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गत 14 जून को मथुरा स्थित श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मन्दिर में नवनिर्मित मनोहर लाल बंसल 'भैयाजी' सभागार का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर श्री भागवत ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को अगर अच्छी शिक्षा मिल रही है, लेकिन घर में संस्कारयुक्त माहौल नहीं है तो विद्यालयी शिक्षा बेकार है। हम विद्या भारती के विद्यालयों में बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा दिलाते हैं, पर विवाह का निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में छपवाते हैं। ऐसा क्यों! उन्होंने कहा कि पहले सब लोग भगवान पर निर्भर रहते थे और अब सरकार पर निर्भर हैं। यह प्रवृत्ति त्यागकर खुद आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि भगवान चाहते तो पलभर मंे रावण का नाश कर देते, लेकिन उन्होंने मानव रूप में जन्म लिया और संघर्ष के बाद रावण का संहार किया। इसके पीछे प्रभु का यही संदेश है कि कर्म खुद करना होगा। शिवाजी पैदा हों, लेकिन हमारे यहां नहीं, यह सोच अब
नही चलेगी।
इससे पूर्व केन्द्रीय सांस्कृतिक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री डॉ़ महेश शर्मा ने विद्या भारती के शिक्षण की प्रशंसा की। विद्या भारती के राष्ट्रीय मार्गदर्शक श्री ब्रह्मदेव शर्मा 'भाईजी' ने कहा कि अभी भी कई ऐसे स्थान हैं, जहां सरकार शिक्षा की व्यवस्था नहीं कर पाई है। ऐसे स्थानों पर विद्या भारती के विद्यालय शिक्षा दे रहे हैं।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री श्री रामशंकर कठेरिया, सांसद श्री बाबूलाल, क्षेत्र प्रचारक श्री आलोक, क्षेत्र संघचालक श्री दर्शनलाल, प्रान्त प्रचारक श्री दिनेश, जी़ एल़ ए़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री नारायण दास अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
-प्रतिनिधि
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