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8 मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय मलेशिया एयरलाइंस का विमान एमएच 370 अचानक राडार से गायब हो गया। यह आशंका जताई जा रही है कि विमान या तो आतंकी कार्रवाई का शिकार हो गया या दुर्घटनाग्रस्त होकर समुद्र में डूब गया है। हालांकि चीन ने कहा है कि विमान के मलवे को आंशिक रूप से देखा गया है। लापता विमान में 239 यात्री सवार थे। यात्रियों में पांच भारतीयों के अलावा 154 चीनी, 38 मलेशियाई, 7 इंडोनेशियाई, 6 अस्ट्रेलियाई, 4 अमरीकी, 3 फ्रांसिसी, 2 न्यूजीलैंडवासी, 2 यूक्रेनी, 2 कनाडा के, 1 रूसी, 1 इतालवी, 1 डच और 1 अस्ट्रियाई शामिल थे। भारतीय यात्रियों में विनोद कोलेकर (59), चेतना कोलेकर (55), स्वानंद कोलेकर (23), चंद्रिका शर्मा (51) और क्रांति शीर्षथ (44) शामिल हैं। विमान में चालक दल के 12 सदस्य थे।
लापता विमान को ढूढंने के लिए 34 विमान, 40 पोत और दस देशों की टीमें शामिल हैं। खोजबीन में तेजी लाने के लिए चीन ने अपने 10 सैटेलाइट दक्षिण चीन सागर के आसपास तैनात कर दिए हैं। इतने गंभीर प्रयासों के बाद भी अभी तक विमान के दुर्घटना होने के कारणों का पता नहीं चला है।
विमान के लापता होने के पीछे कई तरह की अफवाहें हैं। प्रोपोनंेट्स साइट फ्लाइट डाटा के अनुसार मलेशिया विमान के पीछे एक दूसरा हवाई जहाज देखा गया है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों ने विमान को विस्फोट से उड़ा दिया हो। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है कि विमान का अपहरण कर दूसरे देश में ले जाया गया हो। चीनी मीडिया के अनुसार यात्रियों के संबंधियों द्वारा फोन करने पर मोबाइल की रिंग सुनाई पड़ रही है। हालांकि फोन हैंग हो जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि धूमकेतु के टकराने से विमान टुकड़े-टुकड़े होकर समुद्र में समा गया हो। इस प्रकार कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
मलेशिया सरकार को आतंकी कार्रवाई होने की भी आशंका है, क्योंकि दो यात्री चोरी के पासपोर्ट के साथ विमान में सवार हुए थे। इन संदिग्ध दोनों यात्रियों का संबंध इरान से है। हालांकि अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि इन संदिग्ध यात्रियों का संबंध आतंकवादियों से है या नहीं। नई जांच से पता चला है कि विमान लापता होने से पहले अपने निर्धारित मार्ग से 500 किलोमीटर भटक गया था।
उल्लेखनीय है कि कुआलालंपुर से उड़ान भरने के दो घंटे बाद ही विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) से संपर्क टूट गया था। इस विमान के लापता होने की जो भी वजहें हांे लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आतंकवादी विमानों को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते आए हैं। वैसे तो पिछले सालों में आतंकियों ने कई विमानों का अपहरण किया, लेकिन दो घटनाएं अति महत्वपूर्ण हैं।
23 जून, 1985 को कनिष्क नाम के एक भारतीय हवाई जहाज को (बोइंग 747-237बी) आयरिश हवाई क्षेत्र में उड़ते समय 31,000-फुट (9,400 मी़) की ऊंचाई पर बम से उड़ा दिया गया था। इस आतंकी कार्रवाई में 329 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें अधिकांश भारत में जन्मे या भारतीय मूल के 280 कनाडाई नागरिक और 22 भारतीय शामिल थे। यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी।
जब भी विमान को एक सामरिक हथियार के रूप में इस्तेमाल की चर्चा होती है तो 1 सितम्बर, 2001 के दिन को कौन भूल सकता है। इसी दिन अमरीकी धरती पर विश्व का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। 9/11 को अमरीका के न्यूयार्क शहर में अलकायदा के प्रशिक्षित आत्मघाती दस्तों ने दो विमानों का अपहरण कर उन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावरों से टकरा दिया। इस कारण 3000 लोग मारे गए और लगभग 6000 लोग घायल हुए। रामनयन सिंह
मलेशियाई विमान: दुर्घटना या आंतकी कार्रवाई ल्ल
11 फरवरी, 2014 को अल्जीरिया वायु सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो . 18 जनवरी, 2014 को ट्रांस गुयाना एयरवेज का विमान जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इसमें सवार सभी यात्रियों और दोनों चालक सदस्य की मौत हो गई।
17 नवंबर, 2013 को रूस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई।
16 अक्टूबर, 2013 को लाओ एयरलाइंस की दुर्घटना में 49 लोग मारे गए।
3 जून, 2012 को नाइजीरिया की विमान दुर्घटना में 153 लोगों की मौत हो गई।
20 अप्रैल, 2012 को पाकिस्तान का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 127 लोग मारे गए।
26 जुलाई, 2011 को रॉयल मोरक्कन एयर फोर्स का विमान
दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई।
9 जनवरी, 2011 को ईरान का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 77 लोग मारे गए।
12 मई, 2010 को लीबिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 103 लोगों की मौत हो गई।
28 जुलाई, 2010 को पाकिस्तान का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 152 लोग मारे गए।
25 जनवरी, 2010 को लेबनान इथोपियन एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 90 लोगों की मौत हो गई।
15 जुलाई, 2009 को ईरान में गजविन शहर के पश्चिमोत्तर में एक यात्री विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में सवार सभी 168 यात्रियों की मौत हो गई।
30 जून, 2009 को हिंद महासागर में एयरबस ए310 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में सवार 152 यात्रियों की मौत हो गई।
15 जुलाई, 2009 को ईरान में एक यात्री विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में सवार सभी 168 यात्रियों की मौत हो गई।
30 जून, 2009 को हिंद महासागर में एयरबस ए310 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में सवार 152 यात्रियों की मौत हो गई।
ल्ल 1 जून, 2009 को रियो डि जनेरियो से पेरिस जा रहा वायुसेना का विमान 447 दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे 228 यात्रियों की मौत हो गई।
20 अगस्त, 2008 को मेड्रिड में एक विमान में उड़ान भरते ही आग लग जाने से 154 लोगों की मौत हो गई।
21 फरवरी, 2008 को वेनेजुएला की विमान कंपनी सांता बारबारा का एक यात्री विमान उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार सभी 46 लोगों की मौत हो गई थी।
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