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केंद्र पर बनाना होगा दबाव
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व अयोध्या स्थित मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास सारे हालात से अवगत हैं। अयोध्या आंदोलन में रामजन्मभूमि न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष व गोरक्षपीठ के महंत अवैेद्यनाथ व दिगंबर अखाड़ा (अयोध्या) के तत्कालीन महंत (दिवंगत) रामचंद्र परमहंस दास के साथ पूरी शिद्दत से लगे रहे महंत नृत्यगोपाल दास का कहना है कि 20 साल बाद अब मंदिर को शांतिपूर्वक बनाने का समय आ चुका है। इसके लिए केंद्र में ऐसी सरकार चाहिए जो हिंदू हितों के लिए काम करे। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि हिंदू समाज एकजुट हो और अपनी ताकत का प्रदर्शन कर उस पर दबाव बनाए। सभी संतों को एक मंच पर आकर हिंदू समाज का मार्गदर्शन करना होगा। पिछले 20 सालों को किस रूप में देखते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि 20 साल में मंदिर निर्माण के संबंध में जो प्रगति होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई। इसका सबसे बड़ा कारण न्यायालय में वाद का लंबित होना है। अब उच्च न्यायालय का निर्णय आ चुका है, वह रामलला के पक्ष में है, हालांकि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है तथापि रामलला का पक्ष मजबूत है। वह जमीन न निर्मोही अखाड़े की है और न ही मुसलमानों की, सारी भूमि रामलला की है। उस पर उनका पूरा अधिकार है। इसलिए राम मंदिर तो वहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि संतों को किसी भी राजनीतिक दल पर भरोसा नहीं रह गया है। संतों को भरोसा है तो केवल हिंदू समाज पर और वह केवल उनकी एकजुटता पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। कोई राजनीतिक दल स्वेच्छा से हमारे साथ आता है तो उसे हमारी शर्तों पर आना होगा। उसे रामंदिर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतानी ही होगी। हमें अपने भगवान पर भरोसा है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या की पंचकोसी शास्त्रीय सीमा के भीतर कोई भी मस्जिद स्वीकार नहीं होगी। किसी को मस्जिद बनानी हो तो वह इस सीमा से बाहर बनाए, वह भी बाबर के नाम पर नहीं। बाबर के नाम पर तो पूरे देश में कोई मस्जिद हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस देश में करीब एक अरब हिंदू रहते हैं, वे एकजुट हो जाएं तो राम मंदिर बनाने से कोई रोक नहीं सकता है।
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