रामकृष्ण मिशनजीव सेवा से शिव सेवा-अरुण कुमार सिंह
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

रामकृष्ण मिशनजीव सेवा से शिव सेवा-अरुण कुमार सिंह

by
Jan 21, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 21 Jan 2013 12:51:01

स्वामी विवेकानंद कहते थे, 'हर एक स्त्री को, हर एक पुरुष को और सभी को ईश्वर के ही समान देखो। तुम किसी की सहायता नहीं कर सकते, तुम्हें केवल सेवा करने का अधिकार है…यदि ईश्वर के अनुग्रह से उसकी किसी संतान की सेवा कर सकोगे तो तुम धन्य हो जाओगे।…केवल ईश्वर पूजा के भाव से सेवा करो। दरिद्र व्यक्तियों में हमको भगवान देखना चाहिए, अपनी ही मुक्ति के लिए उनके निकट जाकर हमें उनकी पूजा करनी चाहिए। जीव की सेवा ही शिव की सेवा है।'

अपने इन विचारों को क्रियान्वित करने के लिए ही स्वामी विवेकानंद ने 1 मई, 1897 को अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। उसी वर्ष जनवरी माह में स्वामी जी विदेश से लौटे थे। रामकृष्ण मिशन, दिल्ली से जुड़े श्री लक्ष्मीनिवास झुनझुनवाला का मानना है कि विदेशों में स्वामी जी ने पश्चिमी देशों की संगठन शक्ति देखी और उनके सेवा कार्यों को परखा। इसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि हिन्दुत्व को बचाने के लिए हमें भी संगठित होना पड़ेगा, सेवा कार्यों के माध्यम से समाज को जागरूक करना पड़ेगा। इस तरह के विचारों पर भारी मंथन के पश्चात् रामकृष्ण मिशन से जुड़े संन्यासी और अन्य लोग सेवा के क्षेत्र में उतरे।

उन दिनों देश में प्लेग बीमारी खूब फैलती थी, भुखमरी भी बहुत थी। मिशन के संन्यासी और कार्यकर्त्ता प्लेग पीड़ितों की सेवा में जुटे रहते थे और भूखों के लिए भोजन की व्यवस्था करते थे। स्वयं विवेकानन्द जी प्लेग पीड़ितों की सेवा करते थे। उन्हीं दिनों स्वामी विवेकानंद के गुरु भाई स्वामी अखंडानंद महूला (सारगाछी) पहुंचे। वहां उन्होंने प्लेग पीड़ित लोगों की दुर्दशा देखी। पहले तो उन्होंने उनके लिए राहत कार्य शुरू किया। फिर उनके बच्चों को शिक्षित और संस्कारित करने के उद्देश्य से उन्होंने 15 मई 1897 को एक अनाथ आश्रम की स्थापना की। यह आश्रम रामकृष्ण मिशन का पहला सेवा प्रकल्प था, जो आज भी है।

चिकित्सा सेवा

इसके कुछ दिन बाद स्वामी विवेकानंद हिमालय की यात्रा के लिए निकले। रास्ते में उन्होंने वाराणसी, कनखल (हरिद्वार) जैसे तीर्थ स्थानों में साधु-संतों और आम लोगों की परेशानियों को देखा। उन्हें सबसे बड़ी परेशानी लगी बीमारी। साधु-सन्त और आम आदमी चिकित्सा के अभाव में असमय ही काल-कवलित हो रहे थे। अत: स्वामी जी ने 1900 में वाराणसी में सेवाश्रम नाम से एक चिकित्सालय शुरू करवाया। फिर 1901 में कनखल (हरिद्वार) में सेवाश्रम शुरू हुआ। चिकित्सालय के सफल संचालन तथा महात्माओं और गरीबों की सेवा करने के लिए कलकत्ता से स्वामी कल्याणानंद जी को हरिद्वार भेजा गया। वह सेवाश्रम आज भी लोगों की सेवा में रत है। अब तो इस सेवाश्रम का काफी विस्तार हो गया है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस अस्पताल में 150 शायिकाएं हैं। वाराणसी का सेवाश्रम भी अब काफी बड़ा हो गया है। 1902 में स्वामी विवेकानंद ने यह शरीर छोड़ दिया। पर तब तक रामकृष्ण मिशन का नाम पूरी दुनिया में फैल चुका था। मिशन के सेवा कार्यों से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे थे। तो बहुत लोग मिशन के सेवा कार्यों को खुलकर मदद कर रहे थे। इसलिए मिशन के सेवा कार्य बढ़ते ही गए। 1907 में वृंदावन में सेवाश्रम शुरू हुआ।

तीर्थस्थलों के अलावा देश के कई नगरों में मिशन के सेवाश्रम और अस्पताल चल रहे हैं। इनमें हर तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। बहुत ही न्यूनतम शुल्क पर कोई भी मरीज इन सुविधाओं का लाभ उठाता है। कुछ वर्ष पहले टीबी भी एक बड़ी बीमारी होती थी। रामकृष्ण मिशन ने कई नगरों में अनेक टीबी उपचार केन्द्रों की स्थापना की। करोलबाग, नई दिल्ली का टीबी उपचार केन्द्र दिल्ली का सबसे पुराना टीबी अस्पताल है। रामकृष्ण मिशन के टीबी उपचार केन्द्रों में उस समय भी मुफ्त दवा दी जाती थी जब और जगह मरीजों को पैसे से भी दवा नहीं मिल पाती थी। हालांकि अब तो टीबी की दवा हर सरकारी अस्पताल में मुफ्त मिलती है। मिशन के अस्पतालों में कुष्ठ रोग, नेत्र रोग, बाल रोग, स्त्री रोग, तंत्रिका रोग आदि का सफल इलाज न्यूनतम शुल्क पर होता है। ये अस्पताल हर वर्ष सैकड़ों चिकित्सा शिविर भी लगाते हैं, जिनसे लाखों लोगों को फायदा होता है।

स्वास्थ्य सेवा के अलावा रामकृष्ण मिशन शिक्षा, युवा एवं महिलाओं के कल्याण, ग्रामीण और वनवासी क्षेत्रों में समाजोपयोगी कार्य, राहत एवं पुनर्वास जैसे प्रकल्पों को चलाता है।

शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का बहुत बड़ा योगदान हो रहा है। मिशन और मठ द्वारा संचालित शिक्षा केन्द्रों से हर वर्ष करीब 4 लाख छात्र पढ़कर निकलते हैं। इनके शिक्षण संस्थानों में नाममात्र के शुल्क पर उच्च स्तर की शिक्षा दी जाती है। पूरे देश में मिशन के 1239 शिक्षण केन्द्र हैं, जिनमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कम्प्यूटर केन्द्र आदि शामिल हैं। रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ, कोलकाता में कुछ वर्ष पहले रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय शुरू हुआ है। इस विश्वविद्यालय में गणित, आपदा प्रबंधन, गरीबी निराकरण और ग्रामीण विकास विषय की पढ़ाई होती है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है गणित में ऐसी प्रतिभा को बढ़ावा देना जो दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़े। उसी तरह आपदा प्रबंधन में यह सिखाया जाता है कि दुर्भाग्यवश कभी भारत पर परमाणु बम गिराया गया तो उससे कैसे निपटा जाए। यह विश्वविद्यालय भी बहुत ही न्यूनतम शुल्क पर शिक्षा देता है।

ग्रामीण एवं वनवासी क्षेत्रों में कार्य

रामकृष्ण मिशन एवं मठ द्वारा ग्रामीण और वनवासी क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाता है, पेय जल उपलब्ध कराया जाता है, अल्प खर्च वाले शौचालय बनाए जाते हैं और धार्मिकता एवं नैतिकता को बढ़ावा देने वाले वर्ग लगाए जाते हैं। इनके अलावा किसानों को भी कई तरह की मदद दी जाती है। मिट्टी जांच, अत्याधुनिक खेती की प्रणाली, आर्थिक सहायता, बंजर भूमि को उपयोगी बनाने के तरीके, पौधरोपण जैसे कार्यक्रम बड़े पैमाने पर होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षणिक और स्वावलम्बन बनाने वाले व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। बच्चों के लिए नि:शुल्क विद्यालय चलाए जाते हैं, उन्हें छात्रवृत्ति और पठन सामग्री दी जाती है। कामकाजी ग्रामीण लोगों के लिए रात्रिकालीन पाठशालाएं चलती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चल चिकित्सालय वाहन भी चलते हैं, जिनसे लोगों को बड़ी मदद मिलती है।

राहत एवं पुनर्वास कार्य

देश के जिस भी भाग में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या घटना घटी रामकृष्ण मिशन ने राहत पहुंचाने की हर संभव कोशिश की। फिर पीड़ितों के लिए पुनर्वास का कार्य भी किया। बंगलादेश और श्रीलंका में भी मिशन ने पुनर्वास कार्यों में सहयोग किया है।

महिला कल्याण कार्यक्रम

रामकृष्ण मिशन और मठ के तत्वावधान में महिला कल्याण के लिए अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं की देखरेख के लिए कोलकाता, वृंदावन, तिरुअनंतपुरम आदि नगरों में अस्पताल और औषधालय चल रहे हैं। वृद्ध महिलाओं के लिए वाराणसी में एक वृद्धाश्रम है। चैन्ने में शारदा विद्यालय मिशन सेंटर में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा लड़कियों को दी जाती है। इस केन्द्र का बहुत बड़ा परिसर है। कोलकाता,लखनऊ, वृंदावन, ईटानगर और तिरुअनंतपुरम में नर्स प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है।

1897 में रामकृष्ण मिशन के नाम से जो पौधा रोपा गया था आज वह विशाल वृक्ष का रूप धारण कर चुका है। इसकी 176 शाखाएं पूरे भारत में हैं। इनकी छाया तले प्रतिदिन हजारों प्राणी सुकून पाते हैं, लाखों रोगी निरोग होते हैं, अनगिनत अनपढ़ बच्चे शिक्षित होते हैं, बड़ी संख्या में युवा स्वावलंबी बनते हैं और सबसे बड़ी बात करोड़ों लोग भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से अवगत होते हैं। बंगलादेश, फिजी, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका, सिंगापुर सहित कई देशों में भी रामकृष्ण मिशन और मठ के कार्य हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान की गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुआ पुंछ का एक मकान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : बाज नहीं आना, नागरिक निशाना

दुश्मन कांप जाते हैं… : आदमपुर एयरबेस से दहाड़े PM मोदी, कहा- हमारी सेना न्यूक्लियर ब्लैकमेल की हवा निकाल देतीं हैं

CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 : 88.39% विद्यार्थी पास, लड़कियों ने मारी बाजी, ऐसे चेक करें स्कोरकार्ड

कुत्ते की मौत मारे गए लश्कर के आतंकी : शोपियां में सुरक्षाबलों ने 3 दहशतगर्दों को ठोंका, ऑपरेशन जारी…

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान की गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुआ पुंछ का एक मकान

‘ऑपरेशन सिंदूर’ : बाज नहीं आना, नागरिक निशाना

दुश्मन कांप जाते हैं… : आदमपुर एयरबेस से दहाड़े PM मोदी, कहा- हमारी सेना न्यूक्लियर ब्लैकमेल की हवा निकाल देतीं हैं

CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 : 88.39% विद्यार्थी पास, लड़कियों ने मारी बाजी, ऐसे चेक करें स्कोरकार्ड

कुत्ते की मौत मारे गए लश्कर के आतंकी : शोपियां में सुरक्षाबलों ने 3 दहशतगर्दों को ठोंका, ऑपरेशन जारी…

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

PM Modi Adampur airbase visit

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को सराहा

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies