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तीस्ता और उनके पति को अदालत से झटका, नहीं मिली जमानत
गुजरात में गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय बनाने के नाम पर लोगों से चंदे में मिली राशि हड़पने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात की अदालत से करारा झटका लगा है। अदालत ने तीस्ता और उनके पति सहित तीन लोगों को जमानत देने से मना कर दिया। साथ ही गुलबर्ग सोसायटी के दो अन्य सदस्यों की याचिका भी अस्वीकृत कर दी।
दरअसल वर्ष 2002 में दंगों का शिकार गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय बनाने के नाम पर चंदा एकत्रित किया गया था। बाद में चंदे के नाम पर रकम हड़पने की शिकायतें सामने आई थी। आरोप है कि तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने अन्य लोगों के साथ मिलकर संग्रहालय बनाने के नाम पर स्वयं 70 करोड़ रुपये खर्च कर लिए। इस दौरान सोसायटी में रहने वाले लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर उन्हें ठगने की बात सामने आई थी। इस पर गुलबर्ग सोसायटी में ही रहने वाले एक निवासी ने अपराध शाखा में शिकायत कर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए 25 मार्च को सत्र न्यायाधीश एच. सी. वोरा ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में मिले तथ्य और आरोप सही प्रतीत होते हैं। इस अवसर पर अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि विदेश में रहने वाले लोगों से भी चंदा लिया गया था। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए माना कि इस संबंध में पुलिस जांच की जरूरत है। ल्लप्रतिनिधि
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