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पिछले दिनों कोच्चि (केरल) में चार दिवसीय विश्व महासागर विज्ञान कांग्रेस आयोजित हुई। इसका आयोजन 'स्वदेशी विज्ञान आन्दोलन' और 'केरल विश्वविद्यालय के मत्स्य पालन और समुद्री अध्ययन विभाग' ने संयुक्त रूप से किया था। उद्घाटन केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम ने किया। अध्यक्षता केरल सरकार के मत्स्य पालन मंत्री के. बाबू ने की। इस अवसर पर न्यायमूर्ति सदाशिवम ने समुद्री जीव-जन्तुओं के अंधाधंुध शिकार को समुद्र की जैविक विविधताओं और मानव जाति के लिए खतरनाक बताया। एक सत्र को सम्बोधित करते हुए विज्ञान भारती के महासचिव ए. जयकुमार ने कहा कि समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरे अनेक चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करते हैं। उनकी समस्याओं का निराकरण करना सरकार का दायित्व है। भू विज्ञान मंत्रालय के सचिव शैलेष नायक ने कहा कि उनका मंत्रालय समुद्र में मौजूद हाइड्रोजन गैस के दोहन के लिए ठोस कार्य कर रहा है। कार्यक्रम के अन्य वक्तओं ने भी समुद्र की जैव विविधता और मछुआरों के हित को देखते हुए काम करने की सलाह दी। -प्रतिनिधि
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