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कोलकाता सुप्रसिद्ध साहित्यिक–सामाजिक संस्था श्री बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा प्रवर्तित 30वां 'विवेकानन्द सेवा सम्मान' विशिष्ट सेवाभावी शिक्षाविद् तथा नि:शुल्क आवासीय शिक्षण संस्थान 'परिवार' के संस्थापक श्री विनायक लोहनी को दिया जाएगा। ओसवाल भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी उन्हें सम्मान स्वरूप 1 लाख रुपए एवं मानपत्र प्रदान करेंगे।
श्री विनायक लोहनी का जन्म 12 अप्रैल, 1978 ई. को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ। 2001 ई. में आई.आई.टी. खड़गपुर से बी.टेक (मॉइनिंग इंजीनियरिंग) की परीक्षा उत्तीर्ण कर वे 'इन्फोसिस कम्पनी' में एक वर्ष तक उच्च पद पर कार्यरत रहे। बाद में स्वेच्छा से त्यागपत्र देकर आई.आई.एम. (कोलकाता) से 2003 ई. उन्होंने में एम.बी.ए. की डिग्री प्राप्त की।
रामकृष्ण परमहंस एवं स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक एवं मानवसेवा के विचारों से प्रभावित होकर श्री विनायक लोहनी ने रामकृष्ण मिशन आश्रम से दीक्षा ग्रहण की तथा कुछ दिन वहां संन्यासियों के साथ बिताए और स्वामी जी के 'सेवा एवं त्याग' के माध्यम से 'शिव ज्ञाने जीवे सेवा' के मंत्र से अनुप्राणित होकर मानवसेवा का दृढ़ निश्चय किया। वंचित, पीडि़त बच्चों के सवांर्गीण विकास हेतु कोलकाता के बेहाला में 'सांखेर बाजार' क्षेत्र में किराए के एक मकान में मात्र 3 बच्चों को लेकर 2003 ई. में 'परिवार' नामक संस्था की नींव रखी। इसके माध्यम से आस-पास के गांवों के विकास में भी सारी योजनाओं के परिचालन में 'परिवार' संस्था की विशेष भूमिका रहती है। इसका सालाना 8 करोड़ का बजट होता है। बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय ने 1987 ई. में पूज्यपाद स्वामी विवेकानन्द की 125वीं जयन्ती के अवसर पर स्वामी जी के आदर्शों के अनुरूप समाजसेवा, संस्कार एवं सामाजिक पुनरुत्थान के लिए समर्पित व्यक्तियों/ संस्थाओं हेतु इस वार्षिक सम्मान की शुरुआत की थी। प्रथम सम्मान स्वाधीनता संग्राम की वीरांगना नागालैंड की रानी गाइदिन्ल्यु को एवं गतवर्ष का सम्मान 'सुलभ' आन्दोलन के प्रणेता नई दिल्ली के डॉ. बिन्देश्वर पाठक को प्रदान किया गया था। – प्र्रतिनिधि
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