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पटना के समीप बाढ़ और उसके आसपास का क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बन चुका है। हालिया घटना 17 जून की है। इस दिन दिनदहाड़े गाडि़यों में सवार गुण्डों ने बाढ़ में चार युवकों (काजू पाण्डे, प्रदीप कुमार, सोनू कुमार और पवन उर्फ पुटुस यादव) का अपहरण कर लिया और चारों की जमकर पिटाई की। उनमें से एक काजू पाण्डे उनके चंगुल से किसी तरह भाग निकला और उसने पुलिस और अपने परिजनों को अपहरण की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और अपराधियों की तलाश में कई जगहों पर दबिश दी गई। इसके बाद अपराधियों ने प्रदीप और सोनू को अधमरा करके रास्ते में फेंक दिया, जबकि पुटुस की लाश 18 जून की सुबह लदमा गांव के बाहर मिली। पुटुस के पिता के बयान के आधार पर पुलिस ने भूषण सिंह, प्रताप सिंह, कन्हैया, ऋषि और कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की और जांच को आगे बढ़ाया। 23 जून को पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र राणा (जिनका एक दिन पहले ही स्थानान्तरण किया गया था) ने प्रेस को इस जांच की जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने इस मामले में बाढ़ के जदयू विधायक अनन्त सिंह का नाम लिया है। इसलिए उनको भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। यह खबर फैलते ही सत्तारूढ़ जदयू में हड़कम्प मच गया, वहीं विरोधियों के तेवर चढ़ गए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस मामले में अनन्त सिंह को बचाने के लिए ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का अचानक स्थानान्तरण किया गया था। दबाव के बाद अनन्त सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
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