र की पुलिस ने प्रवीण भाई को जम्मू में प्रवेश करने से रोकाअलगाववादियों को शह देने के लिएकेन्द्र और राज्य सरकार की साठगांठ
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जिस देश में हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को राजधानी दिल्ली में आकर जम्मू–कश्मीर की 'आजादी' और भारत को बुरा–भला कहने की छूट दी जाती है, जहां यासीन मलिक जैसे कट्टर पाकिस्तान परस्त तत्व को दिल्ली आकर पाकिस्तानी नेताओं से मिलने की छूट दी जाती है, उस देश में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया को भारत के ही एक प्रांत में प्रवेश नहीं करने दिया गया। गत 21 फरवरी को डा.तोगड़िया जम्मू गए थे जहां उन्हें एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेना था और श्री रघुनाथ मंदिर में दर्शन करने थे। लेकिन सुबह विमान से उतरने के बाद उन्हें स्थानीय पुलिस और अतिरिक्त जिलाधिकारी ने हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया। उनसे कहा गया कि उनके शहर में जाने से 'राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी।' डा. तोगड़िया को हवाई अड्डे के बाहर उनके इंतजार में उनकी दवा वगैरह लेकर खड़े विहिप कार्यकर्त्ताओं से भी नहीं मिलने दिया गया। प्रशासन ने दोपहर बाद के विमान से उन्हें लौटा दिया।
पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए डा.तोगड़िया ने कहा कि भारत के एक आम नागरिक के नाते उन्हें जम्मू में प्रवेश करने से रोककर राज्य सरकार उन अलगाववादियों को शह दी है जो दावा करते रहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं है। यह मेरे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भगवान रघुनाथ के दर्शन करने से रोकना मेरे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है। हवाई अड्डे में राज्य की पुलिस केन्द्र सरकार की अनुमति से आई थी। इसका मतलब केन्द्र और राज्य, दोनों की सरकारों ने भारत के एक नागरिक को जम्मू में आने से रोकने के लिए साठगांठ की थी। यह कदम साफ तौर पर जिहादी अफजल के समर्थकों की मदद के लिए उठाया गया था। अफजल के हमदर्दों ने बदला लेने की घोषणा की थी और केन्द्र तथा राज्य सरकार ने विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष को हवाई अड्डे से लौटाकर उन तत्वों की मदद की है। यह कदम धर्म के आधार पर भेदभाव दर्शाता है, यह असंवैधानिक और हिन्दू विरोधी है।
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