सार्थक पहल से दूर दिखा साहित्यवर्ष 2015 में16वां विश्व हिन्दी सम्मेलन
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सार्थक पहल से दूर दिखा साहित्यवर्ष 2015 में16वां विश्व हिन्दी सम्मेलन

by
Jan 4, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 04 Jan 2016 12:54:28

नारीवाद,  वंचित, गरीबी,  भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता आदि से सम्बंधित रचनाओं की पुनरावृत्ति साहित्य में दिखाई पड़ी। समस्या की जड़ तक पहुंचने की न कोई दृष्टि और न सार्थक पहल।  लेखकों के एक वर्ग ने जो काम पुरस्कार वापसी के नाम पर किया वही निरंतर अपने लेखन में भी किया
—सीतेश आलोक, वरिष्ठ साहित्यकार

साहित्य समाज का आइना होता है और इसमें समाज एवं देश  में विद्यमान वातावरण की प्रतिध्वनि व्यक्त होती दिखाई पड़ती है। एक सच्चा रचनाकार अपने समय के यथार्थ को तो  अपने रचनाकर्म में उकेरता ही है, इसके साथ ही समकालीन समस्याओं  के स्थाई समाधान के उपाय भी सुझाता है। भारतीय साहित्य प्राचीन  संस्कृत के समृद्घ ज्ञान वाङ्गमय के साथ पालि, प्रकृत और अपभ्रंश साहित्य को संजोते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं, हिंदी समेत तमिल, तेलुगु, उडि़या, बंगला, मराठी, पंजाबी, के समृद्घ साहित्य को समेटता है।
यह भी कड़वी सच्चाई है कि 1914 में रवीन्द्रनाथ ठाकुर को गीतांजलि के लिए नोबल पुरस्कार मिला था  उसके बाद आज सौ साल बाद भी भारत की किसी भी भाषा के रचनाकार को यह सम्मान नहीं मिला है और निश्चित रूप से यह गहन चिंता का विषय है कि क्या हमारी भाषाओं में ऐसा नहीं लिखा जा रहा है जिसकी झलक या प्रतिश्रुति वैश्विक मंचों पर सुनायी पड़े। अपने देश में साहित्य राजनीतिक बाड़ों और विचारधाराओं में बंधा है जिसका प्रमाण हाल तक केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के विरुद्घ चलाया गया सुनियोजित-प्रायोजित असहिष्णुता अभियान  है।
समाज और देश के हित में कुछ दूरदर्शी विमर्श भी निकलकर आये होंगे। भारत में 16वां विश्व हिंदी सम्मलेन  संपन्न हुआ तो इससे पूर्व बैंकाक में विश्व संस्कृत सम्मलेन भी। हिन्दी  के शीर्ष आलोचक डॉ़ विश्वनाथ त्रिपाठी को प्रतिष्ठित मूर्तिदेवी सम्मान मिला तो वरिष्ठ साहित्यकार डॉ़ रामदरश मिश्र को साहित्य अकादमी  सम्मान। संस्कृत में रामशंकर अवस्थी तो अंग्रेजी के लिए यह साइरस मिस्त्री को प्राप्त हुआ। इस वर्ष साहित्य जगत को कई रचनाकारों की क्षति भी उठानी  पड़ी, इनमें सचेतन कहानी के सूत्रधारों में एक सरदार महीप सिंह   शामिल हैं।
वर्ष-2015 की साहित्यिक उपलब्धि और हलचल पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री सीतेश आलोक कहते हैं- 'साहित्य को समाज का दर्पण  अकारण नहीं कहा गया। साहित्य में भी वह सब कुछ देखने को मिला जो समाज झेल रहा है। वही नारीवाद, वंचित, गरीबी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता आदि संबंधी रचनाओं की पुनरावृत्ति, कहीं भी समस्या की जड़ तक पहुंचने की न कोई दृष्टि और न सार्थक सोच।
लेखकों के एक वर्ग ने जो काम पुरस्कार वापसी के नाम पर किया वही निरंतर अपने लेखन में किया। एक  संकेत मात्र सही किन्तु समाचार ये भी है कि गत दो-तीन दशकों से निरंतर दिए जाने वाले भारतभूषण कविता पुरस्कार के लिए निर्णायक मंडल को इस वर्ष कोई भी रचना पुरस्कार योग्य नहीं मिली हां यदि समग्र प्रकाशित सामग्री की दृष्टि से  देखें तो वर्ष 2015 उर्वरक रहा किन्तु पठन-पाठन  की  दृष्टि से स्थिति  संदिग्ध ही रही।'                                                  ल्ल

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर: अब्दुल रजाक गैंग पर बड़ी कार्रवाई, कई गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ियां और हथियार बरामद

China Rare earth material India

चीन की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति: भारत के लिए नया अवसर

भारत का सुप्रीम कोर्ट

बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से SC का इंकार, दस्तावेजों को लेकर दिया बड़ा सुझाव

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर: अब्दुल रजाक गैंग पर बड़ी कार्रवाई, कई गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ियां और हथियार बरामद

China Rare earth material India

चीन की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति: भारत के लिए नया अवसर

भारत का सुप्रीम कोर्ट

बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने से SC का इंकार, दस्तावेजों को लेकर दिया बड़ा सुझाव

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

रील बनाने पर नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई

गुरुग्राम : रील बनाने से नाराज पिता ने टेनिस खिलाड़ी की हत्या की, नेशनल लेवल की खिलाड़ी थीं राधिका यादव

Uttarakhand Kanwar Yatra-2025

Kanwar Yatra-2025: उत्तराखंड पुलिस की व्यापक तैयारियां, हरिद्वार में 7,000 जवान तैनात

Marathi Language Dispute

Marathi Language Dispute: ‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies