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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इंटरनेशनल इस्लामिक यूनीवर्सिटी में बड़े ओहदे पर बैठे दो अधिकारियों को अपनी पकी-पकाई नौकरी से महज इसलिए हाथ धोना पड़ा क्योंकि उन्होंने महिला कर्मचारियों से बात करने की 'गुस्ताखी' की थी। यूनीवर्सिटी के सऊदी मुखिया अहमद यूसुफ अल-दरवेश ने वित्तीय प्रकोष्ठ के निदेशक और मानव संसाधन निदेशक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया क्योंकि उन्होंने साथी महिला कर्मचारियों से बात की थी। मानव संसाधन निदेशक तो 30 साल से नौकरी पर था। इसी तरह कट्टर ख्याली दरवेश ने हास्टल के प्रोवोस्ट को पद से हटा दिया क्योंकि कुछ छात्रों ने शिकायत की थी कि उसने इंटरनेट पर कोई फिल्म देखी थी। मजेदार बात यह है कि दरवेश को न उर्दू आती है, न अंग्रेजी। कर्मचारियों में जो अरबी बोल लेता है उसकी चांदी हो जाती है। यूनीवर्सिटी सरकारी है, पर 23 हजार छात्रों में से ज्यादातर दरवेश के आसपास भी नहीं फटक सकते। और सुनिए, हाल में दरवेश ने उर्दू के एक शिक्षक को निकालने का फरमान महज इसलिए सुना दिया क्योंकि उसने उर्दू में अपना व्याख्यान दिया था। हालांकि दबाव पड़ने पर वह फरमान पलट लिया गया। आलोक गोस्वामी
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