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अमरीका के प्रतिष्ठित अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने अमरीका में सिखों पर तेजी से हो रहे हमलों का कारण उन्हें मुसलमान समझकर हमले होना बताया है। सिख नेताओं से बातचीत के आधार पर अखबार ने गत 26 दिसंबर को कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो में 68 वर्षीय बुजुर्ग अमरीक सिंह पर दो गोरे युवकों द्वारा हमला किए जाने के बाद यह टिप्पणी की है। अमरीक पर हमला तब हुआ था जब वह काम पर जाने के लिए बस की प्रतीक्षा कर रहे थे। बुजुर्ग सिख पर हमले के इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार पेरिस और कैलिफोर्निया के सेन बर्नारदिनो आतंकी हमलों के बाद सिख विरोधी हिंसा में फिर से तेजी आई है। अखबार के संवाददाता से अमरीका में सिख अधिकारों के लिए लड़ने वाले सिमरनजीत सिंह ने कहा कि 9/11 के आतंकी हमले के बाद से ही सिखों को मुसलमान समझकर उन्हें निशाना बनाया जाने लगा था।
इस हमले के बाद एक महीने के भीतर ही सिखों पर हमले की 300 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई थीं। बीच में कुछ कमी आई थी लेकिन हालिया पेरिस और कैलिफोर्निया के सेन बर्नारदिनो में आतंकी हमलों के बाद इस तरह की घटनाओं में फिर से तेजी आ गई है।
विशेषांक निकालकर कॉर्टूनिस्टों को दी जाएगी श्रद्धाजंलि
वर्ष 2015 में फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ के पेरिस स्थित कार्यालय पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर पत्रिका के विशेष अंक की करीब दस लाख प्रतियां निकाली जाएंगी। पत्रिका का यह विशेषांक 32 पृष्ठों का होगा जिसमें हमले में मारे गए कार्टूनिस्टों द्वारा बनाए गए व्यंग्य चित्र होंगे। इसके अलावा इस अंक में मौजूदा कर्मियों के बनाए व्यंग्य चित्र और उन्हें समर्थन करने वाले संदेश भी इसमें होंगे। जनवरी 2016 में यह अंक जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पेरिस की प्रसिद्ध पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ के दफ्तर पर पिछले वर्ष 7 जनवरी को दो मुसलमान युवकों ने पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित किए जाने के विरोध में हमला किया था। इसमें 11 लोगों की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद दुनियाभर में हमले की निंदा हुई। यहां तक कि पत्रिका ने एक सप्ताह बाद जो अंक निकाला वह कई भाषाओं में प्रकाशित किया गया।
इस दौरान उस अंक की 75 लाख प्रतियां हाथों हाथ लोगों ने खरीदी। हमले की बरसी पर निकाले जाने वाले अंक के लिए शार्ली एब्दो को बड़े पैमाने पर आर्डर मिल चुके हैं। जर्मनी से 50 हजार अंकों की मांग की गई है। इसके अलावा अन्य जगहों से पत्रिका के इस अंक की मांग के लिए बुकिंग कराई गई है।
सागर में चीन की सक्रियता
चीन ने विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में तीन नए पोतों की तैनाती की है। उसने क्षेत्र में अपनी नौसेना को सहायता बढ़ाने के लिए यह तैनाती की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन नए पोतों में परिवहन व आपूर्ति पोत लुगुहू, इलेक्ट्रॉनिक पर्यवेक्षण पोत हाइवांगजिंग और समुद्री सर्वेक्षण पोत कियांक्सुएसेन शामिल हैं। दक्षिणी चीन सागर के नानशा द्वीप क्षेत्र में इन पोतों ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के नौसेना स्टेशन के लिए काम करना शुरू कर दिया है। आपूर्ति पोत समुद्र में चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराएगा। उल्लेखनीय है कि चीन दक्षिणी चीन सागर के क्षेत्र में अपनी दावेदारी जताता रहता है। इसके अलावा इस क्षेत्र के अन्य देश भी इसे अपनी समुद्री सीमा का क्षेत्र मानकर दावेदारी करते रहते हैं।
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