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आप इसे मानें या न मानें, पर यह कटु सच है कि देश में ऐसी स्थिति बनती जा रही है कि किसी मुसलमान-बहुल गांव में हिन्दू परिवारों का रहना दूभर होता जा रहा है। कुछ ऐसा ही झारखण्ड की औद्योगिक राजधानी धनबाद में हुआ। धनबाद जिले की नगर कियारी पंचायत के अन्तर्गत एक गांव है नवाटांड। इस गांव में मुसलमानों के 300 और हिन्दुओं के सिर्फ 20 परिवार हैं। गांव में कोई मन्दिर नहीं था। हिन्दुओं ने कुछ दिन पहले ही निजी जमीन पर एक मन्दिर के निर्माण का निर्णय लिया और फटाफट काम भी शुरू कर दिया गया। पर मुसलमानों की ओर से अनेक बाधाएं खड़ी की गईं। मुसलमानों का कहना था कि यह जमीन इस्लामी गतिविधियों के लिए है, जबकि हिन्दुओं का कहना था कि यह जमीन निजी और हिन्दुओं की है। गत वर्ष मुसलमानों ने जबरन यहां ताजिया को अंजाम दिया था।
अनेक बाधाओं के बावजूद हाल ही में मन्दिर तैयार हो गया। 16 जनवरी की शाम 7 बजे गांव के लोग, जिनमें मुख्य रूप से महिलाएं और बच्चे शामिल थे, मन्दिर के बाहर आरती कर रहे थे। तभी आसपास की बस्तियों से 'अल्लाह ओ अकबर' के नारे लगाते हुए करीब 500 मुसलमानों की भीड़ वहां पहुंची। उन्होंने सबसे पहले आरती कर रहे लोगों पर हमला किया। कुछ लोग जान बचाने के लिए भाग गए और जो लोग भाग नहीं सके वे बुरी तरह घायल हो गए। घायलों की संख्या 10 बताई जा रही है। कई दिनों तक इनका इलाज अस्पताल में चला। अभी भी कुछ लोग अस्पताल में भर्ती हैं। हमलावरों ने मन्दिर में स्थापित देव प्रतिमाओं को भी खण्डित कर दिया। ये कट्टवरवादी यहीं नहीं रुके। हिन्दुओं के घरों पर भी हमला किया। जो भी मिला उन्हें बुरी तरह पीटा। बच्चों और महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने महिलाओं के साथ बदतमीजी भी की। जाते-जाते यह भी धमकी दे दी कि '24 घंटे के अन्दर गांव छोड़ दो, अन्यथा मरने के लिए तैयार रहो।'
लोगों का मानना है कि यह घटना मालदा की घटना की पुनरावृत्ति है। इतनी बड़ी घटना हो गई, पर विडम्बना देखिए कि किसी भी बड़े अखबार या समाचार चैनल ने इस खबर को छापने या दिखाने की जहमत नहीं उठाई। हां, एकाध स्थानीय पत्रों ने इसे जरूर छापा। एक ग्रामीण जीतू महतो ने पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन अभी भी मुख्य साजिशकर्ता पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इससे गांवों के लोगों में पुलिस और प्रशासन के प्रति गुस्सा है। प्रशासन की अनदेखी से नाराज लोगों ने सामाजिक संगठन 'तरुण हिन्दू' के बैनर तले 26 जनवरी को धनबाद के कचहरी चौक पर प्रदर्शन किया और दोषियों को तुरन्त गिरफ्तार करने की मांग की। इसके बाद तरुण हिन्दू के संस्थापक डॉ. एन.एम. दास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। अब समय बताएगा कि दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई होगी या अन्य मामलों की तरह इसे भी लटका दिया जाएगा। -अरुण कुमार सिंह, ब्यूरो के साथ
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