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वनवासी कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बालासाहब देशपांडे की जन्मशती के अवसर पर मिजोरम की राजधानी आइजोल में गत दिनों एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मिजो धर्मगुरु श्री रोरेललियाना ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम हम सभी वनवासी लोगों को जोड़ता है। हमारी संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन में सहयोग करता है। इसलिए यह हमारे लिए ईश्वर के समान है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मिजो रानी रोपुईिलयानी, नागा रानी गाइदिन्ल्यू एवं वनयोगी बालासाहब देशपांडे के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्वलन किया गया। इसके बाद वहां उपस्थित सभी लोगों ने मिजो भाषा में देशभक्ति गीत गाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज की सामाजिक समस्याओं का मूल कारण पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण है। हमें अपनी संस्कृति की नींव को मजबूत करते हुए प्रगति एवं विकास करना होगा।
कार्यक्रम में श्रीमती ललह्मिंगलियानी ने मिजोरम में कल्याण आश्रम द्वारा चल रहे कायार्ें की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में 128 छात्र – छात्राएं विभिन्न छात्रावासों में पढ़ रहे हैं।
कल्याण आश्रम के सह संगठन मंत्री श्री अतुल ने वनयोगी बालासाहब देशपांडे के जीवन पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे वनवासी कल्याण आश्रम के देशभर में चल रहे कायार्ें को सहयोग दें। बनारस से पधारे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री सूर्यकान्त जालान ने मिजोरम की कृषि, पर्यावरण एवं पर्यटन के बारे में बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री लालथेंगलियाना ने की। सभी उपस्थितों का धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती झाइरेमसांगपुइ ने किया। वन्देमातरम् गान से कार्यक्रम की समाप्ति हुई। इस अवसर पर 200 से अधिक मिजो बन्धु और भगिनी उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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