मोदी के मोमी पुतले का अनावरण
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महागर्जना रैली से पहले भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में लीला होटल में मोदी के मोम के बने हूबहू पुतले का लोकार्पण किया। पुतला इतना जीवंत था कि राजनाथ ने तो आगे बढ़कर हाथ मिलाने का अभिनय तक किया। मोदी को यह मोमी पुतला लोनावला के ह्यवैक्स म्यूजियमह्ण में लगाया जाएगा। पुतला मूर्तिकार संदीप कोंडूलू ने बनाया है।
मुम्बई रैली में मुम्बई के 10 हजार चाय वालों को वीआईपी पास दिए गए थे। यह जानकारी दिए जाने पर मोदी ने कहा कि देश में परिवर्तन आना शुरू हो गया है। अब सिर्फ चाय वाला ही नहीं, बल्कि हर गरीब वीआईपी होगा।
यातायात चाक-चौबंद
महाराष्ट्र और आसपास से लोगों को लाने के लिए पार्टी ने 22 ट्रेनों की व्यवस्था की थी। रेल विभाग ने अपनी ओर से 21 से 23 दिसम्बर के बीच मुम्बई से आने-जाने वाली 44 विशेष रेलगाडि़यां चलाईं। इसके अलावा मुम्बई की नगर बस सेवा ह्यबेस्टह्ण की एक हजार बसेंें जुटी थीं।
अमरीका का ऐतराज
जिस बांद्रा-कुर्ला परिसर के मैदान में रैली आयोजित की गई थी उसी के पास अमरीकी कांसुलेट भी है। भारत सरकार ने देवयानी खोबरागडे मुद्दे पर भारत में अमरीकी प्रतिष्ठानों से अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था हटा दी है। इसलिए रैली से कांसुलेट की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, यह कहते हुए अमरीकी दूतावास ने वहां रैली के आयोजन को लेकर ऐतराज जताया था, जिसे भारत सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है। भाजपा ने भारत में अमरीकी राजदूत नैंसी पॉवेल को पहले रैली में आने का न्योता दिया था, लेकिन देवयानी मामले में अमरीकी हेकड़ी के बाद न्योता रद्द कर दिया था। अन्य देशों के राजदूत और अधिकारी सिर्फ उपस्थित ही नहीं थे बल्कि भारी भीड़ देख कर जोश में अपनी सीटों से उठकर ओर से छोर तक नजरें दौड़ाने की कोशिश भी कर रहे थे।
7820078200
मंच से बीच बीच में जब यह घोषणा की जाती कि मोदी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए बोले जाने वाले नंबर पर ह्यमिस कॉलह्ण दें तो लगभग सभी युवा श्रोता अपने अपने मोबाइल फोन ऊंचे उठाकर और मंच से बोले जा रहे नंबर को दोहराते हुए डायल करते। ऐसे में पूरे मैदान में गूंजता था वह नंबर-7820078200़
लाइट वाला गुजरात
नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में एक किस्सा सुनाया। वे एक बार महाराष्ट्र और गुजरात के बीच सीमान्त सड़क से गुजर रहे थे। वहां पड़ने वाले गांवों को देखकर उन्होंने पूछा, कैसे पता चलता है कौन सा गांव गुजरात का और कौन सा महाराष्ट्र का है? अफसर ने तुरंत जवाब दिया, जिस गांव में लाइट दिखती है वह गुजरात का और जिसमें अंधेरा है वह गांव महाराष्ट्र का है।
अभूतपूर्व उत्साह
रैली में मुम्बई और आस पास के कई शहरों से आने वाले लोगों का सुबह साढ़े आठ बजे से ही बांद्रा-कुर्ला परिसर मैदान पर पहंुचने का जो क्रम चालू हुआ वह दोपहर डेढ़ बजे तक जारी रहा। मराठवाड़ा, लातूर, नासिक, यवतमाल, बीड आदि स्थानों और मुम्बई,नवी मुम्बई, ठाणे से जत्थे के जत्थे पहुंच रहे थे। बाल ठाकरे की सभाओं के लिए प्रसिद्ध शिवाजी पार्क मैदान से चार गुना बड़ा 48 हजार वर्ग मीटर का वह मैदान ग्यारह बजे तक भरने लगा था। मैदान में जगह जगह ट्रकों पर बड़ी स्क्रीन लगाई गई थीं जिससे लोग दूर से ही मंच का नजारा ले सकें।
युवाओं की भारी तादाद
मोटा अंदाजा लगाएं तो श्रोताओं में 70 से 80 फीसदी युवा थे। वर्धा के दत्ता मेघे कालेज के 40 छात्र आए थे, गढ़ चिरोली, लातूर आदि स्थानों के युवा भी अच्छी खासी संख्या में थे। पांजरापोल और बोरीवली में युवाओं के दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई थी। पार्टी ने बाहर गांव से आने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से 5 लाख भोजन पैकेट वितरित किए थे।
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