मुस्लिम महिलाओं को मनमोहन सरकार की सलाहगोमांस खाओ, खून बढ़ाओ!!
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मेरठ से अजय मित्तल
भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री रहमान खान ने कहा–
l पुस्तिका वापस लेने के आदेश दे दिए हैं
l अनुवाद की गलती से उपजा भ्रम
l जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी
l 'बीफ' पर कानूनी राय लेंगे
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा–
l हिन्दुओं को जानबूझकर अपमानित करने का प्रयास
l सरकार माफी मांगे और पुस्तकों को वापस ले
l पुस्तक तैयार करने वालों पर मुकदमा चले
l पूरे देश में सरकार पर दबाव बनाएंगे
बंटी पुस्तकें कैसे वापस लेगी सरकार?
अल्पसंख्यकों को नहीं, सरकार को दिक्कत है गाय से
l गाय का घी दवा है, दूध शफा है और गोश्त मर्ज है
–मोहम्मद साहब, हदीस के अनुसार
l बैल को मारना, मनुष्य को मारने के समान है
–बाइबिल
l जहांगीर ने गोवध करने वालों को फांसी देने का कानून बनाया था
l बाबर ने गोवध पर पूर्ण पाबंदी लगाई
l मैसूर के बादशाह हैदर अली ने गोहत्यारे के हाथ काटने के आदेश दिए।
l शाहजहां ने गाय काटने पर पाबंदी लगाई।
l बहादुर शाह जफर ने गोहत्यारे को तोप के गोले से उड़ाने का आदेश दिया।
गाय को माता के रूप में पूजने वाले हिन्दुस्थान की सरकार गाय के ही भक्षण की खुलेआम सलाह दे रही है! तमाम आंदोलनों, गोहत्या बंदी के लिए सैकड़ों बलिदानों, ढेरों आश्वासनों के बावजूद क्या इस सरकार से यह उम्मीद की जा सकती है कि वह गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगी? केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्यों के मंत्रालय ने हिन्दू भावनाओं का जिस प्रकार बेशर्मी से मजाक उड़ाया है, वह असाधारण है। यह अतिशयोक्ति नहीं, बल्कि अक्षरश: सत्य है और केन्द्र सरकार का यह दिमागी दिवालियापन दिखा मेरठ में, जहां मंत्रालय की ओर से बांटी गई 'पोषण' पुस्तिका में साफ-साफ लिखा है- 'गोमांस खाना ऑक्सीजन और खून बढ़ाने के लिए आवश्यक है। यह लोहे (आयरन) का अच्छा स्रोत है।' इस प्रकार की सलाह भारत सरकार मुस्लिम महिलाओं को दे रही है।
मुस्लिम महिलाओं को गोमांस खाने की सलाह देने वाली यह पुस्तिका हिन्दी और अंग्रेजी, दो भाषाओं में छपी है। 24 पृष्ठों की इस पुस्तिका में 'कुपोषण की समस्या दूर कर स्वस्थ जीवन जीने के तरीके' बताए गए हैं। विशेषकर आहार के द्वारा स्वास्थ्य प्राप्ति पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तिका की पृष्ठ संख्या 6 पर क्रम संख्या 10 के सामने आयरन (लोहे) की कमी दूर करने के लिए गाय का मांस खाने को कहा गया है। अंग्रेजी की पुस्तिका में गोमांस के स्थान पर 'बीफ' शब्द इस्तेमाल किया गया है।
जैसे ही इस पुस्तिका की सलाह की जानकारी हिन्दू समाज को लगी, लोग आक्रोशित हो उठे। लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और वे इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। उ.प्र. के मेरठ में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए।
लोग इतने उद्वेलित थे कि उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का घेराव किया। जनाक्रोश को भांपते हुए जिलाधिकारी ने पुस्तिका को प्रतिबंधित करने की घोषणा कर दी।
भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मेरठ में पुस्तिका बांटे जाने के विरुद्ध जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। यहां लोगों ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। यहां सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि आगामी बजट सत्र में भाजपा इस विषय को संसद में जोर-शोर से उठाएगी। उन्होंने कहा कि गाय करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। गाय के प्रति इस प्रकार की मानसिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापौर श्री हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोवंश की हत्या पर प्रतिबंध है, जबकि पुस्तिका में जानबूझकर गाय के मांस को 'आयरन', आक्सीजन तथा खून बढ़ाने के लिए जरूरी बताया गया है। यह गोहत्या को परोक्ष रूप से शह देने जैसा ही है। भाजपा द्वारा विरोध जताए जाने के बाद जिला अधिकारी ने पुस्तिका को प्रतिबंधित कर दिया।
मुस्लिम महिलाओं को गोमांस खाने की सलाह देने वाली पुस्तिका अखिल भारतीय उपभोक्ता परिषद द्वारा सामने लाई गई। पुस्तिका की 500 प्रतियां मवाना में बांटी गई हैं। उपभोक्ता परिषद ने जब यह बात उजागर की तो पुस्तिका के विरुद्ध आक्रोश की लहर मवाना सहित पूरे मेरठ में फैल गई। सवाल यह है कि, सरकार कहती है, प्रतियां वापस कर ली गईं, लेकिन पूरे जिले में बंटीं प्रतियां कहां-कहां से और कैसे वापस लेगी सरकार?
साथ में तरुण सिसोदिया और राजेन्द्र अटल
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