पीटर यंगरीन की चंगाई सभा
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ँपीटर यंगरीन नामक कनाडा के व्यक्ति सरकारी संरक्षण में ह्यचंगाई सभाह्ण के नाम से हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति को मिटाने के कार्य के लिए आए थे। श्री अटल बिहारी बाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तो उस समय उनके भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी, उन्हें सोनिया गांधी जी के द्वारा पुन: मतांतरण हेतु भारत में भ्रमण कराया जा रहा है। यह कहना था विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल का, गत 12 नवंबर को इलाहाबाद में संवादददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पीटर यंगरीन का वीजा ह्य कांफ्रेंस वीजा ह्ण होने के कारण वह केवल सरकारी संस्थाओं के कार्यक्रमों में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय की पूर्वानुमति से भाग ले सकते हैं।
बावजूद इसके सभी कानूनों को तोड़ते हुए उनके कार्यक्रमों का आयोजन स्वतंत्र तौर पर गैरकानूनी रूप से किया गया । भारतीय कानून ने उन्हें भारत में चंगाई सभाओं के माध्यम से मतांतरण कराने का कोई अधिकार नहीं दिया है।
भारत में 1969 के बाद से मिशनरी वीजा का निषेध हो चुका है, लेकिन उसकी खुली अवहेलना की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रयाग मंे ह्यपीटरह्ण यंगरीन के इस गैरकानूनी कार्य को अदालत एवं प्रशासन के माध्यम से रोकने के लिए प्रजातांत्रिक विरोध की प्रक्रियाओं द्वारा दबाव डाला गया, लेकिन इसे कानून की राह बताने वाले लोगों के साथ जिस क्रूरता के साथ सरकारी हिंसा का जो तांडव किया गया, वह अंग्रेजों के शासन की यादें ताजा करने वाला था।
श्री सिंहल ने कहा हजारों पीढि़यों ने जिस संस्कृति को भारत में जन्म दिया है, ह्यचंगाई सभाओं ह्ण के माध्यम से उस संस्कृति की हत्या का प्रयास किया जा रहा है, कभी ऐसा ही कार्य जिहादियों द्वारा हमारे मंदिरों को तोड़कर तथा उनका निर्मूलन कर हमारी संस्कृति को नष्ट करने के लिए किया जा रहा था, लेकिन आज सम्पूर्ण भारत धर्म – संस्कृति की रक्षा हेतु डट कर मुकाबला करने के लिए तैयार है। प्रयाग में हजारों नवयुवकों ने जिस तरह शांतिपूर्वक पीटर यंगरीन का विरोध किया, वह इसका साक्षी है। आज मोदी की सम्पूर्ण समाज एवं विशेषरूप से नवयुवकों में बढ़ती लोकप्रियता से भयग्रस्त होकर समाज को भ्रमित करने का अनेक प्रकार से प्रयास किया जा रहा है।
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