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कोलकाता में 15 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. सतीश चन्द्र मित्तल को 25वें डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल के कर कमलों से मिला। सम्मान स्वरूप उन्हें श्रीफल, शॉल, 51,000 रु. की राशि और मानपत्र प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा, 'हिन्दू वह आत्मा है, जो जन-जन के मन में विराजती है। भारत की आत्मा अध्यात्म में है। ऋषियों की सनातन परम्परा को दिखाने वाला वाक्य है कि यह देश हिन्दू राष्ट्र है। यह साम्प्रदायिक उक्ति नहीं, बल्कि देश की सनातन आत्मा की पहचान है। नर को नारायण रूप में देखने की दृष्टि देता है हिन्दू दर्शन।' समारोह के विशिष्ट अतिथि और पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री हितेश शंकर ने कहा, 'अंग्रेजों ने दो सौ वर्ष में भारत का जितना नुकसान नहीं किया है, उससे ज्यादा नुकसान अंग्रेजी में रुचि रखने वालों ने किया है। विस्मृति से विसंगति और विसंगति से विकलांगता उत्पन्न होती है। हमारे इतिहास को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है, गौरवशाली अतीत को भुलाने की चेष्टा की गई है।'
डॉ. सतीश चन्द्र मित्तल ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने साधारण को असाधारण और सामान्य को असामान्य बनाकर राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका अदा की। समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी श्री सज्जन भजनका ने की। मंच संचालन श्री महावीर बजाज ने किया। श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष श्री जुगलकिशोर जैथलिया सहित अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
के. लक्ष्मा रेड्डी बने केन्द्रीय कामगार बोर्ड के अध्यक्ष
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री के. लक्ष्मा रेड्डी को केन्द्रीय कामगार बोर्ड का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया है। श्री रेड्डी कामगारों के लिए वषार्ें से संघर्ष कर रहे हैं। कामगारों के हितों के लिए ही उन्होंने 1989 में सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। आंध्र प्रदेश में उन्होंने वषार्ें तक मजदूर संगठनों में कार्य किया। इसके बाद उन्हें भारतीय मजदूर संघ में जिम्मेदारी दी गई। श्री रेड्डी राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् और केन्द्रीय कामगार बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। -प्रतिनिधि
हमारे राष्ट्र की पहचान है हिन्दुत्व
आजकल सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के एक बयान पर सेकुलर मीडिया और नेता खूब चिल्ला रहे हैं। इस मामले पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने एक वक्तव्य जारी किया है, जिसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है।
भारत और हिन्दुत्व गंगा के प्रवाह के समान हैं। यमुना सहित अनेक नदियों के प्रवाह को अपने आप में समाहित करते हुए अपना पावित्र्य और सामर्थ्य बनाए रखते हुए वह गंगा ही कहलाती है और सदियों से उसका प्रवाह निरंतर बह रहा है। यही बात रविन्द्रनाथ ठाकुर और एस़ राधाकृष्णन ने कही थी और वही बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिन्दू परिषद् के स्वर्ण जयन्ती महोत्सव के दौरान कही थी कि हिन्दुत्व हमारे राष्ट्र की पहचान है।
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