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नई दिल्ली। गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर गोपालमणि जी महाराज एवं अन्य गोभक्तों के 18 दिन से चल रहे धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया। इससे पहले हजारों की संख्या में गोभक्त गोपालमणि जी महाराज के नेतृत्व में जंतर-मंतर से पैदल यात्रा करते हुए संसद की तरफ बढ़े लेकिन सैकड़ों की संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। लगभग 1 घंटे तक बैठकर और ज्ञापन की पावती पाने के बाद ही गोभक्त वहां से वापस जंतर-मंतर पर पहुंचे।
आंदोलन की भविष्य की रूपरेखा में निश्चय किया गया कि गोभक्तों को लाखों की संख्या में पंजीकरण किया जाएगा और हर जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त गांव-गांव में रथयात्रा का आयोजन कर जनजागरण किया जाएगा।
सभी गोभक्तों और कार्यकर्ताओं, प्रेस एवं मीडिया का धन्यवाद देते हुए गोपालमणि जी ने कहा कि पुन: एक अंतराल के बाद व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
– प्रतिनिधि
''जम्मू-कश्मीर : एक नवविमर्श'' कार्यशाला
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में ''जम्मू कश्मीर : एक नवविमर्श'' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन आलोक बंसल ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान की चर्चा बहुत कम होती है जबकि वास्तविक रूप में सामरिक दृष्टि से दक्षिण एशिया का यह महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रो. विकास शर्मा, डा. महिमा मिश्रा, डा. हेमन्त पाण्डेय, डा. अजय विजय कौर, डा. नवीन गुप्ता और डा. चन्द्रशेखर सहित कई प्राध्यापक और शोध छात्र उपस्थित थे। जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र के निदेशक श्री आशुतोष भटनागर ने प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए। इतिहास विभाग की अध्यक्षा प्रो. आराधना ने वक्ताआों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। – प्रतिनिधि
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