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विजय कुमार
दिल्ली में केजरी ह्यआआपाह्ण (आम आदमी पार्टी) के नेतृत्व में ह्यझाड़ू वाले हाथह्ण की सरकार बनने पर शर्मा जी को लगा कि इस तरह भी मोदी के रथ को रोका जा सकता है। इसलिए जब केजरीवाल साहब ने ह्यआआपाह्ण के सदस्यता अभियान की घोषणा की, तो शर्मा जी भी ह्यआआपाह्ण कार्यालय से बैनर, पोस्टर, टोपी, एक बड़ी झाड़ू और सदस्यता पत्र ले आये और घर के बाहर ही मेज-कुर्सी डाल कर बैठ गये।
कल जब वे शाम को टहलने नहीं आये, तो मैं उनके घर चला गया। वहां शर्मा जी की मेज पर दो झाड़ू रखी थीं। दीवार पर सदस्यता अभियान का बैनर लगा था। यद्यपि उनके आस-पास काफी गंदगी थी। फिर भी वे निर्विकार भाव से वहां डटे थे। मैंने उनका हालचाल पूछा और वहीं बैठ गया। इतने में रामलाल जी आ गये।
– क्या मैं ह्यआआपाह्ण का संविधान देख सकता हूं ?
– संविधाऩ. ?
– जी हां, जिससे मैं जान सकूं कि इसकी सदस्यता के क्या नियम हैं; पार्टी का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री और कोषाध्यक्ष आदि कौन है?
– देखिये, अभी तो संविधान बना नहीं है। 1947 में देश आजाद होने पर नेहरू ने कहा था, ह्यइंडिया इज ए नेशन इन मेकिंग।ह्ण ऐसे ही हमारी पार्टी और उसका संविधान भी ह्यइन मेकिंगह्ण है।
– लेकिन फिर भी कुछ पदाधिकारी तो होंगे ?
– अभी तो सब कुछ केजरी ह्यआआपाह्ण ही हैं; पर आपको इससे क्या लेना है? आप तो बस यह सदस्यता पत्र भर दीजिये।
– जी नहीं, मैं देश के संविधान को मानता हूं। इसलिए ऐसे किसी दल से नहीं जुड़ सकता, जो खुद असंवैधानिक हो ?
इतना कहकर रामलाल जी उठ गये। कुछ देर बाद श्यामलाल जी आ गये। शर्मा जी ने उन्हें भी सदस्यता पत्र थमा दिया। श्यामलाल जी ने उसे भर दिया।
– श्यामलाल जी, आपने अपना मोबाइल नंबर नहीं लिखा?
– उससे क्या होगा ?
– उससे आप हमें नंबर पर मिसकॉल देंगे, तो आप सदस्य बन जाएंगे। आपने अखबार में पढ़ा ही होगा कि पिछले एक सप्ताह में दस लाख लोग ह्यआआपाह्ण के सदस्य बने हैं।
इसी बीच श्यामलाल जी की 14 वर्षीय बेटी ने शर्मा जी द्वारा बताये नंबर पर मिसकॉल मार दी। तुरंत ही वहां से सदस्य बन जाने का संदेश आ गया। बेटी ने उन्हें यह दिखाया, तो वे चकरा गये। सदस्य बनना था उन्हें; पर बन गयी अवयस्क बेटी। इससे वे एक सप्ताह में बने दस लाख सदस्यों का रहस्य भी समझ गये। अत: वे भी प्रपत्र अधूरा छोड़कर प्रस्थान कर गये। तभी अपने विदेशी कुत्ते ह्यचार्लीह्ण के साथ बाबूलाल जी आ गये। शर्मा जी उनसे भी प्रपत्र भरवाने लगे; पर इसी बीच चार्ली को देखकर स्थानीय कुत्ते भड़क गये। चार्ली शर्मा जी की मेज के नीचे आ छिपा; पर स्थानीय कुत्तों ने पीछा नहीं छोड़ा और उसे कई जगह काट लिया। इस उठा-पटक में शर्मा जी की मेज उलट गयी। बाबूलाल जी बौखला उठे-शर्मा जी देखिये, आपके कुत्तों ने मेरे चार्ली का क्या हाल कर दिया है? आप तो यहीं के हैं। कुछ कीजिये ऩ.़।
– क्षमा करें, मैं कुत्तों के बीच दखल नहीं दे सकता। इसके लिए आप दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर से सहयोग मांगिये।
झक मारकर बाबूलाल जी ने वह नंबर मिलाया, तो वहां से मशीनी जवाब आने लगे, ह्यबिजली की समस्या के लिए एक, पानी के लिए दो, नर्सरी में प्रवेश के लिए तीन, पुलिस से संपर्क के लिए चार दबाएं।ह्ण बाबूलाल जी ने चार नंबर दबाकर कुत्तों के झगड़ों की बात कहीं, तो जवाब मिला कि अभी हम आम आदमियों के झगड़े निपटा रहे हैं, कुत्तों का नंबर इसके बाद आयेगा।
बाबूलाल जी गुस्से में ऐसे ही लौट गये। शर्मा जी भी घर में आ गये। टी़ वी़ खोला, तो ह्यआआपाह्ण विधायक विनोद बिन्नी केजरीवाल पर तानाशाही के आरोप लगा रहे थे। उधर योगेन्द्र यादव बिन्नी को भाजपा का पिट्ठू बता रहे थे, तो वहीं बिन्नी उन्हें कांग्रेस का दलाल।
शर्मा जी को इस तमाशे की आशंका तो थी; पर यह ह्यहनीमून पीरियडह्ण में ही होने लगेगा, ऐसा अनुमान नहीं था। ह्यमोदी रोकोह्ण अभियान को दम तोड़ते देख वे निराश हो उठे। उन्होंने ह्यआआपाह्ण के बैनर, पोस्टर, टोपी और पर्चे फाड़कर झाड़ू पर रखे और आग लगा दी।
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