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डा़ भगवती प्रकाश शर्मा
त्तीय वर्ष 2015-16 के केन्द्रीय बजट में सभी वगार्ें को राहत के साथ, पटरी से उतरती अर्थव्यवस्था को पुन: 8़ 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर के द्रुत विकासपथ पर लाने के गम्भीर प्रयास किये गये हैं। सर्वस्पर्शी राहतों व समावेशी विकास के प्रस्तावों से प्रभावित हो कर ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक ने कहा है कि बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है। उसके बाद के अपने परवर्ती वाक्य में अपनी दलीय भूमिका को दृष्टिगत रख कर उनके द्वारा इन उद्देश्यों की प्राप्ति की कार्ययोजना के अभाव की बात कह देना अप्रासंगिक है। क्योंकि, बजट प्रस्तावों के क्रियान्वयन की योजनाओं की रचना वित्तमंत्री नहीं, सम्बन्धित विभागों को करनी होती है।
रोजगार व शिक्षा पर बल
युवा वर्ग को रोजगार-क्षम बनाने के लिये स्वाधीनता के बाद पहली बार इस स्तर पर कौशल, स्वरोजगार लिये नवोदित उद्यम परियोजनाओं अर्थात 'स्टार्ट-अप्स' के लिये वित्तीय समर्थन और सूक्ष्म उद्यमों (माइक्रो एण्टरप्राइजेज) के लिये 'सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्तीयन बैंक' (मुद्रा बैंक) हेतु 20,000 करोड़ रुपये की निधी जैसे प्रस्तावों से जहां युवाओं को रोजगार-प्रदाता बनने की प्रेरणा मिलेगी, वहीं देश में उत्पादक उद्योगों के विस्तार और सूक्ष्म उद्यमों (माइक्रो एण्टरप्राइजेज) का भी प्रसार होगा। उच्च शिक्षा के लिये इच्छुक प्रत्येक छात्र के लिये छात्रवृत्ति व शिक्षा ऋण सुलभ कराने हेतु बजट में प्रस्तावित छात्रवृत्ति प्राधिकरण का प्रस्ताव, अर्थाभाव केे कारण उच्च शिक्षा से वंचित रहने वाले युवा वर्ग को उच्च व तकनीकी शिक्षा प्राप्ति में सक्षम बनायेगा। आज उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में 30-40 प्रतिशत स्थान रिक्त होने पर भी शुल्क भुगतान हेतु अर्थाभाव के कारण सकल नामांकन अनुपात 20 प्रतिशत से भी कम है। इससे अब हम 2025 तक सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत कर सकेंगे। इसी प्रकार प्रति 5 किमी. की परिधि में एक सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय के बजट-प्रस्ताव का स्वागत किया गया है।
विनिर्माण पर बल
औद्योगिक विकास की दृष्टि से दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कोरिडोर के लिये 12 सौ करोड़ रुपये की प्रारम्भिक राशि के आबंटन और उद्योगों के लिये बिजली संकट खत्म करने को एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से प्रस्तावित 'प्लग एण्ड प्ले' की शैली में 5 नई 'अल्ट्रा' मेगा विद्युत परियोजनाएं, जिनमें से प्रत्येक परियोजना 4 हजार मेगावाट की होगी, जैसे विविध प्रस्तावों से औद्योगिक विकास की गति बढ़ेगी। देश में उत्पादन प्रोत्साहन के लिये बसों व ट्रकों के आयात पर वित्त वर्ष 2015-16 में बुनियादी सीमा शुल्क पर प्रभावी दर 10 से 20 प्रतिशत किए जाने और स्टील पर सीमा शुल्क वृद्धि से भी देश में उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। यथा स्वीडन की ट्रक निर्माता कम्पनी स्कैनिया पूरी तरह तैयार बसों और ट्रकों का आयात करती है। अब शुल्क बढ़ने से स्कैनिया इंडिया के आयातित वाहन महंगे होने के कारण देश में उत्पादन बढ़ेगा।
आगामी दो वर्ष में अर्थव्यवस्था पुन: दो अंकों की विकास दर की ओर जाने को है। ऐसे में, आज जब वैश्विक विनिर्माण में हमारा अंश मात्र 2़ 04 प्रतिशत रह गया है, उसमें वृद्धि हेतु भारत द्वारा निर्मित उत्पादों का संवर्द्धन आवश्यक है। चीन की भी इसमें 1992 में 2़ 4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जिसके आज 23 प्रतिशत हो जाने से अमरीका भी 17़ 5 प्रतिशत अंश के साथ विनिर्माण में विश्व में दूसरे स्थान पर आ गया है। स्वीडन का उदाहरण लें तो 90 लाख की जनसंख्या के छोटे से देश की एक वॉल्वो कम्पनी का ही विश्व भर में बस, ट्रक व कारों का कारोबार 30 खरब डालर अर्थात भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी़ डी़ पी़) का दो गुना है। इसलिये इस बजट में उत्पादन प्रोत्साहन हेतु दी अभिप्रेरणाओं से भारतीय उत्पादों व ब्राण्डों के संवर्द्धन को जो बल मिलेगा उससे हम विश्व में विनिर्माण में पुन: देश को आगे ले जा सकेंगे।
आधाभूत ढांचा विकास हेतु 70,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से देश में औद्योगिक विकास में आने वाली ढांचागत बाधायें दूर हांेगी। इसी क्रम में 2022 तक 1,00,000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के महत्वाकांक्षी लक्ष्य से परिवहन बाधायें दूर होंगी। पोर्ट ट्रस्टों को कम्पनियों में बदल कर बंदरगाहों के निगमीकरण के प्रस्ताव से मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और जेएनपीटी जैसे बड़े बन्दरगाहों के लिये अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा सकेंगे, वे आकर्षक दरों पर पूंजी जुटा सकेंगे और अपने भूमि बैंक का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
20,000 करोड़ रुपये के कोष वाले राष्ट्रीय निवेश एवं ढांचागत कोष से स्थानीय अवसंरचना सम्बन्धी कंपनियों को बुनियादी ढांचे के लिए विशेष उद्देश्यीय कम्पनियों में निवेश से संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। इससे निर्माण, सीमेन्ट और पूंजीगत वस्तु सम्बन्धी कम्पनियों के उत्पादों की मांग बढ़ेगी, उससे भी औद्योगिक उत्पादन निवेश व रोजगार में स्वत:स्फूर्त वृद्धि होगी। इसके साथ ही कर मुक्त बॉण्ड शुरू करने और कई तरह की अनुमतियां लेने से राहत मिलने से बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कम्पनियों को काम करने में और आसानी होगी। अर्थव्यवस्था के लिए अहम रेल मार्ग व सड़कांे के विकास के लिये भी क्रमश: 10,050 करोड़ व 14,030 करोड़ रुपए के बजट प्रस्तावों से परिवहन विकास को गति मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों विस्तार से ग्राम विकास को गति मिलेगी। राष्ट्रीय राजमागार्े के लिए 29,420 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 4,134 करोड़ रुपये कर प्रावधान रखा गया है। जयपुर समेत 10 बड़े शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 8260 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
सबके लिये आवास
वर्ष 2022 तक सबके लिए घर के प्रस्ताव के अंतर्गत कुल 6 करोड़ आवास बनेंगे, जिनमें 4 करोड़ आवास ग्रामीण क्षेत्रों में और 2 करोड़ आवास शहरी क्षेत्रों में तैयार कर सभी घरों में स्वच्छ पेयजल, एक शौचालय, 24 घंटे बिजली और सड़क संपर्क की व्यवस्था से आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। देशभर की 500 बस्तियों के पुनरोद्धार और 'स्मार्ट सिटी' के विकास पर 6 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव वहां के निवासियों को राहत देने के साथ ही देश में निर्माण व रोजगार को भी बढ़ावा देगा।
बचत व निवेश को प्रेरणा
इस बजट में सामान्य करदाता को सीधे 'स्लेब' में कोई राहत देने के स्थान पर बचत पर जो कर राहत दी है, उससे 4,44,200 रुपये तक की आय तो कर से मुक्त रहेगी पर उससे देश में बचत व निवेश का संवर्द्धन होगा। साथ ही देश में पूंजी निर्माण व संसाधनों का विकास होगा। सम्पदा कर (वेल्थ टैक्स) हटा कर 'सुपर रिच सरचार्ज' के नाम से वार्षिक एक करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले धनिकों पर 2 प्रतिशत का 'सरचार्ज' शुद्ध राजस्व में वृद्धि करने के साथ ही सम्पदा कर वसूली में होने वाले अनुत्पादक व्यय को रोकेगा और कर-संग्रह को मितव्ययी बनायेगा। दूसरी ओर स्वास्थ्य बीमा पर छूट में वृद्धि व वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा छूट, बेहतर जन स्वास्थ्य और चिकित्सा आश्वासित कर देश में जनता की सक्रिय कार्यशीलता बढ़ायेगी।
80 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों, जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, को भी आयकर में 30 हजार की कटौती एवं गंभीर बीमारी पर खर्च के लिए 60 हजार की तक की कटौती की सीमा बढ़ाकर 80 हजार कर वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सम्बल प्रदान किया है। इसके अलावा आश्रित विकलांग व्यक्ति के इलाज सहित देखरेख के संबंध में कटौती 75,000 रुपये करनेे की घोषणा भी स्वागत योग्य है। वरिष्ठ नागरिकों के लिये दावा रहित सार्वजनिक प्रावधायी व कर्मचारी प्रावधायी कोषों में से 9000 करोड़ रुपयों से वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष एक सराहनीय पहल है।
प्रभावी सामाजिक सुरक्षा
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में मात्र 12 रुपये प्रतिवर्ष नाममात्र 'प्रीमियम' अर्थात एक रुपये मासिक में दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा निम्न आय वाले परिवारों को होने वाले दुर्घटना-जनित संकटों से सुरक्षा प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत 18-50 वर्ष आयु वर्ग में सहज मृत्यु और दुर्घटना मृत्यु के जोखिम पर भी दो लाख तक की बीमा सुरक्षा एक रु़ दैनिक से कम (रु़ 330 प्रतिवर्ष) की लागत पर सुलभ करायी गयी है। अटल पेंशन योजना में शामिल लोगों के प्रोत्साहन के लिए सरकार 31 दिसम्बर 2015 से पूर्व खोले खातों में 5 वर्ष के लिए 1000 रुपये प्रतिवर्ष तक सीमित लाभार्थियों के 'प्रीमियम' के 50 फीसदी का अंशदान भी सामाजिक सुरक्षा रहित वगार्ें को पेन्शन लाभों की परिधि में लायेगा।
कृषि व ग्रामीण विकास पर दृष्टि
किसानों को कृषि ऋण के लिए 8़ 5 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान कृषि विकास को गति प्रदान करेगा। पिछले साल इस मद में 8 लाख करोड़ रुपए रखे गए थे। नाबार्ड में स्थापित ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष की निधियों में 25 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान व दीर्घावधि ग्रामीण ऋण कोष में 15 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान भी कृषि विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के उत्पादन का लक्ष्य 133़ 83 लाख मीट्रिक टन भी उर्वरकों की उपलब्धता बढ़ा कर किसानों को राहत देगा। कृषि विकास की दृष्टि से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना की घोषणा, प्रति बूंद अधिक फसल का लक्ष्य तय करने के साथ ही सिंचाई योजना के लिए 5300 करोड़ रुपये का आवंटन, 3500 करोड़ ग्रामीण स्वच्छता के लिए और राष्ट्रीय एग्रीटेक अवसंरचना हेतु 90 करोड़ और पूवार्ेत्तर राज्यों में .जैविक खेती के लिए 125 करोड़ रुपए का प्रावधान भी कृषि को सम्बल प्रदान करेगा व जैविक कृषि का आधार पुष्ट करेगा। साथ ही 2500 करोड़ रुपए की ग्रामीण बसाहटों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को सहायता भी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति में सहयोगी सिद्घ होगा। किसानों को उपज सीधे बेचने के लिए ग्रामीण बाजारों की स्थापना से कृषि विपणन में सुधार लायेगा। ग्रामीण रोजगार के तहत सबको नौकरी की व्यवस्था ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्राथमिकता के आधार पर रक्षा बजट में पिछले वित्त वर्ष के 2,22,370 करोड़ रुपए के प्रावधान तुलना में इस बार 2,46,727 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इसमंे 94,588 करोड़ रुपये सैन्य आधुनिकीकरण आवंटित किये गये हैं। वैसे चीन के रक्षा व्यय की तुलना में यह राशि कम है। लेकिन, मध्यम काल में जब तक हम सकल उत्पाद में करानुपात नहीं बढ़ा लेते तब तक यह सम्भव नहीं होगा। इस बजट में वायुसेना को 23,000, नौसेना को 15,525 करोड़ रुपए आवंटित हुए है। जो कि पिछले बजट की तुलना में क्रमश: 2815 और 1,590 करोड़ रुपए अधिक है। साथ ही बजट आने के पूर्व ही वायुसेना को सुदृढ़ करने के लिये 50,000 करोड़ रुपए लागत के पांचवी पीढ़ी के सात 'स्टील्थ' (रडार से नहीं देखें जा सकने वाले) लड़ाकू विमानों की परियोजना 17-ए के प्रस्ताव का अनुमोदन भी स्वागत योग्य है।
बेहतर राजकोषीय अनुशासन
राजकोषीय घाटा फिलहाल जीडीपी के 4़ 1 प्रतिशत पर है। वित्त वर्ष 2015-16 में इसके 3़ 9 प्रतिशत तक आने की उम्मीद है, इसमें तेल के घटते दामों की भी बड़ी भूमिका रहेगी। इसी आधार पर सरकार को उम्मीद है कि मार्च तक खुदरा मंहगाई दर भी 5 प्रतिशत तक सीमित की जा सकेगी। ऐसा होने से मौद्रिक नीति में भी ढील दी जा सकेगी जिससे औद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकेगा। आगामी वर्ष के बजट में कर राजस्व में जो 16 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 14,49,490 करोड़ रुपये के कर राजस्व का लक्ष्य रखकर राज्यों को भी बढ़े अनुपात में 5,23,958 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, वह संसाधन जुटाने की दृष्टि से अत्यनत महत्वाकांक्षी प्रस्ताव है। केन्द्र का राजकोषीय घाटा जो 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद का 4़ 5 प्रतिशत था, उससे घट कर 2015-16 में 3़ 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आगामी वर्ष में सरकार द्वारा लिये जाने वाले शुद्ध ऋणों में कमी कर उसे 4,56,405 करोड़ रुपये की सीमा में लाना भी स्वागत योग्य है। *बजट में और भी अनेक प्रस्ताव भावी विकास के लिए क्रांतिकारी सिद्ध होंगे यथा इस वर्ष के बजट में 'प्लग एण्ड प्ले' की जो अवधारणा प्रस्तुत की गई है उससे अवसंरचना सम्बन्धी परियोजनाओं के लिए अंतहीन अनुमतियों के लिए प्रतीक्षा का दौर समाप्त होगा। हमारी सांस्कृतिक विरासत के केन्द्रों के संरक्षण के लिए देश की धरोहरों के संरक्षण जो प्रस्ताव किए गए हैं और 150 देशों के पर्यटकों को आगमन पर वीजा देने के जो प्रावधान किए गए हैं। इससे देश में घरेलू व अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी विदेशी मुद्रा प्राप्ति में वृद्धि होगी और पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा, होटल क्षेत्र में कारोबार व निवेश बढ़ेगा।
देश के अर्थ-गौरव की सिद्धि
चालू वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर को 7़ 4 प्रतिशत व आगामी वर्ष में 8़ 5 प्रतिशत तक ले जाने के ध्येय साथ ही राजकोषीय घाटे को सीमा में रख कर चालू खाता घाटे को 1 प्रतिशत से कम रख लेने में सफल होने से रुपये की कीमत में भी 6़ 3 प्रतिशत का सुधार आया है। ऐसे में कालेधन पर कठोर कानून बना कर विदेशों में छिपाये जाने वाले काले धन पर 10 वर्ष की कड़ी सजा का और आयकर विवरणिका में विदेशी खाता छिपाने पर 7 वर्ष की सजा के प्रावधान से प्रति वर्ष देश से बाहर जाने वाले 40-50 अरब डालर की राशि का बाहर जाना रुक जायेगा। इससे रुपये की कीमत में वृद्धि के इस क्रम को बनाये रखना सहज होगा। इसके साथ ही स्वर्ण के मौद्रिकरण अर्थात ब्याज युक्त स्वर्ण बॉण्ड एवं भौतिक रूप में सोना खरीदने के स्थान पर स्वर्ण बाण्ड में निवेश की सुविधा से सोने के आयात कम होगा।
वस्तुत: इस बजट में कृषि, उद्योग, आधारभूत ढांचागत क्षेत्र, रोजगार, महिला सुरक्षा, शिक्षा, लोक कल्याण, आवास, सिंचाई, शहरी विकास, संस्कृति, पर्यावरण, पेयजल, रक्षा, स्वच्छता सहित सभी मदों पर समुचित व्यवस्था करने के साथ ही राज्यों को अधिक मात्रा में संसाधन आवंटित करने के बाद भी राजकोषीय अनुशासन रखते हुये राजकोषीय घाटे व चालू खाता घाटे को अंकुश में रखने का प्रयत्न किया गया है।
बजट घोषणाएं
ल्ल नवोदित उद्यम परियोजनाओं के लिये वित्तीय समर्थन, 'सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्तीयन बैंक' हेतु 20,000 करोड़ रुपये की निधि
ल्ल 5 नई 'अल्ट्रा' मेगा विद्युत परियोजनाएं, प्रत्येक परियोजना 4 हजार मेगावाट की
ल्ल बुनियादी सीमा शुल्क पर प्रभावी दर10 से 20 प्रतिशत किए जाने और इस्पात पर सीमा शुल्क वृद्धि से देश में उत्पादन को प्रोत्साहन
ल्ल आधाभूत ढांचा विकास हेतु 70,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से औद्योगिक विकास की ढांचागत बाधायें दूर हांेगी
ल्ल 20,000 करोड़ के कोष वाले राष्ट्रीय निवेश एवं ढांचागत कोष से स्थानीय अवसंरचना सम्बन्धी कंपनियों को बुनियादी ढांचे के लिए विशेष उद्देश्यीय कम्पनियों में निवेश से संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी
ल्ल अहम रेल मार्गों व सड़कांे के विकास के लिये क्रमश: 10,050 करोड़ व 14,030 करोड़ रुपए के प्रस्ताव
कुछ मीठी…
ल्ल बजट बिन्दुवार और सरलता से समझे जा सकने वाले खण्डों में है। विस्तार के लिए संलग्नक का प्रयोग किया जाना अच्छा है। -अनिल गुप्ता
ल्ल बजट में सरकार की नीतियां झलकीं। सार्वजनिक व्यय केन्द्र और राज्य दोनों का मिलाकर देखा जाएगा। -रोहित वासवानी
ल्ल लाभ का सीधा हस्तांतरण अच्छा है, यह सरकार की दिशा दिखाने वाली चीज है। मुश्किलें पता करके उनके निदान भी सुझाए।
-मनमोहन खेमका
ल्ल छोटे और अति सूक्ष्म उद्यमों के लिए अच्छे सुझाव हैं। सॉइल हेल्थ कार्ड और पीएम ग्राम सिंचाई योजना की घोषणा अच्छी है।
-राजकुमार अग्रवाल
ल्ल निवेश के लिए कर रहित ढांचागत बाण्ड लाने की बात की गई है। घरेलू, बाहर से और सहेजी संपदा से निवेश जुटाया जा सकता है। राजस्व घाटे के पिछले लक्ष्य को फिर से पूरा करने का वादा किया जाना अच्छा है। -अनिल सूद
ल्ल उद्योगों के लिए 4 हजार मेगावाट बिजली का प्रावधान किया गया है। यह इस क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने की दृष्टि से अच्छा है। -यतीन्द्र खेमका
ल्ल हैसंसाधनों के जुटान और उपयोग की दृष्टि से बजट सकारात्मक है। बजट निराश करने वाला नहीं है। -गोपाल अरोड़ा
कुछ खरी खरी….
ल्ल विदेशी निवेश कहां से आएगा, उसका लाभ किसे जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। संपदा कर की बजाय विरासत कर होना चाहिए। -बलदेव राज
ल्ल परियोजनाओं पर ढिलाई का ठीकरा केन्द्र राज्यों के मत्थे न मढ़े। राज्यों पर केन्द्र से मिलने वाले 62% हिस्से की जवाबदेही तय हो।
-रोहित वासवानी
ल्ल किसान आढ़तियों के भरोसे है, वित्त मंत्री ने कहा, वह बीच की हर बाधा से मुक्त हो गया। -अनिल शर्मा
ल्ल कुछ व्यवस्थागत विरोधाभास हैं- एक बिजली कम्पनी को जितना सालाना घाटा होता है, उतना सार्वजनिक उपक्रम का मुनाफा होता है। सरकार का काम कारोबार करना है या इसे सुविधाजनक बनाना? -अनिल सूद
ल्ल राजस्व घाटा काबू में रहेगा तो मुद्रास्फीति नियंत्रित रहेगी अन्यथा महंगाई बढ़ेगी। -मनमोहन खेमका
ल्ल जून 2014 में पेश किए बजट में जो परियोजनाएं घोषित की गई थीं उनमें क्या प्रगति हुई, इसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। -अनिल गुप्ता
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