|
मोरेश्वर जोशी
21 जून के दिन भारत सहित दुनिया के 177 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इससे विश्व मे योग की बढ़ती स्वीकार्यता का भान हुआ। इस संदर्भ में दक्षिण अमरीका स्थित माचूपीचू क्षेत्र के पुराने जमाने से योग से रहे गहरे संबंध की चर्चा करना समीचीन होगा। वहां के लोगों का कहना है कि हजारों वर्ष पूर्व भारत से वहां गए योग शास्त्र का उन्होंने खूब अध्ययन किया था। वे इस महान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं। जानकारों का कहना है कि 'अबरोजिनल इंडियंस' की भाषा में दो हजार से ज्यादा शब्द संस्कृत अथवा अन्य भारतीय भाषाओं से हैं। कोलंबस के अमरीका पहुंचने से कुछ सदी पूर्व से वहां के लोगों द्वारा सहेजी गई योग विद्या आज 'वाइल्ड योगा' के नाम से जानी जाती है। विश्व में करोड़ों लोगों द्वारा अपनाए गए इस योग विज्ञान से इन लोगों का अत्यंत निकट संबंध रहा है। यह सिद्ध होने पर कम से कम एक हजार वर्ष पहले बसे माचूपीचू शहर को आज योग नगरी की संज्ञा दी जाती है। इस शहर की आधुनिक इमारतों में आज भले योग साधना संभव न हो, लेकिन उसके आस-पास बड़े पैमाने पर योग केंद्र चल रहे हैं। इस शहर में सैकड़ों एकड़ में फैली पक्की इमारतों से उस देश की राजधानी बड़े पैमाने पर साकार हुई है, उसी पैमाने पर अमरीका की माया, टोलटेक, एज्टेक, मेक्सिको, इक्वाडोर, पेरू, ब्राजील, कोलंबिया और इन्का सभ्यताओं के अनेक पुरातन शहरों के ईद-गिर्द बड़े पैमाने पर योग अध्ययन केंद्र शुरू हुए हैं। संबंधित भाषाओं की कुछ स्थानीय बातों के समावेश से युक्त योग अध्ययन केन्द्र वहां के लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
अमरीका में यद्यपि सभी पुरानी सभ्यताओं के लोगों को 'इंडियन' तो कहा जाता है, लेकिन ये सभ्यताएं भारत से संबंधित हैं अथवा नहीं, इस बारे में आज भी दोनों पक्षों की तरफ से ठोस तथ्य रखे जाते हैं। यह वक्तव्य प्रचलित है कि कोलंबस जब करीब 525 वर्ष पूर्व अमरीका पहुंचा था, तब उसे अमरीका 'इंडिया' प्रतीत हुआ था। उससे पूर्व के समय में 'इंडिया' का प्रभाव सारी दुनिया पर था, इसलिए पूरे यूरोप के दिमाग पर उस समय भारत को लूटने का जुनून सवार था। अगर आज यह साबित हो रहा है कि चीन, यूरोप, मध्य पूर्व के देश, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया एवं नए शोध के आधार पर आस्ट्रेलिया में भी भारतीय सभ्यता का संदर्भ उससे पूर्व अनेक सदियों से भी पुराना है, तो यह बात अविश्वसनीय नहीं है कि तब साइबेरिया से लेकर अलास्का तक नियमित आवागमन होता था। 'द वर्ल्ड बुक एन्साइक्लोपीडिया कॉपीराइट 1990 यूएसए' पुस्तक में यह कालक्रम भी दिया गया है कि भारत से साइबेरिया में 'इंडियन' किस तरह पहुंचे थे और वहां से वे अलास्का के रास्ते अमरीका एवं बाद में दक्षिण अमरीका में कैसे पहुंचे थे।
टिप्पणियाँ