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क्रिकेट के खेल को सूखे से जोड़कर प्रोपोगेंडा करना बिल्कुल निरर्थक है। जल-संकट के वास्तविक कारण तो कुछ और ही हैं। उनका समाधान करना ज्यादा जरूरी
पिशांतनु गुहा राय
छले दिनों टीवी चैनलों की ब्रेकिंग हेडलाइंस में और अखबार के पहले पन्नों पर इस बात पर बेमतलब की एक बहस चलती रही कि क्रिकेट के मैदानों पर पानी का छिड़काव करने की बजाए उसे सूखा प्रभावित महाराष्ट्र की प्यासी जमीन के लिए बचाया जाना चाहिए। क्रिकेट या पानी के इस घमासान में बहुत लोगों को यह ध्यान ही नहीं रहा कि जो भी हो रहा है, वह एक बेतुके तर्क के अलावा कुछ भी नहीं है और जितना दिख रहा है, उससे कहीं अधिक छिपा हुआ है। एक टेलीविजन चैनल ने अपने प्राइम टाइम शो को नाम दिया 'द इंडियन पानी लीग'। यह एक हताशाभरी कोशिश थी टीआरपी को बढ़ाने की ताकि ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन आएं और चैनल की जमकर कमाई हो।
सूखे और क्रिकेट की इस बहस ने भारतीय मीडिया को उपहास का पात्र बना दिया। क्रिकेट खेलने वाले बहुत-से देश पानी को लेकर भारत में चल रही बेतुकी बहस को देख हैरान थे। सोशल मीडिया ऐसी अनेक टिप्पणियों से भर गया कि पानी या क्रिकेट की यह बहस तब क्यों नहीं उठाई गई जब टी-20 आइसीसी विश्व कप के मैच हो रहे थे? और यह भी कि महाराष्ट्र में दूसरे क्षेत्रों में भी पानी का इस्तेमाल बगैर किसी शोर-शराबे के हो रहा है।
कुछ आंकड़ों को देखिए। हर आइपीएल मैदान के रखरखाव के लिए 40 से 50 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। महाराष्ट्र में 25 से अधिक गोल्फ कोर्स हैं जिनमें हर दिन नियमित रूप से दो करोड़ लीटर से अधिक पानी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन टेलीविजन चैनलों की बहस में उसे कभी जगह नहीं मिली। क्या गोल्फ कोर्स मालिकों ने गोल्फ कोर्स में पानी देना बंद कर दिया? जवाब है, नहीं।
क्रिकेट के मैदान में दशकों से पानी दिया जाता रहा है और क्रिकेट को कभी भी सूखे के निवारक के रूप में नहीं देखा गया। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र तीन साल से सूखे की चपेट में है, विदर्भ और कर्नाटक में किसानों के आत्महत्या करने की घटनाओं ने बड़ी महामारी का रूप ले लिया है। लेकिन फर्जी दिखावा करने के लिए क्रिकेट को पानी से क्यों जोड़ा जा रहा है?
अनुभवी अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने गन्ने की खेती में पानी के अत्यधिक उपयोग के खिलाफ तर्क दिए और कहा कि इसकी तुलना में क्रिकेट के मैदान में कुछ भी पानी खर्च नहीं होता, क्योंकि क्रिकेट के मैदान मंे घास के लिए परिशोधित पानी का इस्तेमाल किया जाता है जो दैनिक इस्तेमाल के योग्य नहीं होता। महाराष्ट्र में सिंचाई का आधे से अधिक पानी गन्नेकी खेती में जाता है जिसका सिंचित क्षेत्र मात्र 6 प्रतिशत है। पर यह स्थिति नहीं बदल सकती क्योंकि राज्य में लगभग सभी नेताओं की गन्ना क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर हिस्सेदारी है। और वे क्रिकेट को भी बहुत प्यार करते हैं।
द इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे अमीर लीग है, इसलिए जाहिर है, कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें लगता है कि धनी होना बुरी बात है, यह अपवित्र है और यह भी कि हर तरह के मनोरंजन में पाप का अंश है। वे क्रिकेट के अमीर आदमी का खेल होने की मिसाल देते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि गोल्फ और अधिक महंगा है और वे स्पॉट फिक्सिंग की बात करते हैं, बगैर यह समझे कि हैंसी क्रोन्ये की मौत के साथ दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट खत्म नहीं हो गया।
भारत ने दो बार विश्वकप जीता, बावजूद इसके कि फिक्सिंग का भूत नियमित रूप से उनका पीछा करता रहा। कठिनाइयों के बावजूद यह खेल विकसित हुआ। आइपीएल 5 अरब डॉलर का ब्रांड है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में 15 अरब डॉलर से अधिक का योगदान करता है। क्रिकेट भारत की लोकप्रिय संस्कृति के तीन स्तंभों में से एक है, दूसरे दो हैं—बॉलीवुड और राजनीति। इसलिए किसी खेल को पानी से जोड़ना बेहद भ्रामक है। और देश के अन्य भागों में खेल को स्थानांतरित करने में तर्क क्या है? महाराष्ट्र अपना राजस्व खो देगा, और आय अन्य राज्यों में चली जाएगी लेकिन तब क्या होगा, जब वे राज्य भी सूखे की चपेट में आना शुरू कर देंगे? पानी और क्रिकेट को एक दूसरे से जोड़ना बेतुका है। लेकिन, इस खेल ने लोगों को उस स्थिति की ओर ध्यान देने तथा बैठकर सोचने के लिए मजबूर किया जो दशकों से जारी है। महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा में लातूर के लोगों के बारे में गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया, यहां तक कि टेलीविजन के एंकर वहां की जमीनी रिपोर्टिंग करने के लिए मजबूर हो गए।
शायद यही समय है जब देश के सर्वाधिक पसंदीदा खेल को कुछ व्यावहारिक सामाजिक परिवर्तन करना चाहिए। बीसीसीआइ को कहें तो वह सूखा पीडि़त लोगों की राहत के लिए चैरिटी मैच का आयोजन कर सकता है।
आइपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों को कहिए कि स्पॉन्सरशिप/गेट मनी से मिलने वाले एक हिस्से को लातूर जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की रेलगाड़ी भेजने पर खर्च करें। अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ा काम होगा। क्रिकेट के खिलाडि़यों ने साामाजिक कार्यों में भागीदारी करने से कभी इनकार नहीं किया। अब उन्हें इंडिया का भारत में विलय करने के काम से जोड़ें।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।
यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं)
आइपीएल के विवाद
2008 मैदान में रोए श्रीसंत
किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के बीच खेले गए इस मैच के दौरान हरभजन सिंह ने कथित रूप से श्रीसंत को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद श्रीसंत को मैदान पर बच्चों की तरह रोते हुए देखा गया था। हालांकि कई साल बाद श्रीसंत ने कहा कि हरभजन ने उन्हें चांटा नहीं मारा था।
2009 देश से बाहर हुआ आईपीएल
भारत सरकार ने चुनाव के मद्देनजर बीसीसीआई को आइपीएल के लिए सुरक्षा देने से मना कर दिया। इसके बाद आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने दक्षिणी अफ्रीका में 18 अप्रैल से 24 मई 2009 तक आईपीएल का आयोजन किया।
2010 फंसे ललित मोदी
आइपीएल के पहले सीजन में 470 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में ललित मोदी को आइपीएल कमिश्नर पद से हटा दिया गया। इसके अलावा फिक्सिंग के मामले में उनका नाम लगातार सामने आता रहा है।
2011 चीयर लीडर ने लगाए आरोप
दक्षिण अफ्रीका की चीयरलीडर गैब्रियाला पोस्कलेटो ने अपने ब्लॉग पर आइपीएल के खिलाडि़यों पर बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया। बीसीसीआई ने आइपीएल-5 से कोच्चि टस्कर्स की टीम को निलंबित कर दिया। कोच्चि की टीम बीसीसीआई को सालाना दिए जाने वाला पैसा समय से नहीं चुका पाई जिस वजह से उसे निलंबित कर दिया गया। यह फैसला लेने से पहले बीसीसीआई ने कोच्चि टस्कर्स की टीम को नोटिस भी भेजा था जिसका टीम मालिकों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
2012 स्टिंग में फंसे खिलाड़ी
एक टीवी चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दिखाया कि कैसे आइपीएल के 5 क्रिकेटर किंग्स इलेवन पंजाब के शलभ श्रीवास्तव, डेक्कन चार्जर्स के टी सुधींद्र, पुणे वॉरियर्स के मोहनीश मिश्रा, हिमाचल प्रदेश के रणजी खिलाड़ी अभिनव बाली और किंग्स इलेवन पंजाब के ही अमित यादव स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त हैं।
' दिल्ली के पांच सितारा होटल में एक पार्टी के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के खिलाड़ी ल्यूक पॉमर्शबैक पर एक अमेरिकी महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगा। ल्यूक पर महिला के मंगेतर की पिटाई का भी आरोप लगा। मामला सामने आते ही ल्यूक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
' स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के ठीक बाद मुंबई और कोलकाता के मैच के बाद शाहरुख खान पर वानखेड़े स्टेडियम के अफसरों और सुरक्षाकर्मियों से गाली-गलौज करने के आरोप लगे। इसके बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने शाहरुख पर पांच साल तक स्टेडियम में घुसने पर पाबंदी लगा दी।
' मुंबई के जुहू इलाके में एक रेव पार्टी से 128 लोगों को हिरासत में लिया गया। इस पार्टी से आइपीएल-5 के दो खिलाडि़यों को भी हिरासत में लिया गया। स्पिनर राहुल शर्मा और तेज गेंदबाज वेन पार्नेल भी इस पार्टी से हिरासत में लिए गए जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
2013 पकड़े गए खिलाड़ी
आइपीएल-6 में 16 मई, 2013 राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी एस. श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चवान स्पॉट फिक्सिंग में पकड़े गए।
2014 गावसकर बने अध्यक्ष
भारत में आम चुनाव के कारण इसका शुरुआती चरण संयुक्त अरब अमीरात में अबु धाबी, शारजाह और दुबई में आयोजित हुआ। आइपीएल के छठे संस्करण में हुए तमाम विवादों के कारण इसकी छवि बरकरार रखने के लिए पूर्व क्रिकेटर सुनील गावसकर को आइपीएल का कामकाज देखने के लिए अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। गणेश कृष्णन
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