलाल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. विजय कायत, जींद स्थित सीआरएस विवि. के वाइस चांसलर मेजर जनरल रणजीत सिंह, आईटीटीआर की प्रो. सुमन दलाल, हीरो मोटो कॉर्प के डॉ़ राधा आऱ शर्मा सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने भी महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार रखे। गौरतलब है कि गुरुग्राम के लेजर वैली पार्क में लगने जा रहे पहले हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में महिलाओं की इसी ताकत की झलक देखने को मिलेगी।
ल्ल प्रतिनिधि
आरोग्य विषय पर संगोष्ठी संपन्न
मध्य प्रदेश के दमोह में आरोग्य भारती द्वारा डॉ. कानेटकर भवन में पिछले दिनों स्वास्थ्य विषय पर संगोष्ठी संपन्न हुई। इसमें आरोग्य भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारी डॉ. रमेश गौतम ने वन औषधिआंे द्वारा स्वास्थ्य संरक्षण पर उपयोगी जानकारी दीं। उन्होंने कहा कि तुलसी का पौधा हर घर में रोपित किया जाना चाहिए, जिससे घर आरोग्यमय हो सके। इसके साथ ही उन्होंने ब्राह्मी, अश्वगंधा, अडूसा द्वारा स्वस्थ रहने की महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक श्री पुष्पेंद्र ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी में शामिल प्रत्येक सहभागी को निरामय
सेवा समिति के तरुण खरे द्वारा अश्वगंधा, ब्राह्मी, मधुनाशिनी,राम तुलसी, श्यामा तुलसी, वन तुलसी के पौधों का निशुल्क वितरण
किया गया। ल्ल प्रतिनिधि
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